जबलपुरः मंत्री संपतिया उइके ने राजा शंकरशाह व रघुनाथशाह के बलिदान दिवस पर अर्पित किये श्रद्धासुमन
- महापुरूषों से प्रेरणा लेकर राष्ट्र, धर्म और संस्कृति की रक्षा करते रहें: पीएचई मंत्री
जबलपुर, 18 सितंबर (हि.स.)। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री संपतिया उइके ने बुधवार शाम को राजा शंकरशाह व रघुनाथशाह के बलिदान दिवस पर जबलपुर में रेल्वे स्टेशन के पास स्थित उनकी प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में गढ़ा मंडला के राजा शंकरशाह व रघुनाथशाह ने अपना सर्वस्व बलिदान दिया। उन्होंने अपने बलिदान से स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा दी।
उन्होंने कहा कि ऐसे बिरले ही होते हैं जो अपना सर्वस्व बलिदान कर स्वतंत्रता के लिए एक नई राह दिखाते है। आज का दिन ऐसे बलिदानियों को श्रद्धासुमन अर्पित कर वे गौरवांवित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी आजादी की गौरवगाथा सभी को जानना चाहिए। जिन्होंने अपने राष्ट, धर्म और संस्कृति के लिए झुके नहीं और तोप के मुंह में बंधकर प्राणों की आहूती दी। गोंडवाना सम्राज्य एक वैभवपूर्ण साम्राज्य रहा है। रानी दुर्गावती के शासनकाल में सोने के सिक्के चला करते थे। जिनके शासन में जन कल्याणकारी नीति थे। ऐसे महान शासकों, स्वतंत्रता प्रेमी, जन नायक व बलिदानियों की गौरवगाथा से परिचित कराने के लिए 100 करोड़ की लागत से म्यूजियम तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शंकरशाह व रघुनाथशाह की जन्म स्थली मंडला में भी उनकी भव्य प्रतिमा बनाने का कार्य जारी है तथा उनकी स्मृतियों का जीर्णोद्वार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पीएचई मंत्री होने के नाते वे विभागीय योजनाओं को पूरी तत्परता से आम जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया है। हर घर में नल के द्वारा जल पहुंचाने का कार्य जारी है और ऐसे मजरे टोले जहां अभी तक नल के द्वारा जल नहीं पहुंचा है, उसके डीपीआर बनाने के निर्देश दिए है, ताकि वहां भी नल के द्वारा स्वच्छ पेयजल सुनिश्चित हो सके। साथ ही कहा कि जहां बांध की आवश्यकता है वहां लोग सहयोग करें ताकि बांध से पीने और सिंचाई के लिए पानी मिल सके। उन्होंने आज शंकरशाह व रघुनाथशाह के बलिदान दिवस पर आकर श्रद्धासुमन अर्पित करने वाले सभी लोगों को धन्यवाद देकर कहा कि इतिहास की गौरवगाथा में ऐसे महापुरूषों को हमेशा याद रखें, उनसे प्रेरणा लेते रहें और अपने राष्ट्र, धर्म और संस्कृति की रक्षा करते रहें। इस अवसर पर गढ़ा गोंडवाना के संरक्षक किशोरीलाल भलावी, नेमसिंह मरकाम, राजेन्द्र चौधरी सहित प्रशासनिक अधिकारी व बड़ी तादात में आमजन मौजूद थे।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर