मप्र में आज से प्रारंभ हो गया हमारा संविधान-हमारा स्वाभिमान अभियान
- संविधान के 75 वर्ष पूरे होने पर प्रदेश में चलेगा वर्ष भर अभियान
भोपाल, 26 नवम्बर (हि.स.)। देश में 15 अगस्त 1947 को देश की आजादी के बाद तैयार किया गया संविधान 26 नवम्बर 1949 को अपनाया गया था। इसके बाद देश में 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू किया गया था। संविधान को अपनाने के 75 वर्ष पूरे होने पर संविधान की जानकारी के प्रति जन-जागरूकता के लिये 26 नवम्बर 2024 से वर्ष भर चलने वाला हमारा संविधान-हमारा स्वाभिमान मंगलवार से प्रदेश भर में शुरू हो गया है।
अभियान की शुरूआत में अभियान के दौरान जन-सामान्य को संविधान की प्रस्तावना, संविधान का निर्माण और देश के संविधान पर गर्व करने जैसे बिन्दुओं पर जनप्रतिनिधियों द्वारा मुख्य रूप से जानकारी दी गई। प्रदेश की विभिन्न विभूतियों का स्मरण किया गया, जिनका संविधान निर्माण में उल्लेखनीय योगदान रहा। इस मौके पर संविधान की प्रस्तावना का सामुहिक वाचन किया। इसमें शासकीय सेवकों के साथ आम नागरिकों को भी सहभागिता रही।
जनसंपर्क अधिकारी मुकेश मोदी ने बताया कि वर्ष भर की गतिविधियों को एक डिजिटल प्लेटफार्म पर लाने के लिये वेबसाइट constitution75.com भी तैयार की गई है। वेबसाइट में गतिविधियों की तस्वीरें और वीडियो अपलोड किये जा सकेंगे। इस अभियान में युवाओं और स्कूल के बच्चों को अधिक से अधिक जोड़ने के लिये एक अन्य वेबसाइट https://www.mygov.in: पर संविधान विषय पर निबंध, प्रश्नोत्तरी एवं पोस्टर प्रतियोगिता की तस्वीरें साझा की जा सकती हैं। वर्ष भर चलने वाले हमारा संविधान-हमारा स्वाभिमान जन-जागरूकता अभियान के दौरान प्रदेश की शैक्षणिक संस्थाओं में विशेष आयोजन होंगे। इस संबंध में संसदीय कार्य विभाग ने शासन के समस्त विभागाध्यक्ष, संभागीय आयुक्त और कलेक्टर्स को पत्र जारी कर निर्देश दिये है।
उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान प्रदेश भर की ग्राम पंचायतों में भी सामुहिक रूप से संविधान प्रस्तावना का वाचन किया जायेगा। ग्राम पंचायतों को बाबा साहेब डॉ. बी.आर. अंबेडकर के योगदान का प्रचार करने के लिये मायभारत स्वयं सेवकों के माध्यम से संविधान स्वाभिमान यात्राएं आयोजित की जायेगी। यह यात्राएं अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति घनत्व वाली आबादी में विशेष रूप से होंगी। यात्रा के दौरान बाबा साहेब की प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि अर्पित की जायेगी। ग्राम सभाओं में संविधान के अनुच्छेद-51(ए) में नागरिकों के मौलिक कर्त्तव्यों को पढ़कर सुनाया जायेगा।
हिन्दुस्थान समाचार / उम्मेद सिंह रावत