मप्र विधानसभाः नर्सिंग घोटाले को लेकर विपक्ष का हंगामा, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा में मंत्री सारंग ने दिया जवाब
भोपाल, 2 जुलाई (हि.स.)। मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को नर्सिंग घोटाले को लेकर जमकर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। कांग्रेस विधायक और सदन में उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने नर्सिंग कॉलेज का मुद्दे पर ध्यानाकर्षण लगाया। इसके बाद सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर नियम 138 (1) के तहत चर्चा हुई। विपक्षी सदस्यों के जवाब में सरकार ने कहा कि मामला सामने आने के बाद दोषियों पर लगातार एक्शन लिया जा रहा है। कांग्रेस विधायकों ने मामले में तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग पर गंभीर लगाए, जिसके जवाब मंत्रीसारंग ने दिया।
उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने नर्सिंग कॉलेज का मुद्दे पर ध्यानाकर्षण चचा के दौरान कहा कि नर्सिंग काउंसिलिंग के गठन और कॉलेज को फर्जी तरीके से मान्यता जारी की गई। दिखावे के लिए औपचारिक कार्रवाई की गई है। 3 सत्र से नर्सिंग छात्र का भविष्य अंधकार में है। विभागीय मंत्री ने अपात्र कॉलेजों को मान्यता दी है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल में लंबे समय से रजिस्ट्रार की नियुक्ति अधिनियम के विरुद्ध की जा रही है। प्रदेश के 80% नर्सिंग कॉलेजों में सैकड़ों कमियां हैं। शिक्षा माफिया को फायदा पहुंचाने नियमों का शिथिलीकरण किया गया है।
कटारे ने मंत्री विश्वास सारंग पर हमला बोलते हुए कहा कि जब छात्र अपने भविष्य की गुहार लगा रहे थे, तब जिमेदार स्कॉपियो में ऊपर स्टंट मार रहे थे। इसी को लेकर विपक्ष ने सदन की कार्यवाही लाइव करने की मांग रखी है। हेमंत कटरे ने मांग की है कि पहले तत्कालीन विभागीय मंत्री को वर्तमान मंत्री पद से हटाया जाए। जिससे जांच प्रभावित ना हो। एसीएस को भी वहां पदस्थ किया जाए। जहां से वह जहां प्रभावित न कर सकें। अनसूटेबल कॉलेज के छात्रों को सरकारी खर्चे पर दूसरे कॉलेजों में एडमिशन दिया जाए।
कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने कहा कि मंत्री जी ने कुलपति को निर्देश दिए थे कि कॉलेजों की दोबारा जांच हो और संबद्धता दी जाए। सात दिन में भोपाल के मलय कॉलेज को मान्यता दी गई। दूसरी बैठक में 21 कॉलेज और तीसरी बैठक में 17 ऐसे करीब 40 कॉलेज को नियम विरुद्ध मान्यता दी गई। मान्यता के साथ परीक्षा की अनुमति भी मिली। वहीं, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि नर्सिंग कॉलेजों में घोटाले के लिए तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और विभागीय अधिकारी जिम्मेदार हैं। मंत्री सारंग का इस्तीफा होना चाहिए। मामले की जांच के लिए सर्वदलीय कमेटी बनाई जाए।
इसके बाद मंत्री विश्वास सारंग ने अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब एक शेर के जरिए दिया। उन्होंने कहा कि मालूम था कि दरबान है सूरज, फिर भी लोग मेरे घर को जलाने आए। ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा में सारंग ने कहा कि शुरुआत में मुझे लगा कि आरोप राजनीतिक हैं लेकिन अब ये व्यक्तिगत हो गए हैं। कॉलेजों को परमिशन देने की जिम्मेदारी तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल की तत्कालीन रजिस्ट्रार सुनीता शिजू को दी थी। उन्होंने ही कॉलेज खोलने के लिए परमिशन दी है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में पहले 453, बाद में 445 नर्सिंग कॉलेजों को बिना इंस्पेक्शन मान्यता दी गई। परमिशन संबंधी जो नियम 2018 में भाजपा सरकार ने बनाए थे, वे कांग्रेस गवर्नमेंट में लागू नहीं किए गए। नियम शिथिल करने का काम कांग्रेस सरकार ने किया। इन्होंने ही अकादमिक भवन की अनिवार्यता को नकारा। उनके समय ऑफलाइन आवेदन किया जाता था। बीजेपी की सरकार ने इसे ऑनलाइन किया। स्क्रूटनी कमेटी में मेडिकल कॉलेज के सीनियर प्रोफेसर को शामिल किया गया ताकि गड़बड़ी रोकी जा सके।
सारंग ने कहा कि भाजपा सरकार में छात्रों ने गड़बड़ियों को लेकर ज्ञापन दिया। इस पर मैंने तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री होने के नाते जो पत्र लिखे, उनमें पुनर्विचार करने और एडवाइजरी की बात कही गई थी। कोई भी अनुमति आदेश मेरे द्वारा नहीं दिया गया था। ऐसी कोई भी फाइल मंत्री तक नहीं आती है। सारे निर्णय मेडिकल काउंसिल लेती है।
मंत्री सारंग के जवाब के बीच कांग्रेस नर्सिंग घोटाले की जांच के लिए सर्वदलीय कमेटी बनाने की मांग करती रही। शोर-शराबे के बीच विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने सदन की कार्यवाही बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर आ गए।
जांच कमेटी तय करेगी जिम्मेदारी : शुक्ल
इस मामले को लेकर चिकित्सा शिक्षा मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश पर रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में जांच कमेटी बनी है। यह तय करेगी कि घोटाले का जिम्मेदार कौन है, उसके बाद कार्रवाई की जाएगी। ज्यादा मान्यता देना गुनाह नहीं है, बात यह है कि मान्यता सही होनी चाहिए। उन्होंने ध्यानाकर्षण के सवालों के जवाब में कहा कि 66 अनसूटेबल कॉलेज में से 39 को कांग्रेस सरकार में मान्यता मिली थी। तत्कालीन विभागीय मंत्री विश्वास सारंग पर जो भी आरोप लगाए गए, वे तथ्यहीन और निराधार हैं। यह सारंग के जवाब के बाद साफ हो गया है।
सारंग ने सुनियोजित तरीके से सारा खेल कियाः सिंघार
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि इंडियन नर्सिंग काउंसिल के नियमों में हेरफेर किए गए। कॉलेजों की संख्या बढ़ती रही। नर्सिंग काउंसिल का इलेक्शन नहीं कराया गया। तत्कालीन मंत्री विश्वास सारंग ने सुनियोजित तरीके से यह सारा खेल किया। तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा आयुक्त निशांत वरवड़े ने सरकारी कॉलेज को भी अनसूटेबल बता दिया था। मंत्री के बगैर कोई अधिकारी घोटाला नहीं कर सकता। हाई कोर्ट की फटकार के बाद सरकार ने नर्सिंग स्कूल को नर्सिंग कॉलेज में बदल दिया और वाहवाही लूटने का काम किया। मंत्री का ओएसडी रहा महेंद्र गुप्ता इसमें शामिल है। निजी कंपनी के लोगों को आउटसोर्स पर रखकर मंत्री स्टाफ में शामिल किया गया।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश