ग्वालियरः सामाजिक एवं स्वयंसेवी संस्थाओं को सिखाई गईं आपदा प्रबंधन की बारीकियाँ
- आपदा के जोखिम कम करने के विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का समापन
ग्वालियर, 9 अक्टूबर (हि.स.)। आपदा के समय सामाजिक एवं स्वयंसेवी संस्थाएं किस प्रकार राहत एवं बचाव कार्य में शासन-प्रशासन की मदद कर सकती हैं। साथ ही ये संस्थाएं समाज को आपदा से बचाव के लिए जागृत करने में किस प्रकार कारगर भूमिका निभा सकती हैं। आपदा संबंधित ऐसी तमाम बारीकियाँ रोटरी क्लब, लॉयंस क्लब एवं जन अभियान परिषद से जुड़ीं संस्थाओं के प्रतिनिधियों को सिखाई गईं।
बुधवार को यहाँ जिला पंचायत के सभागार में आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर आधारित दो दिवसीय कार्यशाला का समापन हुआ। आपदा प्रबंध संस्थान भोपाल एवं जिला प्रशासन एवं यूनिसेफ मध्यप्रदेश के समन्वय से यह कार्यशाला आयोजित हुई।
संयुक्त संचालक डॉ. जोसेफ ने अपने प्रस्तुतीकरण में आपदा एवं आपदा के प्रकार, आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005,आपदा प्रबंधन नीति,2009, के साथ-साथ आपदा प्रबंधन चक्र एवं आपदा के पश्चात पढ़ने वाले मनोसामाजिक प्रभाव एवं उससे उबरने के उपायों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की।
संयुक्त कलेक्टर संजीव कुमार जैन ने कहा कि हमें प्राकृतिक आपदाओं के साथ साथ देनिक जीवन में आने वाली मानव निर्मित आपदा एवं दुर्घटनाओं से बचाव के लिए भी कार्य करना चाहिए। स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा ग्राम स्तर पर जन जागरूकता कर लोगों को जागरूक कर आपदा से होने वाली मृत्यु को कम किया जा सकता है। स्वयं सेवी संगठन जन जागरूकता कार्यक्रम चलाकर लोगों को जागरूक करने का प्रयास करें । कार्यशाला में जिला समन्वयक जन अभियान परिषद् श्री धर्मेन्द्र दीक्षित ने भी विचार व्यक्त किए।
आपदा प्रबंध संस्थान भोपाल, गृह विभाग संस्थान में पदस्थ तकनीकी विशेषज्ञ अभिषेक मिश्रा ने भूकंप आपदा प्रबंधन एवं सर्प-दंश प्रबंधन, आगजनी प्रबंधन, प्राथमिक चिकित्सा-सी.पी.आर. व आकाशीय बिजली प्रबंधन पर अपनी बात रखी।
मध्य प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से पधारे जिला सलाहकार अनुराग पचौरी ने आगजनी प्रबंधन के बारे में अपनी प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बात रखी। कार्यक्रम में जिले की लगभग 95 स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिभागियों ने सहभागिता की।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर