जमीन और स्वयं का स्वास्थ्य ठीक रखने के लिए प्राकृतिक खेती अपनाना जरूरीः उप मुख्यमंत्री शुक्ल
- बसामन मामा गौअभ्यारण्य प्राकृतिक खेती माडल 25 दिसंबर को होगा शुभारंभ
रीवा, 07 दिसम्बर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि जमीन और स्वयं को स्वास्थ्य रखना है तो हमें प्राकृतिक खेती को अपनाना होगा। नाम मात्र की लागत वाली इस खेती के लाभ कई हैं। बसामन मामा गौअभ्यारण्य में श्रीश्री रविशंकर जी की संस्था आर्ट आफ लिविंग के स्वयंसेवकों द्वारा प्राकृतिक खेती का माडल तैयार किया जा रहा है। इसके साथ-साथ किसानों को प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
उप मुख्यमंत्री शुक्ल रविवार को रीवा जिले के बसामन मामा गौअभ्यारण्य में किसानों से संवाद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बसामन मामा गौअभ्यारण्य 10 हजार से अधिक गौवंश को आश्रय देने के साथ-साथ प्राकृतिक खेती के भी केन्द्र के रूप में भी तेजी से विकसित हो रहा है। हम प्राकृतिक खेती को अपनाकर ही पर्यावरण, जमीन और भावी पीढ़ी के जीवन को सुरक्षित रख पाएंगे।
उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि बसामन मामा गौअभ्यारण्य में मल्टीलेवल क्रापिंग, औषधि पौधों की खेती, प्राकृतिक विधि से अनाज, फल, सब्जी और फूलों की खेती को वितसित किया जा रहा है। प्राकृतिक खेती प्रकल्प का 25 दिसंबर पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेयी के जन्मदिवस पर समारोह पूर्वक शुभारंभ किया जायेगा। जिस किसान के पास 10 एकड़ जमीन है, वह एक एकड़ में और जिसके पास 50 एकड़ जमीन है, वह 10 एकड़ मे प्राकृतिक खेती करें। इससे धरती में सूक्ष्म जीवों का जीवन सुरक्षित होता है। इन जीवों द्वारा मिटटी की जलधारण क्षमता में पोषकता में वृद्धि की जाती है। रासायनिक खाद के उपयोग से ये जीव नष्ट हो जाते हैं। प्राकृतिक खेती भारतीय परंपरा और प्राचीन ज्ञान पर आधारित है। इससे धरती और किसान दोनों का स्वस्थ्य अच्छा रहना है। आसपास के किसान गौशाला के प्राकृतिक खेती केन्द्र से जीवांमृत तथा अन्य प्राकृतिक खाद और कीटनाशक प्राप्त कर सकते हैं।
समारोह में आर्ट आफ लिविंग संस्था के प्रतिनिधि बघेल ने प्राकृतिक खेती की जानकारी देते हुए कहा कि बसामन मामा गौअभ्यारण्य 10 हजार गौवंश और 150 गौसेवकों के साथ प्राकृतिक खेती का केन्द्र बन रहा है। इसकी चर्चा प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में है। यह परिसर वृंदावन बन गया है। परिसर में शीघ्र ही नवनिर्मित मंदिर में भगवान कृष्ण और गाय की प्रतिमा लगाई जायेगी। गौअभ्यारण्य में प्राकृतिक खेती के पांच प्रकल्प वितसित किये जा रहे हैं। जिनमें उद्यानिकी फसलें, अनाज, फल और सब्जियों का उत्पादन होगा। इनके लिए गुड, बेसन और पानी से जीवांमृत बनाया जा रहा है। इसी तरह गुड, सब्जी और फल के छिलके तथा पानी से बायोएजाइंन बनाया जा रहा है। इसकी एक लीटर मात्रा एक हजार लीटर पानी में मिलाकर 2 एकड़ क्षेत्र में उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने अग्निहोत्र हवन, अग्निहोत्र वाटिका का निर्माण, जीवांमृत निर्माण की जानकारी दी।
उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने बसामन मामा में प्राकृतिक खेती प्रकल्प में बनाये जा रहे मल्टी लेवल क्रापिंग सिस्टम अग्निहोत्र वाटिका, गौशाला तथा औषधि पौधों के रोपण का अवलोकन किया। उप मुख्यमंत्री ने गोबर से खाद, गोकष्ठ तथा गोमूत्र से कीटनाशक बनाने की प्रक्रिया का भी अवलोकन किया। इस अवसर पर पूर्व विधायक के.पी. त्रिपाठी, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी मेहताब सिंह गुर्जर, बसामन मामा प्रबंधन समिति की अध्यक्ष एसडीएम सिरमौर दृष्टि जायसवाल, सचिव डॉ. राजेश मिश्रा, आर्ट आफ लिविंग संस्था के प्रतिनिधि, स्थानीय जनप्रतिनिधिगण तथा किसान उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर