मप्र सहित नक्सल प्रभावित राज्य संयुक्त अभियान चलाकर करेंगे नक्सलियों का खात्मा: मुख्यमंत्री डॉ. यादव
भोपाल, 7 अक्टूबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि नक्सलवाद के खिलाफ मध्य प्रदेश सरकार ने विगत दो वर्ष में जो कदम उठाए हैं, वह पिछले तीन दशक में नहीं उठाए गए। मध्य प्रदेश सहित छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना आदि राज्य संयुक्त अभियान चलाकर नक्सलवादियों का खात्मा करने के लिए संकल्प बद्ध हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में सोमवार को नई दिल्ली में सम्पन्न नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में प्राप्त मार्गदर्शन अनुसार राज्यों द्वारा पूर्ण तालमेल के साथ कार्य किया जाएगा। विकास के मुद्दों दूरसंचार, सड़क संपर्क में वृद्धि, सुरक्षा और अन्य सुविधाओं को बढ़ाकर समन्वय से नक्सलवाद को समाप्त किया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने संयुक्त टास्क फोर्स में वृद्धि पर भी बल देते हुए कहा कि नक्सल विरोधी ऑपरेशन्स बढ़ाए जाएं। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार के प्रयासों में कोई कमी नहीं रहेगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव सोमवार को नई दिल्ली में आयोजित वामपंथी उग्रवाद और नक्सलवाद पर हुई बैठक के बाद मीडिया प्रतिनिधियों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जिस तरह केन्द्र सरकार कार्य कर रही है, उसी तरह केन्द्रीय गृह मंत्री शाह भी सक्रियता से रणनीतिपूर्वक कार्य कर रहे हैं। गृह मंत्री शाह ने नक्सलवाद और वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ ठोस रणनीति बनाई है। यही कारण है कि अब कार्रवाई का इंतजार नहीं करना पड़ता है और ठोस कार्रवाई हो जाती है। ऐसी कार्यवाही का परिणाम भी आता है। लगातार देश के अलग-अलग राज्यों में नक्सलवादी गतिविधियां आखिरी चरणों में पहुंच गई हैं।
डॉ. यादव ने कहा कि आज की बैठक में जैसा केन्द्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा है कि हमें कानून के शासन को स्थापित करना है और कुशासन का अंत करना है। मुझे इस बात का संतोष है कि केन्द्र सरकार ने इस बात को माना है कि हमारी नीति जीरो टॉलरेन्स की है। इस लक्ष्य के आधार पर हम यह कहेंगे कि नक्सलवाद का पूरी तरह खात्मा हो और विकास के सभी प्रकार के आयाम स्थापित हों। खास तौर पर सुरक्षा, सड़क संपर्क, पर्यावरण, दूरसंचार और अन्य गतिविधियों का संचालन जिससे सामान्य जीवन में विश्वास बढ़े।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बैठक में इस बात पर भी जोर दिया गया कि कठोर कार्रवाई के साथ ही पुनर्वास की दृष्टि से भी कार्यवाही होनी चाहिए, जिससे नक्सलवादी, नक्सल गतिविधियाँ छोड़ कर अपने जीवन में बदलाव चाहते हैं और विकास में कदम से कदम मिलाना चाहते हैं, वे समाज की मुख्यधारा में शामिल होने के लिए आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री शाह के मार्गदर्शन में हम इस दिशा में काम करेंगे। यह भी प्रयास रहेगा कि नक्सली गतिविधियों से अव्यवस्था न हो। कानून को अपने हाथ में लेने की किसी को इजाजत नहीं मिलेगी।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर