अनूपपुर:प्रशासनिक लापरवाही बनी मौत की वजह, जमीन विवाद से प्रताड़ित युवक ने लगाई फांसी
आक्रोशित परिजन और ग्रामीणों ने सड़क में शव रख किया चक्का जाम, कार्रवाई के आश्वासन बाद समाप्त हुआ
अनूपपुर, 24 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में प्रशासनिक उदासीनता और लगातार प्रताड़ना से टूटकर एक युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना से आक्रोशित परिजनों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर बुधवार को भालूमांडा सड़क पर शव रखकर चक्काजाम किया। प्रशासन द्वारा उचित कार्रवाई के आश्वासन के बाद घंटों चला चक्काजाम समाप्त हुआ है।
जिले के कोतमा थाना क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 11 कोतमा निवासी सीताराम सिंह का शव बीते दिन थाना क्षेत्र के जंगल में एक पेड़ पर फांसी के फंदे से लटका मिला था। सूचना मिलने पर कोतमा पुलिस मौके पर पहुंची और जांच के दौरान मृतक की जेब से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ था। सुसाइड नोट में साफ तौर पर उल्लेख है कि उसकी जमीन पर विनोद पटेल और कामता पटेल द्वारा अवैध कब्जा कर लिया गया था, जिसकी शिकायत वह लगातार कोतमा नगरपालिका से करता रहा, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई थी।
मृतक प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभार्थी था, जिसके खाते में एक लाख रुपये की राशि आई थी, परंतु जमीन विवाद के चलते वह आवास का निर्माण नहीं कर सका। आरोप है कि नगर पालिका द्वारा उसका बैंक खाता भी लॉक करवा दिया गया, जिससे वह मानसिक तनाव में चला गया था। परिजनों के अनुसार, सीताराम 17 दिसंबर से लापता था। घटना के बाद परिजन और ग्रामीण सड़क पर उतर आए और भालूमांडा सड़क पर चक्काजाम कर न्याय की मांग की। प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा निष्पक्ष जांच और कार्रवाई के आश्वासन के बाद स्थिति सामान्य हुई हैं।
कोतमा थाना प्रभारी रत्नांबर शुक्ला ने बताया कि कल सीताराम सिंह का शव फांसी के फंदे पर लटका हुआ मिला था। उसके पास एक सुसाइड नोट मिला था। जिसमें कामता पटेल और विनोद पटेल पर उसके जमीन पर अवैध कब्ज का आरोप लगाया गया था। 17 दिसंबर से वह लापता था। 18 दिसंबर को परिजनों ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। कल फांसी के फंदे पर शव मिलने पर नाराज होकर आज परिजनों ने चक्काजाम किया था। परिजनों को आश्वासन दिया गया है कि निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद प्रदर्शन खत्म हो गया हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश शुक्ला