पर्यटन में नई ऊँचाइयों की ओर मध्य प्रदेश : देश के अन्य राज्यों को पीछे छोड़ता ‘अतुल्य भारत का हृदय प्रदेश’
भोपाल, 23 दिसंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देशभर में चल रहे सांस्कृतिक पुनर्जागरण के दौर में मध्य प्रदेश ने पर्यटन के क्षेत्र में अभूतपूर्व गति पकड़ी है। डॉ. मोहन यादव की प्रदेश सरकार आज सांस्कृतिक अभ्युदय के लिए प्रतिबद्ध है और हमारी सरकार पर्यटन को अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार बनाने की दिशा में ठोस और दूरगामी कदम उठा रही है। यही कारण है कि बीते वर्षों में राज्य ने पर्यटन के मानचित्र पर एक अग्रणी राज्य के रूप में अपनी सफल पहचान बनाई है। इसका प्रमाण पर्यटकों की संख्या में हुई अभूतपूर्व वृद्धि है। उक्त बातें मंगलवार को पर्यटन, संस्कृति और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी ने पत्रकारों से संवाद करते हुए कही। वे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की भाजपा सरकार के विकास और सेवा के लिए सफल दो वर्ष पूरे होने के अवसर पर भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे अंतरराष्ट्रीय सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता में बोल रहे थे।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2024-25 में प्रदेश में 14 करोड़ से अधिक पर्यटकों का आगमन हुआ, जो पिछले वर्षों की तुलना में लगभग 20 से 25 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। यह वृद्धि देश में सर्वाधिक मानी जा रही है। वास्तव में ये आंकड़ा सरकार की नीतियों, अधोसंरचना विकास, बेहतर कनेक्टिविटी और सशक्त प्रचार-प्रसार का परिणाम है। इसी उत्कृष्ट कार्य के चलते पर्यटन विभाग को पिछले दो वर्षों में 18 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
मंत्री लोधी ने कहा कि आज हमारी सरकार की प्राथमिकता संपूर्ण भारत और वैश्विक पटल पर मध्य प्रदेश को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करना है। उन्होंने कहा कि धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को सशक्त बनाने के लिए 900 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 20 सांस्कृतिक और धार्मिक लोकों का निर्माण प्रदेश भर में किया जा रहा है। ओंकारेश्वर में एकात्म धाम और अद्वैत लोक परियोजना इसका प्रमुख उदाहरण है, जहाँ प्रथम चरण में आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊँची प्रतिमा स्थापित की जा चुकी है और द्वितीय चरण के लिए 2424 करोड़ रुपये से अधिक की स्वीकृति दी गई है। यह परियोजना अद्वैत और वेदांत दर्शन के वैश्विक प्रचार की दृष्टि से ऐतिहासिक मानी जा रही है।
इसी क्रम में श्रीराम वनगमन पथ और श्रीकृष्ण पाथेय जैसी योजनाएँ प्रदेश की धार्मिक विरासत को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिला रही हैं। मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के अंतर्गत बीते दो वर्षों में लगभग 25 हजार तीर्थयात्रियों को लाभ मिला है, वहीं 132 शासन संधारित मंदिरों का जीर्णोद्धार कर धार्मिक स्थलों को सुव्यवस्थित और आकर्षक बनाया गया है।
यूनेस्को धरोहर और वैश्विक पहचान
पर्यटन, मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी का कहना रहा कि प्रदेश की सांस्कृतिक समृद्धि का अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि भारत के कुल 69 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों में से 15 से 18 विरासत स्थल प्रदेश में स्थित हैं। वर्ष 2025 में 15 और स्थलों को यूनेस्को की टेंटेटिव सूची में शामिल किया गया है। ओरछा, मांडू और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व को विश्व धरोहर सूची में शामिल कराने के लिए नॉमिनेशन डोजियर प्रस्तुत किया जा चुका है, जबकि भेड़ाघाट और लम्हेटाघाट के लिए प्रक्रिया प्रगति पर है। साथ ही भोपाल, इंदौर और महेश्वर को ‘क्रिएटिव सिटी’ के रूप में विकसित करना सरकार की प्रमुख प्राथमिकताओं में शामिल है।
उन्होंने बताया कि नई पर्यटन नीति 2025 और नई फिल्म पर्यटन नीति 2025 के लागू होने से निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। बीते दो वर्षों में रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव, मध्यप्रदेश ट्रैवल मार्ट और ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट जैसे आयोजनों के माध्यम से लगभग 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। 500 से अधिक नए होटलों के माध्यम से 20 हजार कक्षों के निर्माण और 500 मार्ग सुविधा केंद्रों की योजना से पर्यटन अधोसंरचना को और मजबूती मिलेगी। इसके साथ ही ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 400 से अधिक होमस्टे प्रारंभ किए गए हैं, जिनसे ग्रामीण परिवारों को 7 करोड़ रुपये से अधिक का प्रत्यक्ष लाभ मिला है। सरकार का लक्ष्य 1000 होमस्टे स्थापित करना है। इससे रोजगार सृजन के साथ-साथ स्थानीय संस्कृति, खान-पान और परंपराओं को भी बढ़ावा मिल रहा है। पचमढ़ी को ‘ग्रीन डेस्टिनेशन’ के रूप में विकसित करने की पहल और रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म परियोजनाएँ मध्यप्रदेश को सतत पर्यटन का मॉडल बना रही हैं।
लक्ष्य: जीडीपी में पर्यटन का 10 प्रतिशत योगदान
राज्य मंत्री लोधी ने स्पष्ट किया कि सरकार का दीर्घकालिक लक्ष्य प्रदेश की जीडीपी में पर्यटन का योगदान बढ़ाकर 10 प्रतिशत करना है। इसके लिए कौशल विकास, महिलाओं और युवाओं के प्रशिक्षण, एडवेंचर टूरिज्म, जल पर्यटन, फूड फेस्टिवल और अंतरराष्ट्रीय विपणन जैसे कई आयामों पर एक साथ कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही राज्य मंत्री लोधी का कहना यह भी था कि डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में सरकार की स्पष्ट नीति, मजबूत इच्छाशक्ति और निरंतर नवाचार ने प्रदेश को पर्यटन के क्षेत्र में ऐसी गति दी है, जो देश के अन्य राज्यों के लिए प्रेरणास्रोत बन रही है। ‘अतुल्य भारत का हृदय प्रदेश’ अब वास्तव में पर्यटन के क्षेत्र में देश का धड़कता हुआ केंद्र बनता जा रहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. मयंक चतुर्वेदी