मध्य प्रदेश स्वयं में देश भर में अग्रणी, नई दिल्ली में आउटरीच बैठक में हुई प्रशंसा
- मप्र का औसत पंजीयन, देश के औसत-पंजीयन 6.7 प्रतिशत से आगे, गैर-तकनीकी विषयों में पंजीयन में अव्वल
भोपाल, 20 दिसंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नेतृत्व में उच्च शिक्षा विभाग लगातार नवीन आयामों को स्पर्श कर रहा है। मध्य प्रदेश राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन में देश भर में अग्रणी भूमिका में है। केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा गत दिवस नई दिल्ली में, देश के सभी राज्यों के नोडल अधिकारियों के लिए स्वयं (SWAYAM) पोर्टल पर उपलब्ध पाठ्यक्रमों के संबंध में एक आउटरीच बैठक आयोजित हुई। बैठक में मध्य प्रदेश की प्रगति को बाकी राज्यों के लिए उदाहरण बताते हुये प्रदेश द्वारा किए गए सभी मुख्य प्रयासों से अन्य राज्यों को अवगत कराया गया।
यह जानकारी शनिवार को जनसम्पर्क अधिकारी राजेश दाहिमा ने दी। उन्होंने बताया कि नई दिल्ली में हुई आउटरीच बैठक में अनेक राज्यों के प्रतिनिधियों ने मध्य प्रदेश को बधाई देते हुए अपने राज्य में आने का निमंत्रण दिया तथा मध्य प्रदेश के प्रयासों को अपने प्रदेश में लागू करने में रूचि व्यक्त की।
मप्र का औसत पंजीयन बढ़कर हुआ 9 प्रतिशत
बैठक में शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव गोविंद जायसवाल ने विभिन्न राज्यों के प्रदर्शन पर एक प्रस्तुति देते हुये, सभी राज्यों से स्वयं (स्टडी वेव्स ऑफ एक्टिव लर्निंग फॉर यंग एस्पायरिंग माइंड्स) पोर्टल पर उपलब्ध पाठ्यक्रमों का लाभ अधिक से अधिक विद्यार्थियों तक पहुंचाने की अपेक्षा व्यक्त की। जायसवाल ने विगत एक वर्ष में पूरे देश में मध्य प्रदेश के प्रदर्शन को सर्वश्रेष्ठ बताया। उन्होंने बताया कि जुलाई 2025 में मध्य प्रदेश का औसत पंजीयन, देश के औसत-पंजीयन 6.7 प्रतिशत, से आगे बढ़कर 9 प्रतिशत हो गया है।
गैर-तकनीकी विषयों में पंजीयन में मध्य प्रदेश में 350% से अधिक की वृद्धि
जायसवाल ने बताया कि मध्य प्रदेश, देश में एकलौता राज्य है जहाँ गैर-तकनीकी विषयों में तकनीकी विषयों से ज्यादा पंजीयन है। गैर-तकनीकि विषयों के पाठ्यक्रमों में मध्य प्रदेश के लगभग 2 लाख (57%) विद्यार्थियों ने तथा तकनीकि विषयों के पाठ्यक्रमों में लगभग 1.5 लाख (43%) विद्यार्थियों ने पंजीयन किया है। जायसवाल ने बताया कि विगत 1 वर्ष में राज्य के पंजीयन में 350% से अधिक की वृद्धि हुई है, जो दर्शाता है कि राज्य द्वारा योजनाबद्ध रूप से प्रयास किए गए हैं।
बैठक में मध्य प्रदेश की सहभागिता और प्रयास कार्यों का समग्र प्रस्तुतिकरण
बैठक में मध्य प्रदेश के राज्य नोडल अधिकारी के रूप में विभाग के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी प्रो अनिल कुमार पाठक ने सहभागिता की। प्रो. पाठक ने शीर्ष नेतृत्व के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश की टीम के द्वारा किए गए प्रयासों की जानकारी प्रस्तुति के माध्यम से दी। प्रो. पाठक ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रावधानों के अंतर्गत ऑनलाइन, ओपन एवं ब्लेंडेड लर्निंग को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा संचालित स्वयं पोर्टल, उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल है।
प्रो. पाठक ने बताया कि मध्य प्रदेश के विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों द्वारा SWAYAM पाठ्यक्रमों में बढ़ती भागीदारी को दृष्टिगत रखते हुए, पंजीयन तथा क्रेडिट-अंतरण की प्रक्रिया को प्रदेश के विद्यार्थियों के लिए अधिक सरल, सुगम एवं प्रभावी बनाए जाने की आवश्यकता अनुभव की जा रही है। मध्य प्रदेश में SWAYAM पोर्टल के पाठ्यक्रमों का लाभ विद्यार्थियों तक पहुंचाने के लिए विशेष प्रयास किए गए हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 को लागू करने के लिए जारी किए गए अध्यादेश में यह व्यवस्था वैधानिक रूप से की गई है कि कोई भी विद्यार्थी पूरे पाठ्यक्रम को पूर्ण करने के लिए कुल आवश्यक क्रेडिट के 40% तक के क्रेडिट का कोर्स इस पोर्टल से कर सकता है। उदाहरणस्वरूप एक विद्यार्थी को यदि स्नातक पाठ्यक्रम के लिए कुल 120 क्रेडिट की आवश्यकता है तो वह 48 क्रेडिट का ऑनलाईन कोर्स इस पोर्टल से कर सकता है, शेष क्रेडिट का कोर्स उसे महाविद्यालय के माध्यम से परंपरागत रूप से करना होगा। इस व्यवस्था को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
प्रो. पाठक ने बताया कि मंत्रालय स्तर पर एक विशेष सेल का गठन किया गया है और संचालनालय, विश्वविद्यालयों तथा महाविद्यालयों के स्तर पर नोडल अधिकारियों को नामांकित किया गया है। सभी विश्वविद्यालयों के कुलगुरु तथा कुलसचिवों की बैठक आयोजित कर आवश्यक निर्देश दिये गए हैं। विश्वविद्यालयों से अपेक्षा की गई है कि वे इस पोर्टल के पाठ्यक्रमों के लिए परीक्षाएँ आयोजित करने की तैयारी प्रारम्भ करें ताकि अधिक से अधिक विद्यार्थी इस व्यवस्था से लाभान्वित हों। प्रो. पाठक ने बताया कि SWAYAM पाठ्यक्रमों से मैपिंग के लिए केंद्रीय अध्ययन मंडल की ऑनलाइन बैठक आयोजित की गई। विश्वविद्यालय स्तर एवं अग्रणी महाविद्यालय स्तर पर नोडल अधिकारियों का प्रशिक्षण आयोजित करनें के लिए समस्त अतिरिक्त संचालकों को निर्देशित किया गया ताकि वह अपने विद्यार्थियों को SWAYAM पाठ्यक्रमों के संबंध में अधिक से अधिक जागरूक कर सकें।
SWAYAM पाठ्यक्रमों के प्रचार-प्रसार एवं जागरूकता के लिए उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान भोपाल के शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के सहयोग से शॉट्स/रील्स बनाए गए तथा इनका उपयोग किया गया। बैठक में शार्ट-वीडियोज़ बनाने के इस प्रयास को काफी सराहा गया। इन वीडियोज़ में कार्य करने वाले विद्यार्थियों को अर्न व्हाईल लर्न योजना के अंतर्गत लाभ भी दिया जा रहा है।
मध्य प्रदेश ने दिए अनेक सुधारात्मक सुझाव, मिला सकारात्मक आश्वासन
बैठक में मध्यप्रदेश द्वारा अनेक सुधारात्मक सुझाव भी दिये गए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की आवश्यकताओं को देखते हुये भारतीय भाषाओं में पाठ्यक्रम उपलब्ध कराने के लिए एक पृथक राष्ट्रीय समन्वयक (नेशनल कोर्डिनेटर) के लिए अनुरोध किया गया। इसके अलावा पाठ्यक्रमों के लिए निर्धारित पंजीयन की तिथियों में लचीलापन लाने, स्टेट डैशबोर्ड को और अधिक बेहतर बनाने, क्रेडिट ट्रांसफर के लिए यूजीसी द्वारा गाइडलाइन जारी करने, स्वयं-प्लस के पाठ्यक्रमों को वर्तमान विनियम में सम्मिलित करने आदि के सुझाव भी दिये गए। मध्यप्रदेश द्वारा प्रस्तुत सभी सुझावों पर केंद्रीय प्रतिनिधियों ने सकारात्मक रूप से विचार करने का आश्वासन दिया। बैठक में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की संयुक्त सचिव डॉ. दीक्षा राजपूत ने भी मध्यप्रदेश के प्रयासों की प्रशंसा की।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर