मप्र पुलिस की तत्परता से विगत 5 दिनों में नौ परिवारों में लौटी खुशियाँ

 


भोपाल, 20 दिसंबर (हि.स.)। “देशभक्ति–जनसेवा” की भावना को साकार करते हुए मध्य प्रदेश पुलिस ने बीते पाँच दिनों में अलग-अलग जिलों में 9 नागरिकों की जान बचाकर अपने सेवा धर्म का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया है। पुलिस जवानों को लगातार प्रदान किए गए विशेष सीपीआर (Cardiopulmonary Resuscitation) प्रशिक्षण तथा संकट की घड़ी में डायल–112 की सूझबूझ, तत्परता और संवेदना ने मौत के मुंह में जा रहे लोगों को नया जीवन दिया।

पुलिस मुख्यालय द्वारा शनिवार को जानकारी दी गई कि आगर मालवा जिले में सामूहिक विवाह सम्मेलन में हृदयगति रुकने से गिर पड़े युवक को होमगार्ड जवान महेश प्रजापति ने तत्परता से सीपीआर देकर जीवन बचाया। वहीं, गुना जिले के नानाखेड़ी मंडी में अचेत होकर गिरे व्यक्ति को आरक्षक अभिनेश रघुवंशी ने समय पर सीपीआर दिया। इसी तरह धार जिले में सड़क दुर्घटना में घायल महिला को थाना प्रभारी प्रवीण ठाकरे ने मौके पर ही सीपीआर देकर नई जिंदगी दी।

पुलिस मुख्यालय द्वारा बताया गया कि इंदौर के थाना राजेंद्र नगर पुलिस ने कर्ज से परेशान एक लॉ स्टूडेंट को, जो सातवीं मंजिल से कूदने वाला था, अपनी संवेदनशीलता और समझाइश से सुरक्षित बचाया। टीकमगढ़ जिले में कलेक्ट्रेट में तैनात होमगार्ड सैनिक इदरीश खान ने आत्महत्या का प्रयास कर रहे व्यक्ति को काबू में कर उसकी जान बचाई। नीमच के जावद क्षेत्र में मोबाइल टॉवर पर चढ़े एक विक्षिप्त व्यक्ति को डायल-112 की टीम ने सूझबूझ से सुरक्षित नीचे उतारा।

इसी प्रकार अवसाद के कारण जहरीले पदार्थ का सेवन करने वाले तीन युवकों (सिवनी में 28 वर्षीय, देवास में 35 वर्षीय और नरसिंहपुर में 35 वर्षीय) के पास डायल-112 की टीम सूचना मिलते ही चंद मिनटों में पहुंची और उन्हें अस्पताल पहुंचाकर समय रहते उपचार सुनिश्चित कराया। इन घटनाओं ने यह सिद्ध किया है कि पुलिस प्रशिक्षण सिर्फ तकनीकी नहीं, बल्कि मानवीय दृष्टिकोण से भी अत्यंत प्रभावशाली सिद्ध हो रहा है। संकट की घड़ी में पुलिसकर्मियों की त्वरित कार्रवाई ने न केवल 9 परिवारों को उजड़ने से बचाया, बल्कि जनता और पुलिस के बीच विश्वास का सेतु और मजबूत किया है। मध्य प्रदेश पुलिस अब केवल कानून व्यवस्था की संरक्षक नहीं, बल्कि हर नागरिक की जान की सुरक्षा में भी एक ‘सजग रक्षक’ के रूप में अपनी भूमिका निभा रही है।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर