मप्र पुलिस को नक्सल उन्मूलन में ऐतिहासिक सफलता, वर्ष 2025 में गंभीर अपराधों में आई कमी

 


भोपाल, 31 दिसंबर (हि.स.)। पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाणा के उत्कृष्ट नेतृत्व, दूरदर्शी सोच और सशक्त दिशा-निर्देशन में मध्य प्रदेश पुलिस ने वर्ष 2025 में प्रदेश में ऐतिहासिक सफलताएँ प्राप्त की हैं। इनमें प्रदेश को नक्सल मुक्त करने से लेकर अपराध नियंत्रण, कानून-व्यवस्था एवं माफियाओं के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही प्रमुख हैं जिनसे न केवल प्रदेश की पुलिस को राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त हुआ है वहीं नागरिकों में भी सुरक्षा का भाव एवं पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ा है।

वर्ष 2025 में मध्य प्रदेश पुलिस के लिए नक्‍सलवाद उन्‍मूलन की दिशा में ऐतिहासिक उपलब्धियों से भरा रहा है। मध्‍य प्रदेश पुलिस ने तीन दशकों से भी अधिक पुरानी नक्सल समस्या के समाधान की दिशा में योजनाबद्ध तरीके से ठोस प्रयास किए और प्रदेश को नक्सल प्रभाव से पूरी तरह मुक्त कर दिया। रौंदा मुठभेड़ में बालाघाट हॉकफोर्स द्वारा 62 लाख के चार इनामी हार्डकोर नक्सली, कोठियाटोला मुठभेड़ में 14 लाख रुपये के इनामी हार्डकोर नक्सली तथा गनेरीदादर–मुण्डीदादर मुठभेड़ में 28 लाख रूपए के इनामी दो हार्डकोर नक्सलियों को मार गिराया गया। इसके अतिरिक्‍त कचुचरुंगपुर कार्रवाई में 14 लाख की इनामी महिला हार्डकोर नक्सली गिरफ्तार की गई। इन सभी कार्रवाइयों में बालाघाट और मण्डला जिलों के हॉकफोर्स, जिला बल एवं विशेष सशस्त्र बल (वि.स.बल) के कुल 64 वीर जवानों को क्रम से पूर्व पदोन्नति प्रदान की गई।

हाल ही में 7 दिसंबर को 10 सशस्त्र नक्सलियों ने आधुनिक हथियारों सहित मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव एवं मध्य प्रदेश पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया, जिन पर विभिन्न राज्यों में कुल 2 करोड़ 36 लाख रुपये का इनाम घोषित था। इससे पूर्व 1 नवंबर 2025 को आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति-2023 के अंतर्गत महाराष्ट्र–मध्यप्रदेश–छत्तीसगढ़ (MMC) जोन की हार्डकोर महिला नक्सली सुनीता (ACM, मलाजखंड–दर्रेकसा दलम) ने हथियारों सहित आत्मसमर्पण किया था, जिस पर छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में कुल 14 लाख रुपये का इनाम था। यह आंकड़े प्रदेश पुलिस की सतर्कता, संवेदनशीलता, तकनीक आधारित कार्रवाई एवं मजबूत कानून-व्यवस्था व्यवस्था को दर्शाते हैं, जिससे नागरिकों में सुरक्षा का विश्वास और अधिक सुदृढ़ हुआ है।

राजस्थान के जयपुर शहर को सीरियल ब्लास्ट से दहलाने की साजिश रचने वाले 11 वें फरार आरोपी फिरोज उर्फ सब्जी को रतलाम पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया। फरार आरोपी फिरोज की गिरफ्तारी पर एनआईए द्वारा 5 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की गई थी। इस दौरान दो पुलिसकर्मियों को क्रम से पूर्व पदोन्नति प्रदान की गई थी।

नशे से दूरी है ज़रूरी” अभियान के माध्यम से वर्ष 2025 में मध्य प्रदेश पुलिस ने नशामुक्त समाज के निर्माण की दिशा में एक व्यापक जनआंदोलन खड़ा किया। इस दौरान प्रदेशभर में जागरूकता रैलियाँ, नाट्य प्रस्तुतियाँ, पोस्टर अभियान और जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित किए गए। कुल 15 हजार से अधिक कार्यक्रमों में 22 लाख 29 हजार नागरिकों ने प्रत्यक्ष सहभागिता की तथा 22 लाख से अधिक लोगों ने नशामुक्त समाज के लिए शपथ ली। सोशल मीडिया के माध्यम से अभियान को 10 करोड़ से अधिक व्यूज़ प्राप्त हुए। इस साल 1 अरब 93 लाख से ज्‍यादा के अवैध मादक पदार्थ, तस्करी में प्रयुक्त वाहन एवं अन्य सामग्री जब्त की गई। वहीं, 55 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध देशी एवं अंग्रेजी शराब जब्त की गई।

डिंडोरी जिले में एसटीएफ टीम ने कार्रवाई कर लगभग 1000 किलोग्राम गांजा, जबलपुर एसटीएफ द्वारा की गई एक अन्य प्रभावी कार्रवाई में 940 किलोग्राम गांजा पकड़ा गया। इसके अतिरिक्त छत्तीसगढ़ सीमा से लगे अनूपपुर जिले में एसटीएफ ने 599 किलोग्राम गांजा, जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 1 करोड़ 80 लाख रुपये है, जब्त किया। विदेशी करेंसी निवेश के नाम पर 20 लाख रुपये की धोखाधड़ी के मामले में एसटीएफ जांच से 30 से अधिक शैल कंपनियों के जरिए संचालित संगठित साइबर ठगी गिरोह का खुलासा हुआ, जो दुबई व अमेरिका से संचालित था, वर्ष 2024 के 9 महीनों में 100 से अधिक खातों में लगभग 3,200 करोड़ रुपये का लेनदेन पाया गया, 5 राज्यों से 13 आरोपी गिरफ्तार किए गए और 250 करोड़ रुपये से अधिक की राशि फ्रीज की गई है, जप्ती जारी है।

वर्ष 2025 में संचालित ऑपरेशन मुस्कान एवं मुस्कान विशेष अभियान के अंतर्गत मध्य प्रदेश पुलिस ने प्रदेशभर से 14 हजार अव्‍यस्‍क बालिकाओं को सकुशल दस्तयाब कर उनके परिजनों से मिलाया। उल्‍लेखनीय है कि पुलिस द्वारा न केवल प्रदेश भर से बल्कि अन्य राज्यों में हजारों किलोमीटर की कठिन यात्रा कर पाकिस्तान व नेपाल सीमा से लगे राज्यों से भी गुमशुदा अव्‍यस्‍क बच्चों व बच्चियों को सुरक्षित दस्तयाब किया। सृजन अभियान के अंतर्गत 5 हजार से अधिक बालक-बालिकाओं को सेल्फ डिफेंस का प्रशिक्षण देकर उन्हें मुख्यधारा से जोड़ा गया है, जिसके परिणामस्वरूप बाल विवाह, बाल हिंसा जैसे गंभीर सामाजिक अपराधों की रोकथाम में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ प्राप्त हो रही हैं।

वर्ष 2025 में अपराधियों पर भी लगा अंकुश :-

अवैध हथियारों के निर्माण, तस्करी एवं उनके अवैध उपयोग पर कार्रवाई करते हुए 2,266 फायर आर्म्‍स तथा 4,800 धारदार हथियार सहित अंतरराज्यीय स्तर पर सक्रिय हथियार तस्कर गिरोहों का पर्दाफाश किया गया तथा अवैध हथियार निर्माण में संलिप्त फैक्ट्रियों को चिन्हित कर उन्हें ध्वस्त किया गया। “सेल्फ क्लिक” पहल के माध्यम से डिजिटल जागरूकता और साइबर सुरक्षा को बढ़ावा दिया गया। पुलिस ने नागरिकों को सुरक्षित ऑनलाइन व्यवहार, फर्जी लिंक, ऐप्स और डिजिटल फ्रॉड, साइबर हेल्पलाइन 1930, एनसीआरपी पोर्टल आदि की जानकारी दी गई। सायबर फ्रॉड प्रकरणों में त्वरित कार्रवाई कर नागरिकों की कुल 50 करोड़ रुपये से अधिक की राशि सुरक्षित वापस कराई, जो कि यह अभूतपूर्व है। डिजिटल अरेस्ट जो कि सायबर अपराधों की दिशा में एक बड़ी चुनौ‍ती बनकर उभरी थी, उस पर पुलिस द्वारा वर्ष में प्रभावी नियंत्रण पाया। इसी प्रकार ऑनलाइन ठगी, फर्जी ऐप, लिंक आधारित फ्रॉड और संगठित साइबर गिरोहों के विरुद्ध समय रहते कठोर कार्रवाई कर नागरिकों को आर्थिक नुकसान से बचाया गया। चोरी, लूट, डकैती की घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई करते हुए 132 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की संपत्ति बरामद की गई। चोरी गए वाहनों की बरामदगी करते हुए कुल 3,779 दुपहिया वाहन, 274 चार पहिया वाहन तथा 193 अन्य वाहन जब्त किए गए।

सीईआईआर (CEIR) पोर्टल के माध्यम से प्रदेशभर से 31,519 गुम मोबाइल फोन खोजकर उनके मालिकों को लौटाए गए। अवैध गौवंश एवं पशु तस्करों के विरुद्ध पुलिस द्वारा बरती गई सख्ती और सक्रियता के परिणामस्‍वरूव कुल 6,349 गौवंश एवं 5,472 अन्य पशुओं को तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया। अवैध जुआ एवं सट्टा गतिविधियों के विरुद्ध कार्रवाई में 9 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त कर आर्थिक अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाया गया।

गंभीर अपराध के अपराधियों द्वारा जमानत पर छूट का दुरुपयोग कर पुन: अपराध करने की प्रवृति को रोकने के लिए ऐसे अपराधियों की जमानत निरस्त कराने की कार्यवाही प्रारंभ की गई है। फरवरी 2025 में पुलिस विभाग और हार्टफुलनेस संस्था के बीच हुए एमओयू के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य, तनाव प्रबंधन और संवेदनशील पुलिसिंग को सुदृढ़ करने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल की गई। इसके तहत पुलिस कर्मियों की जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव, मानसिक-शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार और मानवीय मूल्यों के विकास को बढ़ावा मिला, जिससे पुलिस बल की दक्षता बढ़ी तथा पुलिस-जन संवाद और विश्वास मजबूत हुआ। वर्तमान में प्रदेशभर में लगभग 800 हार्टफुलनेस प्रशिक्षक सक्रिय हैं और इसके सकारात्मक परिणाम प्रशिक्षण संस्थानों व फील्ड स्तर पर स्पष्ट हैं।

हाल ही में मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (MANIT), भोपाल में आयोजित ‘ग्लोबल एलुमनाई मीट–2025’ के अवसर पर मध्यप्रदेश पुलिस और MANIT के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। इस MoU के अंतर्गत MANIT परिसर में Center of Excellence for Public Safety की स्थापना की जाएगी, जिसका उद्देश्य तकनीकी नवाचारों, शोध और आधुनिक ज्ञान को सार्वजनिक सुरक्षा, पुलिसिंग और कानून-व्यवस्था से प्रभावी रूप से जोड़ना है, ताकि भविष्य में तकनीक आधारित, मानवीय और अधिक सक्षम पुलिस व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा सके।

मध्यप्रदेश पुलिस ने किए जनहित में तकनीकी नवाचार :-

- e-HMRS: (Electronic Human Management & Record System) प्रणाली लागू की गई है। जिसमें शासकीय सेवकों की सेवा पुस्तिकाएं पूर्णतः डिजिटल स्वरूप में सुरक्षित एवं अद्यतन रूप में उपलब्ध रहेंगी।

- e-Office: पुलिस मुख्यालय में e-Office प्रणाली के प्रारंभ होने से कार्यालयीन कार्यप्रणाली को पूरी तरह डिजिटल एवं पेपरलेस बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।

- ICJS : मध्यप्रदेश ICJS (Interoperable Criminal Justice System) के क्रियान्वयन पर राज्य स्तरीय कार्यशाला आयोजित करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है, जिसमें ICJS के सभी पाँचों स्तंभों पुलिस, न्यायालय, अभियोजन, जेल, फॉरेंसिक एवं स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एक ही मंच पर एकत्रित हुए।

- (e-Zero FIR): केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में देशभर में साइबर अपराध से निपटने के लिए तकनीक-आधारित सशक्त कदम उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा 01 लाख रुपये से अधिक राशि की साइबर वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों में ई-जीरो एफआईआर (e-Zero FIR) व्यवस्था लागू की गई है। दिल्ली के बाद ई-जीरो एफआईआर लागू करने वाला देश का दूसरा राज्य बन गया है।

पुलिस मुख्यालय एवं प्रदेश के सभी जिलों में आयोजित जनसुनवाई से त्वरित, पारदर्शी और संवेदनशील समाधान सुनिश्चित हो रहा है। माइक्रो बीट सिस्टम के कार्यान्वयन से थानों और पुलिस चौकियों में प्रतिदिन की गतिविधियों, गश्ती और नागरिक संपर्क पर सतत निगरानी सुनिश्चित की गई। प्रदेश में 7,500 आरक्षक, 500 सब-इंस्पेक्टर, सूबेदार एवं 500 कार्यालयीन स्‍टॉफ की भर्ती प्रक्रिया जारी है।

पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाणा को हार्टफुलनेस संस्था द्वारा ‘प्रथम हार्टफुलनेस चेंज मेकर अवार्ड’ से सम्मानित किए जाने की घोषणा 21 दिसंबर 2025 को हैदराबाद स्थित कान्हा शांतिवनम में आयोजित भव्य समारोह में भारत के माननीय उपराष्ट्रपति की गरिमामयी उपस्थिति में की गई। मध्‍य प्रदेश पुलिस के ‘’नशे से दूरी-है जरूरी’’ राज्‍यव्‍यापी जनजागरूकता अभियान ने अपनी व्‍यापकता, प्रभावशीलता तथा वृहद स्‍तर पर जनसहभागिता के चलते वर्ल्‍ड बुक ऑफ रिकॉर्ड लंदन (यूके) में आयोजित पुरस्कार समारोह में दिया गया। प्रदेश में डायल-112 के अंतर्गत 1200 एफआरवी वाहनों का संचालन प्रारंभ किया गया। समस्‍त प्रकार की आपातस्थितियों पर पुलिस तत्‍काल मौके पर पहुंच रही है।

जनसुरक्षा अभियान के अंतर्गत सीपीआर प्रशिक्षण देने का व्यापक अभियान संपूर्ण मध्यप्रदेश में चलाया गया। हर जिले और पुलिस लाइन में सीपीआर प्रशिक्षण कर्मचारियों को दिया गया। प्रदेश भर में बड़ी मात्रा में प्रशिक्षित सीपीआर ट्रेंड आरक्षकों द्वारा अनेक जानें बचाई गई। मूलभूत प्रशिक्षण में भी प्रत्येक नवागत पुलिसकर्मी को सीपीआर प्रशिक्षण अनिवार्य किया गया है।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर