माखनलाल विवि में परीक्षा रोकने पर एनएसयूआई का प्रशासन के खिलाफ़ आक्रोश, विश्वविद्यालय परिसर में हुआ हंगामा
भोपाल, 22 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश की राजधानी भाेपाल में स्थित माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय में सेमेस्टर परीक्षा में बैठने से रोके गए छात्रों की समस्याओं को लेकर साेमवार काे एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने कुलगुरु से मुलाकात की। छात्रों में व्याप्त असंतोष और आक्रोश के चलते विश्वविद्यालय परिसर में कुछ समय के लिए हंगामे की स्थिति भी बनी।
एनएसयूआई प्रतिनिधिमंडल ने कुलगुरु के समक्ष छात्रों से जुड़े शैक्षणिक, मानसिक एवं स्वास्थ्य संबंधी गंभीर मुद्दों को रखा। छात्रों के बढ़ते आक्रोश को देखते हुए कुलगुरु ने स्वयं सभी पक्षों की बात सुनी और आश्वासन दिया कि किसी भी छात्र के साथ कोई पक्षपात नहीं किया जाएगा। कुलगुरु ने यह भी कहा कि यदि किसी शिक्षक द्वारा छात्रों के साथ दुर्व्यवहार या मानसिक दबाव बनाने की शिकायतें सही पाई जाती हैं, तो उन्हें गंभीरता से लेते हुए आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। उनके आश्वासन के बाद स्थिति शांत हुई। इस दौरान एनएसयूआई द्वारा विश्वविद्यालय की कैंटीन के पानी की लैब जांच रिपोर्ट भी सौंप दी गई, जिसमें पानी के प्रदूषित होने की पुष्टि हुई है। संगठन ने इसे छात्रों के स्वास्थ्य से जुड़ा गंभीर मामला बताते हुए तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने की मांग की।
एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे ने मांग रखी कि ऐसे शिक्षक, जो छात्रों पर अनावश्यक मानसिक दबाव बनाते हैं या भय का माहौल पैदा करते हैं, उनके विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित की जाए, ताकि विश्वविद्यालय में स्वस्थ और सुरक्षित शैक्षणिक वातावरण बना रहे। चौकसे ने कहा कि एमसीयू में छात्रों का आक्रोश इस बात का संकेत है कि उनके साथ अन्याय हुआ है। कुलगुरु ने निष्पक्षता का आश्वासन दिया है। एनएसयूआई छात्रहित में हर स्तर पर संघर्ष और संवाद जारी रखेगी। एनएसयूआई प्रदेश सचिव अमन पठान ने कहा कि छात्रों को परीक्षा से वंचित करना, दूषित पानी और मानसिक दबाव ये मामूली मुद्दे नहीं हैं। संगठन छात्रों के स्वास्थ्य, सम्मान और भविष्य की रक्षा के लिए मजबूती से खड़ी है। एनएसयूआई ने कहा कि यदि छात्रों की समस्याओं का शीघ्र समाधान नहीं हुआ, तो संगठन छात्रहित में आगे की रणनीति तय करेगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / नेहा पांडे