मप्रः धामनोद के व्यापारियों से मुंबई की फर्म ने सात करोड़ की रूई खरीदकर नहीं किया भुगतान, धोखाधड़ी का मामला दर्ज

 
मप्रः धामनोद के व्यापारियों से मुंबई की फर्म ने सात करोड़ की रूई खरीदकर नहीं किया भुगतान, धोखाधड़ी का मामला दर्ज


धार, 7 अप्रैल (हि.स.)। मध्य प्रदेश के धार जिले की धामनोद थाना पुलिस ने मुंबई की एक टेक्सटाइल कंपनी के खिलाफ सोमवार को धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। कंपनी ने स्थानीय जिनिंग फैक्टरियों से सात करोड़ रुपये का माल लेकर भुगतान करने से मना कर दिया। पीड़ित पक्ष की शिकायत पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

पुलिस के अनुसार, अंधेरी मुंबई स्थित एसटी टेक्सटाइल प्राइवेट लिमिटेड फर्म के संचालकों पर आरोप है कि उन्होंने रुई गठान विक्रेता से करीब सात करोड़ रुपये का माल बिना भुगतान हड़प लिया। यह मामला विक्रेता और क्रेता के बीच विश्वास के आधार पर हुआ, लेकिन बाद में क्रेता फर्म ने भुगतान करने से इंकार कर दिया। विक्रेता के साथ धोखाधड़ी की।

जानकारी के अनुसार आवेदक सुभाष मंगल, नितिन मंगल, राधा मोहन अग्रवाल और संकेत गर्ग की धामनोद में जिनिंग फैक्ट्री है, जहां से वे रुई की गठानों का व्यापार करते हैं। लंबे समय से इनकी फर्म एसटी टेक्सटाइल प्राइवेट लिमिटेड अंधेरी मुंबई के साथ व्यापार कर रही थी। इस फर्म के संचालक मुकेश त्यागी, निखिल त्यागी और संगीता त्यागी के साथ व्यापार चलता रहा है। नियमित रूप से माल की आपूर्ति और भुगतान किया जाता था। इस विश्वास के आधार पर विक्रेता फर्म ने अपनी रुई गठानें इस फर्म को भेजी थीं।

मालिकों के मुताबिक 1 अप्रैल 2024 से नवंबर 2024 तक क्रेता फर्म ने विक्रेता से महंगे दामों पर रुई गठानें खरीदीं। विक्रेता को भुगतान का झांसा दिया। इसके बाद भुगतान का सिलसिला अचानक रुक गया। दोनों फर्मों के बीच संवाद भी बंद हो गया। इस पर विक्रेता फर्म ने मुंबई जाकर संपर्क किया, तो आरोपियों ने नया बहाना बना दिया कि विक्रेता फर्म ने बगैर एग्रीमेंट के माल भेजा था, इसलिए वे भुगतान नहीं कर सकते।

विक्रेता फर्म के मालिकों ने इस धोखाधड़ी के खिलाफ थाना धामनोद में 20 फरवरी 2025 को शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर विक्रेता व क्रेता फर्म के बीच के सभी लेन-देन, विक्रय बिल और बैंक अकाउंट डिटेल्स की छानबीन की। दलाल और ट्रांसपोर्टर के बयान लिए गए। उनसे संबंधित बिल्टी वाउचर जब्त किए। हालांकि एसटी टेक्सटाइल प्राइवेट लिमिटेड फर्म ने जांच में कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि माल बिना एग्रीमेंट के भेजा गया था, इसलिए भुगतान नहीं किया जा सकता।

इस मामले में पुलिस ने जिला अभियोजन अधिकारी से विधिक अभिमत प्राप्त किया और पाया कि विक्रेता फर्म के साथ धोखाधड़ी और विश्वास का दुरुपयोग किया गया है। क्रेता फर्म ने जानबूझकर कोई लिखित एग्रीमेंट नहीं किया। विक्रेता के बार-बार अनुरोध करने के बावजूद क्रेता द्वारा भुगतान नहीं किया। इस कारण यह मामला धोखाधड़ी और षड्यंत्र का साबित हुआ। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर