इंदौरः 17वें युवा जनजाति आदान–प्रदान कार्यक्रम का राष्ट्रीय एकता की भावना के साथ समापन
इंदौर, 24 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के इंदौर में मेरा युवा भारत इंदौर द्वारा आयोजित 17वें युवा जनजाति आदान–प्रदान कार्यक्रम बुधवार को उल्लास, आपसी सौहार्द एवं राष्ट्रीय एकता की भावना के साथ संपन्न हुआ। कार्यक्रम के समापन से एक दिन पूर्व की संध्या को महापौर पुष्यमित्र भार्गव की पहल पर कार्यक्रम स्थल पर ही मिनी सराफा का आयोजन किया गया, जिसने प्रतिभागियों को इंदौर की समृद्ध खान–पान संस्कृति से रूबरू कराया।
मिनी सराफा में गराडू, भुट्टे का किस, जलेबी सहित अन्य पारंपरिक व्यंजन परोसे गए, जिनका विभिन्न राज्यों से आए युवा प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक आनंद लिया। युवाओं ने इस पहल को इंदौर की संस्कृति को नजदीक से समझने का अनूठा अवसर बताया।
कार्यक्रम के दौरान आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रतियोगिता में सभी राज्यों के प्रतिभागियों ने बढ़–चढ़कर हिस्सा लिया और अपनी लोकसंस्कृति, नृत्य, संगीत एवं परंपराओं की प्रभावशाली प्रस्तुतियां दीं। प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए कंधमाल, ओडिशा के प्रतिभागियों ने प्रथम स्थान प्राप्त किया और उन्हें 10 हजार रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान किया गया। अन्य प्रतिभागियों को भी उनके सराहनीय प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहन स्वरूप सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के अंतिम दिन आयोजित समापन समारोह में सभी प्रतिभागियों को स्मृति स्वरूप फोटो फ्रेम एवं सहभागिता प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। साथ ही महापौर पुष्यमित्र भार्गव द्वारा प्रतिभागियों को उपहार स्वरूप पानी की बोतल भेंट की गई, जो पर्यावरण संरक्षण एवं स्वास्थ्य जागरूकता का संदेश भी देती है।
इस अवसर पर जिला युवा अधिकारीपंकज गोस्वामी ने कहा कि सात दिवसीय यह कार्यक्रम युवाओं के लिए सीख, अनुभव और आपसी संवाद का सशक्त मंच रहा। उन्होंने बताया कि इस आदान–प्रदान कार्यक्रम के माध्यम से देश के विभिन्न जनजातीय क्षेत्रों से आए युवाओं ने एक–दूसरे की संस्कृति को समझा और “एक भारत श्रेष्ठ भारत” की भावना को आत्मसात किया।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव एवं अन्य अतिथियों ने सभी प्रतिभागियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन युवाओं को राष्ट्र निर्माण से जोड़ने और सामाजिक समरसता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कार्यक्रम का समापन वंदे मातरम् एवं भारत माता की जय के नारों के साथ हुआ। सात दिनों तक चले इस आयोजन की स्मृतियां प्रतिभागियों के लिए सदैव प्रेरणादायी एवं अविस्मरणीय रहेंगी।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर