मप्रः देवास पुलिस की जीरो एफआईआर के माध्यम से साइबर ठगी के मामले में त्वरित कार्रवाई

 


- 9 लाख 86 हजार रुपये की पूरी राशि सुरक्षित होल्ड

भोपाल, 27 दिसम्बर (हि.स.)। मध्य प्रदेश में साइबर धोखाधड़ी के मामलों में त्वरित कार्रवाई और पीड़ितों को राहत प्रदान करने की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत देवास पुलिस ने पायलेट जिले के रूप में एक उल्लेखनीय उपलब्धि दर्ज की है। थाना देवास में दर्ज एफआईआर के अनुसार, शिकायतकर्ता के साथ ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी के एक प्रकरण में त्वरित कार्रवाई करते हुए 9 लाख 86 हजार 393 रुपये की संपूर्ण ठगी राशि को सुरक्षित (होल्ड) कर लिया गया है।

पुलिस मुख्यालय द्वारा शनिवार को जानकारी दी गई कि फरियादी लोकेश विजयवर्गीय, निवासी देवास, द्वारा ऑनलाइन माध्यम से जीरो एफआईआर दर्ज कराई गई। फरियादी ने अपनी शिकायत में बताया कि वह प्रॉपर्टी व्यवसाय से जुड़ा है। उसके मोबाइल नंबर पर एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा कॉल किया गया, जिसने स्वयं को सुधीर शर्मा बताते हुए 70 टन सरिये के कथित ऑर्डर का हवाला दिया और 21 टन सरिये के एवज में 9 लाख 86 हजार 393 रुपये की राशि पंजाब नेशनल बैंक के एक खाते में जमा कराने को कहा। फरियादी द्वारा उक्त राशि आरटीजीएस के माध्यम से बताए गए खाते में स्थानांतरित कर दी गई। बाद में संबंधित कंपनी से संपर्क करने पर यह स्पष्ट हुआ कि कंपनी का उक्त बैंक में कोई खाता नहीं है, जिससे फरियादी को साइबर ठगी का अहसास हुआ।

फरियादी की जीरो एफआईआर को तत्काल संज्ञान में लेते हुए पुलिस द्वारा उसी दिन नियमित एफआईआर दर्ज कर जांच प्रारंभ की गई। त्वरित तकनीकी एवं बैंकिंग समन्वय के माध्यम से पुलिस द्वारा ठगी की पूरी राशि को सफलतापूर्वक होल्ड (Hold) कराया गया, जिससे पीड़ित को आर्थिक नुकसान से बचाया जा सका। यह प्रकरण इस बात का स्पष्ट उदाहरण है कि जीरो एफआईआर व्यवस्था के माध्यम से क्षेत्राधिकार की बाधा के बिना त्वरित एफआईआर पंजीयन, डिजिटल साक्ष्यों का संरक्षण और बैंकिंग चैनलों की शीघ्र सक्रियता संभव हो पाती है, जिससे पीड़ितों को समयबद्ध राहत प्रदान की जा सकती है।

इसी प्रकार ई-जीरो एफआईआर जैसी तकनीक-आधारित पहल भविष्य में साइबर वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों में पीड़ितों को त्वरित राहत दिलाने में निर्णायक भूमिका निभाएगी।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर