अनूपपुर: ऑनलाइन धोखाधड़ी गिरोह के दो आरोपी गिरफ्तार, भेजे गये जेल
चार मोबाइल, सिम कार्ड, पासबुक, एटीएम और 50 हजार रुपए जप्त
अनूपपुर, 17 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले की कोतमा पुलिस ने कियोस्क संचालक की शिकायत के बाद ऑनलाइन धोखाधड़ी के एक संगठित गिरोह के दो आरोपियों को मंगलवार की रात गिरफ्तार कर कब्जे से 50 हजार रुपये नकद, कई मोबाइल फोन, सिम कार्ड,एटीएम कार्ड और पासबुक जप्त किया है। आरोपियों ने फर्जी तरीके से खातों में ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर कर कियोस्क बैंकों से नकद निकासी कर धोखाधड़ी को अंजाम दिया। जिसे बुधवार को न्याइयालय के आदेश पर जेल भेज दिया गया।
कैसे सामने आई घटना
थाना प्रभारी कोतमा रत्नाम्बर शुक्ला ने बताया कि मामला 13 दिसंबर को सामने आया, जब गोहन्ड्रा निवासी जीवन सिंह पाव ने कोतमा थाने में शिकायत दर्ज कराई। जीवन सिंह पाव गोहन्ड्रा में कियोस्क बैंक और ऑनलाइन दुकान का संचालन करते हैं। उन्होंने बताया कि 9 दिसंबर को अर्जुन चौधरी नाम का युवक उनकी दुकान पर आया और कहा कि उसे अपने खाते से किसी व्यक्ति को नकद भुगतान करना है, इसलिए उसे कैश की जरूरत है। अर्जुन चौधरी ने अपने मोबाइल से जीवन सिंह पाव के खाते में 50,000 रुपए यूपीआई के माध्यम से ट्रांसफर किए। इसके बाद जीवन सिंह पाव ने उसे 50,000 रुपए नकद दे दिए। अगले दिन जब पाव ने अपने एसबीआई खाते का उपयोग करना चाहा तो खाता बंद मिला। 12 दिसंबर को जब जीवन सिंह पाव भारतीय स्टेट बैंक, कोतमा पहुंचे, तो बैंक अधिकारियों ने बताया कि उनके खाते में ऑनलाइन धोखाधड़ी की राशि आई है, जिसके कारण खाता होल्ड कर दिया गया है। बैंक ने उन्हें तत्काल थाने में सूचना देने की सलाह दी। फरियादी की रिपोर्ट पर कोतमा थाना पुलिस ने धारा 318(4), 3(5) बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
साइबर सेल की मदद से गिरोह तक पहुंची पुलिस
थाना प्रभारी कोतमा ने बताया कि जांच के दौरान बैंक और साइबर सेल से मिली जानकारी में सामने आया कि यह राशि शाजापुर जिले के सुजालपुर मंडी थाना क्षेत्र के संदीप भट्ट नामक व्यक्ति के साथ हुई ऑनलाइन धोखाधड़ी से जुड़ी है। संदीप भट्ट के 50,000 रुपये पहले महेश बैगा के खाते में ट्रांसफर कराए गए थे, इसके बाद वही रकम जीवन सिंह पाव के खाते में भेजकर नकद निकाली गई। साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत के बाद महेश बैगा और जीवन सिंह पाव दोनों के खातों को होल्ड कर दिया गया था। पुलिस ने अर्जुन चौधरी निवासी ग्राम सिलपुर को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पूछताछ में उसने बताया कि वह महेंद्र तिवारी निवासी ग्राम उरतान, वर्तमान पता वार्ड नंबर 7 कोतमा, के साथ मिलकर इस धोखाधड़ी को अंजाम देता था। आरोपियों ने पंचायत दर्पण पोर्टल से दूरस्थ जिलों की पंचायतों के सरपंच और सचिवों के मोबाइल नंबर निकाले। इसके बाद वे फोन पर खुद को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का अधिकारी बताकर उनसे एएनएम और सीएचओ के मोबाइल नंबर लेते थे। फिर फर्जी नंबरों से एएनएम और सीएचओ को कॉल कर खुद को डिप्टी डायरेक्टर बताकर ट्रांसफर का झांसा देते और उनसे ऑनलाइन रकम ट्रांसफर करवा लेते थे।
गरीब ग्रामीणों के खातों का किया दुरुपयोग
आरोपी दूरदराज के गांवों में रहने वाले अनपढ़ लोगों से नजदीकी बनाकर उनके बैंक खाते और सिम कार्ड अपने नाम पर ले लेते थे। इसके बाद इन खातों का संचालन खुद करते हुए इन्हीं खातों में ऑनलाइन फ्राड की रकम मंगवाते थे। बाद में कियोस्क बैंकों में जाकर कैश की जरूरत बताकर रकम ट्रांसफर कर नकद निकाल लेते थे।
जप्ती और गिरफ्तारी
पुलिस ने आरोपी अर्जुन चौधरी पिता कोदूलाल चौधरी उम्र 30 वर्ष निवासी ग्राम सिलपुर थाना कोतमा को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से 10,000 रुपए नकद, 5 एटीएम कार्ड, पासबुक और 3 मोबाइल फोन जब्त किए। वहीं मास्टरमाइंड आरोपी महेंद्र तिवारी पिता शेषमणि तिवारी उम्र 36 वर्ष निवासी ग्राम उरतान, हाल निवासी वार्ड नंबर 7 कोतमा को भी गिरफ्तार किया गया। उसके कब्जे से 1 मोबाइल फोन और धोखाधड़ी से निकाली गई 40,000 रुपए की नकद राशि बरामद की गई। जांच में सामने आया कि आरोपी महेंद्र तिवारी आदतन जालसाज है। उसके खिलाफ पहले से धारा 420 भादवि के पांच मामले दर्ज हैं। वह वर्ष 2023 में अर्जुन चौधरी के साथ थाना बम्हनी जिला मंडला के एक धोखाधड़ी मामले में जेल भी जा चुका है।
मूल पीड़ित से संपर्क
थाना प्रभारी कोतमा रत्नाम्बर शुक्ला ने बताया थाना सुजालपुर मंडी जिला शाजापुर से संपर्क कर मूल पीड़ित संदीप भट्ट निवासी भानपुरा जिला मंदसौर से मोबाइल पर बातचीत की गई, जिसमें उन्होंने अपने साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी की घटना की पुष्टि की। इस संबंध में सुजालपुर मंडी थाने को भी आवश्यक कार्रवाई के लिए सूचित किया गया है। पुलिस दोनों आरोपियों से अन्य मामलों को लेकर भी पूछताछ कर रही है।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश शुक्ला