बुरहानपुरः जल आवर्धन योजना से बदल रही शहर की तस्वीर, ताप्ती से पहुंच रहा हर घर तक शुद्ध जल
भोपाल, 31 दिसंबर (हि.स.)। ताप्ती नदी आधारित ‘‘जल आवर्धन योजना’’ से बुरहानपुर शहर को एक आधुनिक, सुरक्षित और भरोसेमंद जल आपूर्ति प्रणाली मिली है। परियोजना का क्रियान्वयन मध्य प्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड और नगरपालिक निगम बुरहानपुर द्वारा किया गया है। बुरहानपुर शहर में बढ़ती जनसंख्या और बदलती जीवन शैली के बीच सुरक्षित पेयजल की आवश्यकता पहले से अधिक महत्वपूर्ण हो गई है।
जनसम्पर्क अधिकारी आशा उइके ने बुधवार को जानकारी देते हुए बताया कि बुरहानपुर शहर की जल वितरण अधोसंरचना पुरानी हो गई थी, जिससे जलापूर्ति ट्यूबवेलों लीकेज, गंदगी की मिलावट का खतरा था। गिरता भूजल स्तर जल की भविष्य की सुचारू उपलब्धता संकट था। इन चुनौतियों को दूर करने के लिए ताप्ती नदी आधारित नई जलप्रदाय प्रणाली विकसित की गई है। इसके तहत एनीकट, इंटेकवेल और 50 एमएलडी क्षमता का अत्याधुनिक जलशोधन संयंत्र स्थापित किया गया है। जल शोधन संयंत्र में पानी को फिल्ट्रेशन क्लोरीनेशन और अन्य वैज्ञानिक प्रक्रियाओं से शुद्ध किया जाता है। स्काडा प्रणाली से गुणवत्ता और आपूर्ति की निरंतर निगरानी की जाती है। पानी की क्वालिटी की रोज़ाना मॉनिटरिंग के लिए डब्ल्यूटीपी में एक हाई-लेवल वॉटर टेस्टिंग लैब भी स्थापित की गई है। शुद्ध जल को 8 नए ओवरहेड टैंक और बेहतर पाइप नेटवर्क से शहर के प्रत्येक हिस्से तक पहुंचाया जा रहा है।
41 हजार घरों में मीटर युक्त नल कनेक्शन
उन्होंने बताया कि योजना के अंतर्गत पुराने और क्षतिग्रस्त पाइपों को हटाकर नया वितरण नेटवर्क बिछाया गया है। बुरहानपुर में लगभग 41 हजार घरों में मीटरयुक्त नल कनेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं, इससे लीकेज पर नियंत्रण हुआ है, जल के अपव्यय में कमी आई है और जल वितरण व्यवस्था अधिक सुचारु हुई है। वर्तमान में नगरवासियों को प्रति व्यक्ति लगभग 135 लीटर शुद्ध पेयजल प्रतिदिन मिल रहा है। बुरहानपुर में 275 ट्यूबवेल से जलापूर्ति की जा रही थी, नई प्रणाली से टैंकरों और ट्यूबवेल पर निर्भरता लगभग समाप्त हुई है। क्षेत्र में निरंतर गिरते भूजल स्तर के की समस्या का भी निराकरण होगा। योजना के क्रियान्वयन से लगभग 8 करोड़ की बचत होगी। अब तक नगर निगम द्वारा भूजल आधारित योजना के संचालन संधारण पर वार्षिक व्यय लगभग रूपये 10 से 12 करोड़ था। अब यह व्यय लगभग रूपये 4 करोड़ होगा।
सतत सम्पर्क से संभव हुआ योजना का क्रियान्वयन
जनसम्पर्क अधिकारी के अनुसार, प्रत्येक घर में पंजीकृत नल कनेक्शन सुरक्षित जल उपयोग, स्वच्छता, स्वास्थ्य और सामुदायिक जिम्मेदारी के प्रति स्थायी व्यवहार परिवर्तन की सोच के साथ, एमपीयूडीसी द्वारा व्यापक स्तर पर संपर्क किया गया। नवीन जल तंत्र में विश्वास को जगाना एक बड़ी चुनौती थी। इसके लिए घर-घर सर्वेक्षण, सामुदायिक परामर्श और फोकस समूह बैठकें और व्यापक सामाजिक आंकलन किया गया। परियोजना के पूर्ण होने के बाद जलजनित रोगों में भी गिरावट दर्ज की गई है। बुरहानपुर जल आवर्धन योजना ने शहर को सुरक्षित, स्वच्छ और सतत् जल आपूर्ति की मजबूत नींव दी है। यह पहल स्वास्थ्य के साथ पर्यावरण संरक्षण को मजबूती भी दे रही है।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर