मप्र विस चुनाव: अजेय हैं भाजपा विधायक संजय पाठक, इस बार भी विजयराघवगढ़ में विकास बना मुद्दा
भोपाल, 1 नवंबर (हि.स.)। मध्यप्रदेश के महाकौशल क्षेत्र में स्थित कटनी जिला वैसे तो भारत के सबसे बड़े एवं महत्वपूर्ण रेलवे जंक्शनों में से एक होने के साथ ही देश में सबसे बड़ा रेल्वे यार्ड और सबसे बड़ा डीजल लोकोमोटिव शेड के स्थापित होने के साथ ही चूना, बॉक्साइट और अन्य कई महत्वपूर्ण खनिजों की बहुतायत मात्रा में पाए जाने के लिए जाना जाता है, लेकिन इसके साथ ही इस जिले में भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर विधायक संजय पाठक भी आज एक ऐसा नाम बनकर उभरे हैं, जिनके नाम की चर्चा देश भर में मध्य प्रदेश के सबसे अमीर विधायक होने के साथ ही उनके कार्यों के कारण से आए दिन होती रहती है।
संजय पाठक अपने लिए जीत-हार का टास्क चुननेवाले देश के पहले जनप्रतिनिधि
उल्लेखनीय है कि इसे समाज और जनता के प्रति एक लोक प्रतिनिधि की आप सुचिता भी मान सकते हैं जो इन्होंने बीते अगस्त माह में ही अपने लिए पहले यह टास्क रखा कि यदि विधानसभा की 51 प्रतिशत जनता उन्हें नहीं चुनती है तो वे चुनाव में भाग नहीं लेंगे और हमेशा के लिए राजनीति छोड़ देंगे। वे तीन दिनों तक मध्य प्रदेश की इस विजयराघवगढ़ विधानसभा में आम मतदाता की वोटिंग करवाते हैं, जिसमें कि रिजल्ट सामने आया, 75 प्रतिशत जनता ने उन्हें जनादेश देते हुए चुनाव लड़ने की मांग की। कुल पांच राउंड की मतगणना के बाद संजय पाठक को एक लाख तीन हज़ार 203 वोट मिले थे। इससे तभी साफ हो गया था कि वे फिर एक बार भाजपा से चुनावी मैदान में उतरेंगे। आपको बतादें कि उनकी इस वोटिंग कराए जाने की पूरे देश में बड़े स्तर पर चर्चा भी हुई थी।
विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र का सर्वांगीण विकास ही है संकल्प- संजय पाठक
2016 से 2018 तक शिवराज मंत्रीमंडल में सदस्य रहे संजय पाठक ने कहा कि मैं अपने क्षेत्र की जनता से अनुमति और आशीर्वाद लेकर इस चुनाव में उतरा हूं। मेरा उद्देश्य सदैव से यही रहा है कि विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र का सर्वांगीण विकास हो और यहां के लोगों के चेहरे पर मुस्कान हमेशा देखने को मिलती रहे। इसके लिए जब से मुझे यहां की जनता ने अपना जनप्रतिनिधि चुना है तब से लगातार यही प्रयास करता रहा हूं कि इसके लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल और सड़क के कार्यों का प्राथमिकता से क्रियान्वयन सुनिश्चित करते हुए बड़े विकास कार्य कराता रहूं।
गौरतलब है कि आज कटनी के इस विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र में तीन बड़े सीमेंट प्लांट हैं । वे स्वयं भी बड़े वे उद्योगपति भी हैं और हजारों की संख्या में उन्होंने लोगों को या तो स्वयं से रोजगार उपलब्ध करवाया है या अपने क्षेत्र में इंडट्री के माध्यम से लोगों को रोजगार मुहैया करवाया है। इसके साथ ही विधायक की धार्मिकता भी जगजाहिर है। पाठक ने हाल ही में विजयराघवगढ़ के रामराजा पहाड़ में हरिहर तीर्थ के नाम से भगवान परशुराम की 108 फीट की प्रतिमा की स्थापना के साथ 12 ज्योतिर्लिंग, भगवान श्रीकृष्ण, श्रीराम जन्मभूमि के मंदिर की अनुकृति, शबरी माता व निषादराज के मंदिर सहित अन्य मंदिरों की स्थापना का बड़ा आयोजन किया। तीर्थ क्षेत्र का भूमिपूजन करने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह समेत देश भर के बड़े-बड़े संत और धर्मज्ञ पहुंचे थे।
ये है संजय पाठक का रिपोर्ट कार्ड
इस बार 2023 के विधानसभा चुनावों में मतदान के दिन संजय पाठक को भरोसा है कि यहां की जनता उन्हें फिर एक बार सेवा का इसलिए भी मौका देगी क्योंकि उन्होंने यथासंभव अपने क्षेत्र के विकास के लिए कार्य किया है और अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मुहैया कराने का प्रयास उनके द्वारा हुआ, जिसे आप विकास के अन्य कार्यों के साथ ही सफल मान सकते हैं। विधायक संजय सतेंद्र पाठक के बताया भी कि विजयराघवगढ़ में प्रदेश का सबसे बड़ा संयुक्त तहसील भवन बनाया गया है। लगभग 125 करोड़ रुपये की लागत से से विजयराघवगढ़, कैमोर व बरही नगर के लिए बायपास बजट में स्वीकृत किया गया है। बगैहा से खितौली मार्ग पर 48 करोड़ रुपये की लागत से सड़क का निर्माण पर काम हुआ ही है। वहीं, बरही व विजयराघवगढ़ में आइटीआइ के भवनों की व्यवस्था।महानदी पर घुनौर से खिरवा पुल यहां के स्थानीय निवासियों को मिलने ही जा रहा है और महानदी, झपावन नदी में पुल बनकर लगभग तैयार हैं।
इसके साथ ही उन्हें बताया कि बरही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का 10 करोड़ रुपये से उन्नयन किए जाने से लेकर बरही मैहर मार्ग पर क्षतिग्रस्त पुल की मरम्मत के 26 करोड़ स्वीकृत कराए जाने जैसे अनेक कार्य हैं जोकि सतत उनके क्षेत्र में विकास के लिए हो रहे हैं। पाठक साफ कहते हैं कि आनेवाले समय में वे अपनी विधानसभा को प्रदेश की विकसित विधानसभा बनाकर दम लेंगे, फिर भले ही स्थानीय समस्याएं कितनी भी क्यों न हों।
इस विधानसभा पर है पाठक परिवार का तीस साल के प्रभाव
गौरतलब है कि विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र की स्थापना 1967 में हुई थी। तब से अब तक इस सीट पर सात बार कांग्रेस पार्टी और पांच बार भाजपा और एक बार जनता पार्टी के उम्मीदवारों को यहां की जनता का आशीर्वाद मिला है। खास बात ये है कि पाठक परिवार का विजयराघवगढ़ विधानसभा सीट पर घर-घर सीधे तौर पर प्रभाव देखा जा सकता है यदि एक बार की जीत-हार को छोड़ दिया जाए तो वर्ष 1993 से इस सीट पर पाठक परिवार जीत हासिल करता आ रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार/ मयंक/मुकेश