नवाचार, निवेश और वित्तीय अनुशासन से आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश : उप मुख्यमंत्री देवड़ा
भोपाल, 17 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश विधानसभा में बुधवार को आयोजित विशेष सत्र के दौरान “विकसित, आत्मनिर्भर एवं समृद्ध मध्य प्रदेश” विषय पर हुई विभागीय चर्चा में उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने सरकार के दो वर्षों की उपलब्धियों, सुदृढ़ वित्तीय प्रबंधन और आगामी दीर्घकालिक विकास दृष्टि को विस्तार से सदन के समक्ष रखा। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश को आर्थिक, औद्योगिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।
उप मुख्यमंत्री देवड़ा ने विशेष सत्र के दौरान सदन को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में राज्य सरकार के सफल दो वर्ष पूरे होना प्रदेश के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने मुख्यमंत्री और प्रदेश की जनता को बधाई देते हुए कहा कि अल्प अवधि में विकास और जनकल्याण के क्षेत्र में जो कार्य हुए हैं, वे स्वर्णिम मध्यप्रदेश की दिशा में मजबूत आधार प्रदान करते हैं।
देवड़ा ने कहा कि सरकार का लक्ष्य एक ऐसे संपन्न और सुखद मध्य प्रदेश का निर्माण करना है, जहां नवाचार आधारित, सतत और समावेशी आर्थिक विकास हो तथा शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और बुनियादी ढांचे में संतुलित प्रगति से प्रत्येक नागरिक का जीवन स्तर बेहतर बने। उन्होंने सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक मूल्यों को विकास की मार्गदर्शक शक्ति बताते हुए कहा कि यही प्रदेश की पहचान है।
उन्होंने औद्योगिक विकास पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के साथ मध्य प्रदेश को देश के प्रमुख औद्योगिक गंतव्य के रूप में स्थापित करने के लिए नई और उद्योग-अनुकूल नीतियां लागू की गई हैं। इनमें मध्यप्रदेश उद्योग नीति 2025, एमएसएमई नीति, स्टार्टअप नीति, एक्सपोर्ट प्रमोशन नीति, सेमीकंडक्टर नीति, ड्रोन नीति, फिल्म पर्यटन नीति, विमानन नीति, नवकरणीय ऊर्जा नीति, स्वास्थ्य निवेश प्रोत्साहन नीति और एकीकृत टाउनशिप नीति शामिल हैं, जिनसे निवेश, रोजगार और नवाचार को गति मिलेगी।
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश ने सामाजिक विकास में जनभागीदारी बढ़ाने के लिए सोशल इम्पैक्ट बॉन्ड जैसे नवाचारी वित्तीय साधन को अपनाया है और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के सोशल स्टॉक एक्सचेंज पर परियोजना सूचीबद्ध करने वाला मध्यप्रदेश पहला राज्य बनेगा। इसके माध्यम से युवाओं को प्रशिक्षण देकर विदेशों में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे।
उप मुख्यमंत्री देवड़ा ने कहा कि अधोसंरचना विकास में सरकार पीपीपी मॉडल के साथ-साथ अपने संसाधनों से भी पूंजीगत व्यय को प्राथमिकता दे रही है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 56,538 करोड़ रुपये, 2024-25 में 70,558 करोड़ रुपये और 2025-26 के लिए 82,513 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का प्रावधान किया गया है। आगामी तीन वर्षों में इसे एक लाख करोड़ रुपये तक ले जाने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की विशेष पूंजीगत सहायता योजना से भी हजारों करोड़ रुपये अधोसंरचना निर्माण में उपयोग किए जा रहे हैं।
कृषि और सिंचाई के क्षेत्र में सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए उप मुख्यमंत्री देवड़ा ने कहा कि सिंचाई क्षमता को 52 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 100 लाख हेक्टेयर तक करने का लक्ष्य है और नदी जोड़ो परियोजनाओं को गति दी जा रही है। इससे किसानों की आय और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। वित्तीय क्षेत्र की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि प्रदेश में प्रधानमंत्री जन-धन योजना के अंतर्गत 4.61 करोड़ खाते खोले गए हैं, वहीं विभिन्न बीमा और पेंशन योजनाओं के माध्यम से करोड़ों नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान की गई है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा प्रदेश के वित्तीय प्रबंधन, बजटीय विश्वसनीयता और व्यय गुणवत्ता की सराहना किया जाना राज्य के कुशल वित्तीय संचालन का प्रमाण है।
उप मुख्यमंत्री देवड़ा ने कहा कि सरकार एफआरबीएम अधिनियम का पूर्ण पालन कर रही है और ऋण का उपयोग केवल पूंजीगत कार्यों के लिए किया जा रहा है। जीरो बेस्ड बजटिंग और रोलिंग बजट जैसे नवाचारों से वित्तीय अनुशासन के नए मानक स्थापित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का दीर्घकालिक लक्ष्य वर्ष 2047 तक मध्यप्रदेश को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर और विकसित राज्य बनाना है। इसके लिए कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्रों में संतुलित विकास, डिजिटल नवाचार और जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की संकल्पना को साकार किया जा रहा है। विकसित भारत 2047 के संकल्प को साकार करने के लिये मध्यप्रदेश सरकार अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए पूंजीगत परियोजनाओं में निरंतर निवेश कर रही है, जिसके अंतर्गत भारत सरकार की विशेष पूंजीगत सहायता योजना से वित्तीय वर्ष 2023-24 में ₹12,636 करोड़, 2024-25 में ₹12,424 करोड़ प्राप्त हुए हैं तथा वित्तीय वर्ष 2025-26 में लगभग ₹11,500 करोड़ की राशि अधोसंरचना निर्माण के लिए प्राप्त होने की संभावना है।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर