मप्रः डिजिटल अरेस्ट करने वाला गिरोह के 12 ठग गिरफ्तार, दो करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी
जबलपुर, 8 जनवरी (हि.स.)। जबलपुर में स्टेट साइबर सेल और एसटीएफ ने 12 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। प्रदेश भर की 15 टीमों ने एक साथ जबलपुर, कटनी, मैहर और सतना में रेड मारते हुए अलग-अलग स्थानों से इन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। स्टेट साइबर सेल ने बुधवार देर शाम सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया और पूछताछ के लिए दो सप्ताह का रिमांड लिया है। साइबर टीम ने शुरुआती जांच में पाया कि अभी तक दो करोड़ रुपये से अधिक की ठगी इन साइबर ठगों ने की थी।
पुलिस के अनुसार, स्टेट साइबर सेल के पास लगातार शिकायत आ रही थी कि मध्य प्रदेश में एक ऐसा गिरोह संचालित हो रहा है, जिसमें कि युवा और पढ़े-लिखे लोग हैं। ये लोग फोन करने के बाद पहले तो लोगों को पुलिस अधिकारी बनकर धमकी देते थे, और फिर डिजिटल अरेस्ट कर लाखों-करोड़ों रुपये ऐंठ लिया करते हैं।
एसटीएफ निरीक्षक निलेश का कहना है कि इन आरोपियों की संख्या अभी और भी बढ़ सकती है। इन 12 आरोपियों को जबलपुर के अलावा कटनी, सतना से गिरफ्तार किया है। आरोपी इतने सारे थे कि पुलिस की टीम इन सभी को रस्सी से बांधकर कोर्ट लेकर पहुंची थी। फिलहाल इनके गैंग के और भी सदस्य होने की सूचना मिली है, जल्द ही उन लोगों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
ग्वालियर में बीएसएफ इंस्पेक्टर के डिजिटल अरेस्ट का मामले कर्नाटक, औरंगाबाद-गुड़गांव में मिली लिंक
इधर, ग्वालियर में अब तक का सबसे बड़ा डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आने के बाद पुलिस अब उसकी पड़ताल में लग गई है। इसमें बीएसएफ (बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स) टेकनपुर में पदस्थ इंस्पेक्टर को एक महीने तक डिजिटल अरेस्ट रखा और उनसे 71.25 लाख रुपये ठग लिए गए। अब पुलिस की साइबर टीम ने डिटेल खंगाली तो पता लगा कि ठगी का 75 फीसदी पैसा कर्नाटक, औरंगाबाद व गुड़गांव के चार बैंक के खातों में गया है। जिन बैंक खातों में ठगी के रुपए का ट्रांजैक्शन हुआ है, उनमें से दो अकाउंट बंधन बैंक, एक खाता बैंक ऑफ सिंगापुर, बैंक बॉफ बड़ौदा में हैं। अब पुलिस पता लगा रही है कि यह बैंक खाते किसके नाम पर हैं। आशंका है कि यह अकाउंट फर्जी तरीके से खुलवाए गए होंगे।
मुंबई साइबर व क्राइम ब्रांच अधिकारी बनकर बात कर रहे बदमाशों ने बीएसएफ इंस्पेक्टर अबसार अहमद को बीच में एक बार 94 हजार रुपए वापस लौटाए थे। जिससे वह उस पर विश्वास कर लें। इसके बाद उससे डिजिटल अरेस्ट करने वाले ठगी करते चले गए। यह बात BSF इंस्पेक्टर ने पुलिस को बताई है। साथ ही लखनऊ में उसके परिवार को बार-बार अरेस्ट करने की बात कहकर वह बीएसएफ इंस्पेक्टर को डराते थे। जिससे वह उनके जाल से बाहर ही नहीं निकल सका।
ग्वालियर के टेकनपुर स्थित बीएसएफ में पदस्थ इंस्पेक्टर अबसार अहमद निवासी फतेहपुर मंडाव मऊ उत्तर प्रदेश ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर एसएसपी धर्मवीर सिंह से मुलाकात कर अपनी आपबीती सुनाई थी। BSF इंस्पेक्टर अबसार अहमद ने पुलिस को बताया था कि 2 दिसंबर 2024 को सुबह 11.29 बजे वॉट्सऐप कॉल आया था। बात करने वाले ने खुद को मुंबई साइबर और क्राइम ब्रांच का अफसर बताते हुए कहा कि आपके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तारी वारंट है। आपके इस नंबर पर कई केस चल रहे हैं। कई जगह आपके मोबाइल का गलत उपयोग हुआ है।
इतना ही नहीं मुंबई क्राइम ब्रांच अफसर ने यह भी कहा कि आपके साथ ही पूरे परिवार को अरेस्ट करने के कोर्ट के आदेश हैं। आदेश है कि तत्काल आपको अरेस्ट किया जाए। जब BSF इंस्पेक्टर अहमद ने बताया कि उसने ऐसा कुछ नहीं किया है। इसके बाद वीडियो कॉल कर परिवार सहित अरेस्ट करने की धमकी दी थी। साथ ही रुपए जमा कराने के लिए कहा था। इस दौरान तकरीबन 34 ट्रांजैक्शन में 71.25 लाख रुपए BSF इंस्पेक्टर ने वीडियो कॉल करने वाले ठगों को थमा चुके थे। इस दौरान इंस्पेक्टर ने यह रकम दिल्ली में स्थित फ्लैट और अपनी जमीन बेचने का सौदाकर एडवांस लेकर लिए थे। साथ ही कुछ दोस्तों के साथ साथ बैंक में सेविंग की गई रकम इकट्ठा कर चुकाई थी।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर