मुरैना: टोंगा तालाब की दीवाल फूटी, हजारों बीघा फसल बर्बाद

 


- अंबाह ब्रांच कैनाल की दीवाल फोड़कर पानी की धार को नहर की ओर मोड़ा गया

मुरैना, 13 अगस्त (हि.स.)। सबलगढ़ कस्बे से सटा सिंधिया रियासतकालीन टोंगा तालाब सोमवार की रात टूट गया। तालाब टूटने से क्षेत्र में हड़कंप मच गया। दरअसल तालाब तो पानी से लबालब था ही साथ ही क्षेत्र में लगातार बारिश भी हो रही है। इस वजह से पानी का बहाव रहवासी क्षेत्रों में होने लगी। तालाब से पानी के रिसाव की सूचना मिलने पर अधिकारी सबलगढ़ पहुंचे और राहत के कार्य प्रारंभ कराया। प्रशासनिक अधिकारियों के नेतृत्व में यह सब चल ही रहा था कि मंगलवार को सुबह तालाब में काफी चौड़ा छेद हो गया। जिस वजह से पानी तेज बहाव के साथ बाहर निकला। अधिकारियों ने परिस्थिति से निपटने के लिए अंबाह ब्रांच कैनाल की दीवाल तोड़ी, जिससे टोंगा तालाब से निकलने वाला काफी पानी नहर की तरफ चला गया। खबर लिखे जाने तक भी तालाब से पानी की निकासी हो रही थी। उधर तालाब से निकले पानी की जद में आए वाले लगभग आधा दर्जन गांवों में फसल को नुकसान पहुंचा है। प्रशासन एवं सिंचाई विभाग के अधिकारी दल बल के साथ मौके पर डटे हुए हैं।

सबलगढ़ कस्बा स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर के पीछे टोंगा तालाब 1904 में बना था। इस तालाब में पानी की क्षमता 1.9 एमसीएम है। सोमवार की की देर शाम करीब तालाब की दीवाल से धीरे-धीरे पानी निकलना प्रारंभ हुआ। इसके बाद पानी तेजी से बाहर निकलने लगा। सिंचाई विभाग के अधिकारी जब तक मौके पर पहुंचते तब तक पानी का बहाव काफी तेज हो गया। तालाब से निकला पानी आसपास के गांवों में घुसने लगा। जिस वजह से कुतघान, रानीपुर, देवपुरमाफी, टोंगा, कटघर, कुल्होली आदि गांवों के लोग भयभीत हो गए। क्यों कि इन गांवों में पानी पहुंच गया था। खेत लबालब हो गए। वहीं गलियों में भी पानी भर गया। यहां तक हनुमान मंदिर तक भी पानी पहुंच गया। हालात यह रहे कि रानीपुर गांव के लोग रात को ही हनुमान मंदिर में पहुंच गए थे। उधर हनुमान मंदिर के पास स्थित गौड़ कॉलोनी के लोग भी भयभीत हो गए।

उधर मंगलवार की सुबह तालाब में से जहां से पानी निकल रहा था वहां काफी बड़ा छेद हो गया। लगभग बीस से पच्चीस फीट चौड़ा छेद होने से पानी का बहाव और ज्यादा तेज हो गया। लोग सुरक्षा की दृष्टि से अपने घरों की छतों पर पहुंच गए। उधर क्षेत्र में जल भराव से स्थिति खतरनाक हो इसके लिए अंबाह ब्रांच कैनाल की दीवाल को जेसीबी से तोड़ा गया। इसका नतीजा यह हुआ कि क्षेत्र में भरा पानी तेजी से नहर की ओर जाने लगा। अभी भी नहर में तालाब से निकलने वाला पानी जा रहा है। अब हालात यह है कि कई आबादी क्षेत्रों में पानी दो से तीन फीट तक भर गया है।

इस मामले में सिंचाई विभाग के कार्यपालन यंत्री व्ही डी रत्नाकर का कहना था कि मैं उच्च न्यायालय ग्वालियर में पेशी पर गया हुआ था। घटना की जानकारी शाम को 5 बजे लगी थी। मैंने तत्काल सब इंजीनियर डीपी वर्मा को साइट पर पहुंचा कर तालाब के पानी को रोकने के लिए यथासंभव कार्रवाई के निर्देश दिए थे। तालाब के पानी को रोका जाना संभव नहीं था। जिससे इस पानी को लोअर चंबल कैनाल के रास्ते आसन नदी में डाला जा रहा है।

उधर एसडीएम वीरेंद्र कटारे का कहना है कि टोंगा तालाब की पार से पानी निकलने की जानकारी लगते ही तहसीलदार भारतेंदु यादव सोमवार शाम को ही पहुंच गए थे। जल संसाधन विभाग से पानी रोकने के कोई इंतजाम नहीं होने से आम जन में सुरक्षित रहने की जानकारी सबसे पहले देवपुर माफी गांव को दी गई थी।

25 साल पहले भी टूट चुका है टोंगा तालाब: टोंगा तालाब के 25 वर्ष पहले फूटने की घटना को संपूर्ण क्षेत्र पहले देख चुका है। उस समय तालाब के पानी से क्षेत्र में भारी तबाही हुई थी। इस बार यह भगवान का शुक्र है कि टोंगा तालाब का पानी अंबाह ब्रांच कैनाल में मोड़ दिया गया। जिससे अधिकांश तालाब का पानी नहर में चला गया।

हिन्दुस्थान समाचार / शरद शर्मा / मुकेश तोमर