देवदर्शन से मनुष्य का जीवन मंगलमय हो जाता है: मुनिश्री

 


- ज्ञानतीर्थ पर हुई आहारचर्या एवं धर्म सभा

मुरैना, 11 मई (हि.स.)। यदि गृहस्थ जीवन में रहकर मनुष्य अपने पापों का नाश करना चाहता है, अपने पुण्य का संचय करना चाहता है, अपनी मनुष्य पर्याय को सार्थक करना चाहता है। लेकिन वह त्याग नहीं कर पा रहा, पूजन भजन भक्ति नहीं कर पा रहा, मोह नहीं छोड़ पा रहा, दिगम्बरत्व धारण नहीं कर पा रहा, तो उन्हें प्रतिदिन प्रात: सोकर उठते ही महामंत्र णमोकर का स्मरण करना चाहिए। तत्पश्चात नित्य क्रियाओं से निवृत होकर सबसे पहिले देव दर्शन करना चाहिए। जिनेंद्र प्रभु के दर्शन करने से अपने इष्टदेव के दर्शन करने एवं साधुओं की, अपने गुरुओं की वंदना करने से मनुष्य के पाप नष्ट हो जाते हैं, पापों का क्षय हो जाता है और मनुष्य का जीवन मंगलमय हो जाता है।

उक्त उद्गार मुनिश्री शिवानंद महाराज ने शनिवार को ज्ञानतीर्थ जैन मंदिर मुरैना में धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। मुनि युगल शिवानंद महाराज एवं प्रशमानंद महाराज का दिल्ली से पद विहार करते हुए ज्ञानतीर्थ मुरैना में भव्य मंगल प्रवेश हुआ। बैंड बाजों एवं जिनेंद्र प्रभु के जयकारों के साथ युगल मुनिराजों के मंगल आगमन पर ज्ञानतीर्थ महा आराधक परिवार की ओर से ब्रह्मचारिणी बहिन अनीता दीदी, मंजुला दीदी, ललिता दीदी व मुरैना जैन समाज द्वारा भव्य अगवानी की गई।

विदित हो कि शनिवार को पूज्य मुनिवर शिवानंद महाराज का क्षुल्लक दीक्षा दिवस भी था। इस पावन अवसर पर हुई धर्मसभा का शुभारंभ बाल ब्रह्मचारिणी बहिन ललिता दीदी के मंगलाचरण से हुआ। शांतिधारा करने का सौभाग्य राजेंद्र कुमार साकेत भंडारी को प्राप्त हुआ। शास्त्र भेट करने का सुअवसर श्रीमती सुनीता सुनील जैन भोपाल एवं राजेंद्र भंडारी मुरेना को प्राप्त हुआ। धर्मसभा के दौरान ज्ञानतीर्थ पर विराजमान अनीता दीदी ने ज्ञानतीर्थ क्षेत्र का परिचय प्रस्तुत किया। बड़ा जैन मंदिर कमेटी के अध्यक्ष प्राचार्य अनिल जैन ने अपने साथियों के साथ पूज्य मुनिराजों को मुरैना नगरागमन हेतु श्रीफल अर्पित किया। पूज्य मुनिराजों ज्ञानतीर्थ पर ही युगल मुनिराजों की आहारचर्या संपन्न हुई।

हिन्दुस्थान समाचार/शरद/मुकेश