मच्छरजनित बीमारियों से बचाव के लिए अभियान बतौर प्रयास करें: कलेक्टर

 


- ग्वालियर शहर में 40 टीमें कर रही कार्य, संवेदनशील क्षेत्रों में किया जा रहा टेमोफोस व पायरेथ्रम दवा का छिड़काव

ग्वालियर, 26 जून (हि.स.)। जिले में डेंगू, मलेरिया, चिकुनगुनिया एवं मच्छरजनित अन्य बीमारियों से बचाव के लिए अभियान बतौर प्रयास करने के निर्देश कलेक्टर रुचिका चौहान ने दिए हैं। इस परिपालन में ग्वालियर शहर के सभी 66 वार्डों में मच्छरों का लार्वा समाप्त करने और डेंगू-मलेरिया इत्यादि मच्छरजनित बीमारियों के सर्वे व लार्वा नष्ट कराने के लिये 40 टीमें लगाई गई हैं। इसी तरह ग्रामीण अंचल में स्थानीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता व आशा कार्यकर्ताओं द्वारा सर्वे के साथ-साथ रेपिड किट द्वारा जाँच की जा रही है। जिले में त्वरित कार्रवाई के लिए जिला व विकासखंड स्तर पर रेपिड रिस्पोंस सह काम्बेट टीम भी गठित की गई है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार मच्छरजनित बीमारियों से बचाव के लिए विभिन्न स्थानों पर टेमोफोस का छिड़काव प्रमुखता से किया जा रहा है। पूर्व के अनुभवों के आधार पर डेंगू प्रभावित क्षेत्र एवं संभावित संवेदनशील क्षेत्र के 400 मीटर के दायरे में टेमोफोस व पायरेथ्रम दवा स्प्रे का छिड़काव विशेष तौर पर शुरू किया गया है। डेंगू-मलेरिया नियंत्रण कार्य में नगर निगम के सहयोग से भी संवेदनशील क्षेत्रों में फॉगिंग कराई जा रही है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार डेंगू-मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम के तहत अभियान बतौर घरों में जाकर पानी के कंटेनरों इत्यादि की विशेष तौर पर जाँच की जा रही है। जिले में 1422 घरों के 1581 कंटेनरों इत्यादि में मच्छर के लार्वा नष्ट कराए गए हैं। साथ ही जिले भर में एक लाख 35 हजार 637 व्यक्तियों की मलेरिया की जाँच की गई। जिनमें पाँच पॉजिटिव केस पाए गए। जिले में अभी तक 2262 बुखार पीड़ित रोगियों की जाँच में 116 पॉजिटिव डेंगू मरीज पाए गए, जो सभी उपचार से ठीक हो गए हैं। मलेरिया नियंत्रण के लिए भारत सरकार से प्राप्त मच्छरदानी का वितरण भी ग्रामीण क्षेत्र व मलिन बस्तियों में किया गया है।

आम जन से अपील मच्छरों को पनपने से रोकें

जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग ने जिलेवासियों से मलेरिया-डेंगू, चिकुनगुनिया एवं जीका जैसी बीमारियों से बचने के लिये मच्छरों को पनपने से रोकने में सहयोग करने का आह्वान किया है। सभी से आग्रह किया गया है कि वे अपने घर व आसपास अनावश्यक पानी इकट्ठा न होने दें। घर के बर्तनों व टंकियों में भरा पानी सप्ताह में एक बार अवश्य खाली करें। मच्छरों से बचाव के लिए पूरे आस्तीन के कपड़े पहनें। सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। साथ ही मच्छर भगाने के साधन मसलन क्रीम, क्वाइल व रिपेलेन्ट इत्यादि का उपयोग भी किया जा सकता है। टायर व कबाड़ इत्यादि सामान को ढककर रखें, जिससे उसमें पानी जमा न हो। बुखार आने पर तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर जांच कराएँ।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश