म.प्र. सर्वश्रेष्ठ वित्तीय प्रबंधन में होगा देश का अग्रिम राज्य, प्रति वर्ष होगा 3.5 करोड़ से अधिक वित्तीय ट्रांजेक्शन

 

भोपाल, 29 नवंबर (हि.स.)। मध्यप्रदेश वित्तीय प्रबंधन के क्षेत्र में देश का अग्रिम राज्य बनने जा रहा है। वित्त विभाग महत्वाकांक्षी एकीकृत वित्तीय प्रबंधन व्यवस्था करने जा रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेस एवं मशीन लर्निंग आधारित उत्कृष्ट साफ्टवेयर को मध्य प्रदेश अग्रणी राज्य के रूप में क्रियान्वित करेगा। साफ्टवेयर से राज्य के 10.2 लाख कर्मचारी, 5.6 लाख पेंशनभोगी, 5917 संवितरण कार्यालय, सम्पूर्ण प्रदेश का बजट एवं समस्त विभाग लाभान्वित होंगे। इसके माध्यम से प्रदेश के प्रति वर्ष 3.5 करोड़ से अधिक वित्तीय ट्रांजैक्शन किया जावेगा। मध्यप्रदेश देश का अग्रिम राज्य है, जहां इतनी बड़ी संख्या में सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों के वित्तीय डाटा का आर्टीफीशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग का प्रयोग कर प्रबंधन किया जएगाा। अब यह व्यवस्था पूरी तरह से पेपरलैस, कान्टैक्टलैस एवं फेसलैस होगी साथ ही एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर यूजर फ्रेंडली होगा।

यह जानकारी शुक्रवार काे जनसंपर्क अधिकारी संताेष मिश्रा ने दी।

उन्हाेंने बताया कि नेक्स्ट जनरेशन का एडवांस अत्याधुनिक साफ्टवेयर–आईएफएमआईएस नेक्स्ट जेन को क्रियान्वित करने के लिए म.प्र. सरकार समन्वित तैयारी कर रही है। वित्त विभाग ग्लोबल टैक्नोलॉजिकल इनोवेशन के अनुरूप नवीन वित्तीय प्रबंधन सॉफ्टवेयर विकसित कर रहा है। इस महत्वपूर्ण परियोजना में आईटी क्षेत्र के विषय विशेषज्ञों की टीम काम कर रही है। अब तक आईटी क्षेत्र की 28 कंपनियों ने साफ्टवेयर तैयार में अपनी रूचि दिखाई है।

प्रमुख सचिव वित्त मनीष रस्तोगी ने आईटी कंपनियों को बिड में भाग लेने के लिये प्रोत्साहित किया एवं कंपनियों के अनुभव तथा श्रेष्ठतम रिसोर्स से राज्य को लाभान्वित करने के लिये अनुरोध किया गया। आयुक्त, कोष एवं लेखा, लोकेश कुमार जाटव ने इस परियोजना को राज्य शासन की अत्यंत महत्वाकांक्षी बताते हुए कहा कि यह डिजिटल गवर्नेंस की एक अनूठी परियोजना है और देश में एक आदर्श उदाहरण होगी।

हिन्दुस्थान समाचार / नेहा पांडे