मध्य प्रदेश में 26 दिसम्बर को मनाया जायेगा वीर बाल दिवस
- स्कूलों में होंगी चित्रकला एवं लेखन प्रतियोगिताएं
- मंत्री सिंह ने की प्रतियोगिता में अधिक से अधिक बच्चों को शामिल होने की अपील
भोपाल, 22 दिसम्बर (हि.स.)। मध्य प्रदेश में 26 दिसम्बर को वीर बाल दिवस मनाया जायेगा। इसके लिये स्कूल शिक्षा विभाग ने समस्त जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किये हैं। स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने स्कूल के बच्चों से इस दिन होने वाली गतिविधियों में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने की अपील की है।
जनसंपर्क अधिकारी मुकेश मोदी ने सोमवार को बताया कि साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह द्वारा दिये गये सर्वोच्च बलिदान के संबंध में प्रतिवर्ष 26 दिसम्बर को वीर बाल दिवस मनाया जाता है। यह दिवस भारत के भविष्य की नींव माने जाने वाले बच्चों को सम्मानित करने के लिये समर्पित एक राष्ट्रीय उत्सव है। इस पहल का उद्देश्य युवा प्रतिभाओं का पोषण करना, रचनात्मकता को बढ़ावा देना और उन्हें विकसित भारत के सपने में योगदान देने के लिये प्रेरित करना है।
वीर बाल दिवस पर होने वाली प्रतियोगिताएं
स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूलों में आयु समूह के अनुसार विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित करने का निर्णय लिया है। आयु वर्ग 3-6 वर्ष के लिये चित्रकारी, पेंटिंग, खेल गतिविधियाँ और कहानी सुनाना प्रमुख हैं। आयु वर्ग 6-10 वर्ष के लिये चित्रकला, निबंध लेखन और कहानी सुनाना प्रमुख है। इसके लिये जो विषय तय किये गये हैं, उनमें मेरे सपनों का भारत, वह भारत जो मैं देखना चाहता हूँ, दूसरों की मदद करना मेरी महाशक्ति है, मेरी संस्कृति के रंग और मेरे आसपास के नायक, जिनमें शिक्षक, देखभालकर्ता और मित्र शामिल हैं।
स्कूलों में आयु वर्ग 11-18 वर्ष के लिये निबंध, कविताएं, वाद-विवाद और डिजिटल प्रतियोगिता शामिल हैं। इनके लिये जो विषय तय किये गये हैं, उनमें राष्ट्र निर्माण में बच्चों की भूमिका, विकसित भारत के लिये मेरा दृष्टिकोण, विकसित भारत बनाने में बच्चों की भूमिका, विकासशील भारत को आकार देने में बच्चों की भूमिका, साहस और करुणा, एक नायक क्या बनाता है, भारत के इतिहास की वीरता कहानियाँ, डिजिटल इण्डिया में युवाओं के लिये अवसर, स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ-प्रत्येक बालिका को सशक्त बनाना शामिल हैं। इसके अलावा आत्मनिर्भर भारत-नवाचार में युवाओं की अग्रणी भूमिका, वोकल फॉर लोकल-भारत की पारम्परिक शिल्प-कलाओं का उत्सव मनाना, स्किल इण्डिया मिशन और अमृतकाल में कल के भारत निर्माण में युवाओं की भूमिका को शामिल किया गया है। शिक्षकों को इन प्रतियोगिताओं में सक्रिय रूप से भागीदारी करने के लिये कहा गया है।
हिन्दुस्थान समाचार / उम्मेद सिंह रावत