अनूपपुर: औद्योगिक संस्थानों, मोटर गैरेज, रेलवे के विभिन्न कार्यालयों में पूजे गये देव शिल्पी भगवान विश्वकर्मा

 


अनूपपुर, 17 सितंबर (हि.स.)। श्रमिकों के आराध्य देव विश्वकर्मा जी की पूजा- आराधना मंगलवार को समूचे जिले में श्रद्घाभाव के साथ सार्वजनिक व निजी संस्थाओं में की गई। परंपरानुसार मूर्ति स्थापित कर व छायाचित्र के माध्यम से लोगों ने अपने-अपने प्रतिष्ठानों में एवं कार्य स्थल पर आय के स्रोत यंत्रों,लौह सामग्रियों की पूजा कर भगवान से कार्यक्षेत्र में उन्नति और तरक्की प्रदान किए जाने प्रार्थना की। यह पर्व नगर सहित विद्युत उत्पादक व कालरी क्षेत्र में भक्तिभाव और उल्लास पूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर बाजार क्षेत्र में भी दिनभर पूजन का माहौल रहा।

जगह-जगह विराजे श्रम के देवता

नगर व जिले के औद्योगिक संस्थानों और मोटर गैरेज, छापाखानों, फर्नीचर,चक्कियों,रेलवे के विभिन्न कार्यालयों में भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति स्थापित कर सभी श्रमिको द्वारा सामूहिक रूप से सम्मिलित होकर पूजा- अर्चना की। इस अवसर पर भव्य पंडाल और झांकियों की सजावट की गई थी। नगर के शासकीय कार्यालय पीएचई, पीडब्लूडी, जलसंसाधन, विद्युत विभाग में भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति की स्थापना कर शिल्पी देव की पूजा हुई।

आईटीआई और मोजर बेअर में पर्व का उल्लास

विश्वकर्मा जयंती जैतहरी नगर व आसपास के ग्रामीण क्षेत्र में बड़ी धूमधाम के साथ मनायी गई। नगर के विभिन्न प्रतिष्ठानों सहित स्थानीय आईटीआई भवन सहित विभिन्न कार्यालयों में श्रम के देवता श्री विश्वकर्मा जी की पूजा अराधना हुयी।

चचाई में श्रद्धा से पूजे गए शिल्पी देव

अमरकंटक जाप विद्धुत गृह चचाई में प्रतिवर्ष की तरह भगवान विश्वकर्मा जी की जयंती में मुख्य अभियंता चचाई अपने कार्यालय में आयोजित पूजा में शामिल हुए तत्पश्चात्‌ उन्होंने अपने अधिनस्थ अधिकारियों के साथ पावर हाउस के सभी कार्यालयों में हो रही पूजा में उपस्थित होकर सभी को विश्वकर्मा जयंती की शुभकामना प्रेषित की। प्लांट में विभिन्न कार्यालयों सहित ठेकेदारों के साइड आफिस में श्रद्घाभाव के साथ पूजन कार्यक्रम हुए। प्रतिवर्ष की तरह पावर हाउस को आमजनों के प्रवेश हेतु खोल दिया गया था। यहां आसपास से ग्रामीण व ऊर्जा नगरी के लोग पूजन कार्यक्रम में शामिल हुए व प्रसाद प्राप्त किया तथा प्लांट में घूमने का अवसर प्राप्त किया।

कालरी क्षेत्र में रही विश्वकर्मा पूजा की धूम

कोयलाचंल के राजनगर सब स्टेशन, वर्कशॉप, खदान, ओपनकास्ट ,सीएचपी , बसस्टैण्ड स्थित गैरिजों समेत विभिन्न जगहों पर बड़े ही धूम धाम से विश्वकर्माजी की जयंती मनाई गई। यहां भी विश्वकर्मा जी की प्रतिमा रखी गई थी वहां श्रद्घालुओं ने जाकर दर्शन किये व प्रसाद ग्रहण किया। इसी तरह आमाडांड़, जमुना-कोतमा क्षेत्र और बिजुरी कालरी में विश्वकर्मा पूजन भक्तिभाव के साथ मनाया गया।

जैतहरी में हिंदुस्तान पावर परिसर पूजे गये देव शिल्पी

जैतहरी स्थित हिंदुस्तान पावर परिसर में पारंपरिक श्रद्धा और भक्ति के साथ भगवान विश्वकर्मा की पूजा की गई। परंपरा में आदि शिल्पी, वास्तुकार और सर्वोच्च अभियंता माने जाने वाले विश्वकर्मा की पूजा में कामगारों, अधिकारियों और उनके परिवार के सदस्यों ने बढ़-चढक़र हिस्सा लिया। इस असवर पर हिंदुस्तान पावर कंपनी के मुख्य सलाहकार, प्लांट हेड, ओएंडएम हेड, एचआर-एडमिन हेड समेत कई अधिकारियों ने पूजा और हवन में भाग लिया। आयोजन का समापन विशाल भंडारे से हुआ जिसमें कामगारों, अधिकारियों और उनके परिवार के सदस्यों ने प्रसाद ग्रहण किया। इस मौके पर मशीनों, कलपुर्जों, वाहनों आदि की मंत्रोच्चार के साथ विधिवत पूजा की गई। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भगवान विश्वकर्मा से परियोजना के निर्बाध और सुरक्षित परिचालन के लिए आशीर्वाद लिया। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विश्वकर्मा निर्माण के सर्वोच्च देवता है। उन्हें पहला अभियंता और आदि वास्तुकार माना जाता है। वास्तुदेव और अंगरिसी के पुत्र विश्वकर्मा का जन्म अश्विन मास के प्रतिपदा को हुआ था।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश शुक्ला