उज्जैनः एकादशी पर भगवान महाकाल का भांग और चंदन से हुआ विशेष श्रृंगार

 


उज्जैन, 5 अप्रैल (हि.स.)। उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर के मंदिर में चैत्र कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर शुक्रवार तड़के भगवान महाकाल का जलाभिषेक किया गया। इसके बाद दूध, दही, घी, शहद, फलों के रस से बने पंचामृत से अभिषेक पूजन कर भगवान महाकाल का भांग और चंदन से विशेष श्रृंगार किया गया। भगवान महाकाल के इस दिव्य स्वरूप का सुबह भस्म आरती में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने दर्शन कर पुण्य लाभ लिया।

परम्परा के मुताबिक महाकालेश्वर मंदिर में शुक्रवार तड़के चार बजे मंदिर के पट खुलते ही पंडे-पुजारियों ने गर्भगृह में स्थापित भगवान की प्रतिमाओं का पूजन किया। भगवान महाकाल का जलाभिषेक दूध, दही, घी, शक्कर और फलों के रस से बने पंचामृत से कर पूजन अर्चन किया गया। प्रथम घंटाल बजाकर हरि ओम का जल अर्पित किया गया। कपूर आरती के बाद बाबा महाकाल को चांदी का मुकुट और रुद्राक्ष व पुष्पों की माला धारण करवाई गई। विशेष बात यह रही कि एकादशी की भस्मआरती में भगवान महाकाल का एक अलग ही श्रृंगार किया गया। ज्योतिर्लिंग भगवान के मस्तक पर सूर्य, चंद्र और त्रिपुंड लगाकर उन्हें श्रृंगारित किया गया। श्रृंगार के बाद बाबा महाकाल के ज्योतिर्लिंग को कपड़े से ढांक कर भस्म रमाई गई और भोग भी लगाया गया।

भस्म आरती में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल के दर्शन किए। इस दौरान पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज से गुंजायमान हो गया। लोगों ने नंदी महाराज का दर्शन कर उनके कान के समीप जाकर अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने का आशीर्वाद मांगा।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/संजीव