मप्र में विधायक दल की बैठक सोमवार को, पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में मुख्यमंत्री का होगा चयन
भोपाल, 8 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित हुए पांच दिन हो गए, लेकिन भाजपा ने अब तक यह साफ नहीं किया है कि प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के दावेदारों की सूची लंबी होती जा रही है। इसी बीच पार्टी ने नवनिर्वाचित भाजपा विधायक दल की बैठक बुलाई है। यह बैठक सोमवार, 11 दिसंबर को केन्द्रीय नेतृत्व द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की मौजूदगी में होगी। इसमें नवनिर्वाचित विधायक मुख्यमंत्री का चयन करेंगे। इसके साथ ही यह सस्पेंस भी खत्म हो जाएगा कि प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा।
दरअसल, भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के. लक्ष्मण, राष्ट्रीय सचिव आशा लाकड़ा को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। इनकी मौजूदगी में भाजपा विधायक दल का नेता यानी मुख्यमंत्री चुना जाएगा।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में तीन दिसंबर को विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित हुए थे, जिनमें भाजपा ने प्रचंड बहुमत हासिल किया था। प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 116 है, जबकि भाजपा ने यहां 163 सीटें जीती है। वहीं, कांग्रेस को 66 सीटें और एक सीट भारत आदिवासी पार्टी को मिली है। पार्टी ने केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते समेत सात सांसदों को चुनावों में उतारा था। इनमें से केंद्रीय मंत्री कुलस्ते मंडला के निवास सीट पर विधानसभा चुनाव हार गए। इसके साथ ही गणेश सिंह भी सतना से हार गए। इसके अलावा सांसद रीति पाठक (सीधी), जबलपुर के सांसद राकेश सिंह (जबलपुर पश्चिम), होशंगाबाद के सांसद राव उदय प्रताप सिंह (गाडरवारा) में जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। इन पांचों ने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नरेंद्र सिंह तोमर और प्रहलाद पटेल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के साथ ही कैलाश विजयवर्गीय को भी मुख्यमंत्री पद का प्रमुख दावेदार हैं, लेकिन मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है। हालांकि, वह कुछ समय पहले वह बयान दे चुके हैं कि वह न तो कभी मुख्यमंत्री पद के दावेदार थे और न ही आज हैं। पार्टी का जो भी आदेश होगा, वह उन्हें स्वीकार है। इसके बाद उन्होंने यह भी कहा कि वे दिल्ली नहीं बल्कि छिंदवाड़ा जाएंगे। 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने छिंदवाड़ा छोड़कर प्रदेश की शेष 28 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी।
शिवराज के अलावा पार्टी का कद्दावर ओबीसी चेहरा प्रहलाद पटेल भी रेस में हैं। नरेंद्र सिंह तोमर के लंबे प्रशासनिक अनुभव को देखते हुए उन्हें भी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। केंद्रीय संगठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे कैलाश विजयवर्गीय को भी मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/नेहा