जीवन और प्रकृति के संरक्षण के लिए नदियों को अविरल और पवित्र रखना ज़रूरी: मंत्री जायसवाल

 








अमरकंटक में जल गंगा संवर्धन अभियान के समापन समारोह को किया संबोधित

अनूपपुर, 16 जून (हि.स.)। जल स्रोतों का संरक्षण कर हम आने वाली पीढ़ी को धरोहर संजोकर दे रहे हैं। प्रकृति और जीवन का वैंसा ही संबंध है, जैंसे संतान का और मां का। यदि हम प्रकृति और नदियों की उपेक्षा करेंगे तो हमारा जीवन भी निर्जल होगा। हमें अपने जीवन के लिए नदियों को अविरल और पवित्र रखना होगा। उन्होंने कहा कि नर्मदा नदी गंगा नदी से भी प्राचीन नदी है इसके कण-कण में शंकर का वास है। इसका देश एवं मध्य प्रदेश में विशेष महत्व है। हम सब को मिलकर ऐसा प्रयास करना होगा कि प्राकृतिक का रूप जैसा पहले था, वैसा हमेशा बना रहे।

यह बात कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिलीप जायसवाल रविवार को अमरकंटक में जल गंगा संवर्धन अभियान के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत प्रदेश के सभी जल स्रोतों को स्वच्छ एवं साफ रखने का जो अभियान चलाया गया, वह अभूतपूर्व है। अनूपपुर जिला सहित संपूर्ण प्रदेश के प्राचीन से प्राचीन जल स्रोतों का संरक्षण एवं संवर्धन किया गया। यह कार्य लगातार जारी रहेगा।

उन्होंने सभी को गंगा दशहरा पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि गंगा दशहरा का यह पावन अवसर है। शासन द्वारा तय किया गया था कि पर्यावरण दिवस 5 जून से गंगा दशहरा तक हमारे नदी, कुएं, पोखर, तालाब, झरने आदि जल स्रोतों के साथ हमारी ऐतिहासिक धरोहर, बावड़ियों के संरक्षण और संवर्धन का काम किया गया।

जल है तो जीवन है, वन है तो कल

राज्य मंत्री जायसवाल ने कहा कि मुझे बताते हुए खुशी है कि जल गंगा संवर्धन अभियान सफल रहा है। वृक्ष एवं जल के बिना जीवन संभव नहीं है। इसलिए हमें वृक्ष और जल का संरक्षण एवं संवर्धन करना होगा। उन्होंने कहा कि मनुष्य ने इन नदियों के प्रति जो उपेक्षा पूर्ण रवैया अपनाया है, वह बहुत ही खतरनाक है। हमें अपने आने वाली पीढ़ियों के लिए इन्हें जीवंत बनाना होगा। जल है तो जीवन है, वन है तो कल है। उन्होंने कहा कि कोई भी कार्य अकेले सरकार नहीं कर सकती, इसके लिए हम सभी को आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत सभी सभी ने अपनी भागीदारी निभाई, इस कारण से जल गंगा संवर्धन अभियान सफल हो पाया है।

इसके पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ राज्यमंत्री दिलीप जायसवाल ने मां नर्मदा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया। इस दौरान शांति कुटी आश्रम के महंत स्वामी राम भूषणदास जी, कल्याण सेवा आश्रम से धर्मानंद जी महाराज एवं परमहंस धारकुंडी आश्रम के स्वामी लवलीन महाराज ने भी दीप प्रज्वलित किया।

निबंध एवं चित्रकला प्रतियोगिता के प्रतिभागी छात्राओं को किया पुरस्कृत

कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिलीप जायसवाल ने जल गंगा संवर्धन अभियान के समापन समारोह में निबंध प्रतियोगिता में प्रतिभागी छात्रा कु. वंशिका सारीबान प्रथम, कु. रीति टांडिया द्वितीय, कु. दुर्गेश्वरी चंदेल तृतीय एवं चित्रकला प्रतियोगिता में कु. गीतिका तवर प्रथम, कु. ऐश्वर्या सिंह चौहान द्वितीय एवं कु. परी गुप्ता तृतीया को शील्ड एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

एनजीओ संस्थान का किया सम्मान

कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने समापन समारोह में जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत वैतरणी सरोवर, लक्ष्मी सरोवर एवं कपिला सरोवर में श्रमदान करने वाले वतन सेवा समिति, फलक सेवा समिति एवं मां नर्मदा नदी संरक्षण ग्राम पर्फुटन समिति अमरकंटक को शील्ड एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

राज्य मंत्री ने किया पौधारोपण

राज्य मंत्री दिलीप जायसवाल ने जल गंगा संवर्धन अभियान के समापन अवसर पर अमरकंटक के रामघाट दक्षिण तट में पौधारोपण कर प्रकृति के संवर्धन एवं संरक्षण का संदेश दिया। इस दौरान कलेक्टर आशीष वशिष्ठ, अपर कलेक्टर अमन वैष्णव सहित अन्य जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने 155 पौधो कर रोपण किया। इस दौरान राज्य मंत्री ने कहा कि पौधों का रोपण करने से ज्यादा जरूरी, पौधों का संरक्षण करना है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि सभी लोग अपने घर के शुभ अवसर पर पौधारोपण अवश्य करें, क्योंकि जल एवं वृक्ष के बिना कोई भी शुभ कार्य पूर्ण नहीं होता है।

हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश शुक्ला/मुकेश