खाचरोद जेल से तीन कैदियों की सनसनीखेज फरारी, डीजी जेल ने किया निरीक्षण, तीन अधिकारी निलंबित
उज्जैन, 6 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले की उप जेल खाचरोद से गुरुवार शाम हुई तीन कैदियों की फरारी ने जेल प्रशासन और पुलिस महकमे में हड़कंप मचा दिया है। घटना के 24 घंटे बाद भी फरार कैदियों का कोई सुराग पुलिस को नहीं मिल पाया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए शुक्रवार शाम भोपाल से जेल महानिदेशक (डीजी जेल) वरुण कपूर स्वयं खाचरोद पहुंचे और जेल परिसर का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई करते हुए तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है।
जानकारी के अनुसार, गुरुवार शाम खाचरोद उप जेल से गोविंद निवासी नागदा, गोपाल निवासी मालाखेड़ी और नारायण निवासी चंदवासला जेल की दीवार फांदकर फरार हो गए। इनमें गोविंद हत्या के गंभीर मामले में बंद था, जबकि गोपाल और नारायण बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों के आरोपी हैं। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और जेल प्रशासन में अफरा-तफरी मच गई। जिलेभर में नाकाबंदी की गई, संभावित ठिकानों पर दबिश दी गई, लेकिन शुक्रवार देर शाम तक पुलिस को कोई ठोस सफलता नहीं मिल सकी। फरार कैदियों की तलाश के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं, वहीं आसपास के जिलों को भी अलर्ट कर दिया गया है।
मामले की जांच के लिए शुक्रवार शाम करीब पांच बजे जेल महानिदेशक वरुण कपूर खाचरोद जेल पहुंचे। उन्होंने करीब 30 मिनट तक जेल के भीतर जाकर सुरक्षा व्यवस्था, ड्यूटी रजिस्टर, कर्मचारियों की तैनाती और घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ सर्किल जेलर अधिकारी लक्ष्मण सिंह भदोरिया, सेंट्रल जेल उज्जैन के अधीक्षक मनोज कुमार साहू, खाचरोद एसडीओपी आकांक्षा बेछोटे और थाना प्रभारी धन सिंह नलवाया भी मौजूद रहे।
निरीक्षण के दौरान लापरवाही सामने आने पर तत्काल प्रभाव से तीन अधिकारियों पर गाज गिरी। वर्तमान जेलर नवीन नेमा, नीमच जेल में पदस्थ सहायक अधीक्षक मनोज कुमार चौरसिया और जेल प्रहरी रितेश कटारा को निलंबित कर दिया गया है। बताया गया कि मनोज कुमार चौरसिया का स्थानांतरण नीमच से खाचरोद किया गया था, लेकिन उन्होंने समय पर चार्ज नहीं लिया। इसी कारण खाचरोद जेल का प्रभार नवीन नेमा को सौंपा गया था। इस प्रशासनिक लापरवाही को भी फरारी की एक बड़ी वजह माना जा रहा है।
जेल डीजी वरुण कपूर ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि फरार कैदियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए जेल सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाए। फिलहाल यह घटना जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है और आमजन में भय का माहौल बना हुआ है।
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हिन्दुस्थान समाचार / Ravindra singh Raghuvanshi