मप्र में पूर्व यौन अपराधियों की सघन जांच और प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की कवायद शुरू

 


- 24 घंटों में 4916 यौन अपराधियों से की गई पूछताछ

- यौन हिंसा के प्रकरणों में रहेगा जीरो टॉलरेंस

भोपाल, 29 सितम्बर (हि.स.)। मुख्‍यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा प्रदेश में महिला एवं बाल सुरक्षा को सुनिश्चित करने तथा शांति एवं कानून व्‍यवस्‍था बनाए रखने के लिए दिए गए निर्देशों के अनुक्रम में डीजीपी सुधीर सक्‍सेना द्वारा शनिवार को वीडियो कॉफ्रेंसिंग की गई । जिसमें प्रदेश में यौन अपराधों की प्रभावी रोकथाम, यौन अपराधियों की सघन जांच और यौन अपराधियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए प्रभावी कार्रवाई करने सभी पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया गया। जिसके तारतम्य में पूरे प्रदेश में पुलिस द्वारा व्यापक अभियान के रूप में ऐसे अपराधियों को चिन्हित कर कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई है।

पिछले दस वर्षों में यौन व लैंगिक अपराधों में संलिप्त लोगों की सघन जांच शुरू

पुलिस पीआरओ आशीष शर्मा ने रविवार को जानकारी दी कि लैगिंक अपराधों में संलिप्त रहे लोगों के विरूद्ध अभियान चलाकर प्रदेश के सभी थाना क्षेत्रों में विगत दस वर्षों में इस तरह के अपराधों में लिप्त रहे लोगों की सघन जांच एवं निगरानी प्रारंभ कर दी गई है। पुलिस के विभिन्‍न डाटा बेस से यौन अपराधियों विशेषत: एक से अधिक बार इस तरह के अपराध को अंजाम देने वाले अपराधियों की जानकारी संकलित की गई है। साथ ही कम उम्र की नाबालिग बालिकाओं से बलात्कार में दोषी अपराधियों को भी चिन्हित किया जा रहा है। जो अपराधी अपना क्षेत्र छोड़कर अन्यत्र निवास कर रहे हैं, उनकी संबंधित पुलिस थाने को जानकारी देना सुनिश्चित किया जा रहा है ताकि उनकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा सके।

उन्‍होंने बताया कि पूरे प्रदेश में लगभग 51052 यौन अपराधियों का डाटा बनाकर चिन्हित किया गया है। पिछले 24 घंटों में 2469 यौन अपराधियों के विरुद्ध प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई तथा 2447 यौन अपराधियों से पूछताछ कर उन्हें हिदायत दी गई। इस प्रकार एक दिन में लगभग 4916यौन अपराधियों से पुलिस द्वारा पूछताछ कर सख्त हिदायत दी गई है।

शर्मा ने बताया कि पूरे प्रदेश में पुलिस द्वारा अपने-अपने थाना क्षेत्र में ऐसे अपराधियों की कोई भी गतिविधी व आचरण संदिग्ध या संदेहास्पद पाए जाने पर हिदायत दी जा रही है। अपराधियों को बॉउन्ड ओवर तथा विधि अनुसार अन्य कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है। वहीं, पुनरावृत्तिकर्ता अपराधियों की हिस्ट्रीशीट तैयार की जा रही है तथा आदतन अपराधियों पर विशेष नजर रखी जा रही है।

इसके अलावा शासन की मंशानुसार पॉस्को एक्ट तथा अन्य यौन अपराधों संबंधित फास्ट ट्रेक कोर्ट में चल रहे मामलों के त्वरित निराकरण के लिए फॉलोअप लिया जा रहा है तथा डीपीओ और अन्य संबंधित अधिकारियों से संपर्क कर पीडि़त को त्वरित न्याय तथा अपराधी को कड़ी सजा दिलाने के लिए प्रयास जारी हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / उम्मेद सिंह रावत