जबलपुरः सहकारी बैंकों की हालत सुधारने के लिए ऋण वसूली में सख्ती बरतने के निर्देश

 


- गबन के मामलों में प्रकरण तैयार कर एफआईआर दर्ज कराएं

जबलपुर, 24 मई (हि.स.)। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक को घाटे से उबारने के लिये ऋण वसूली और डिपॉजिट बढाने पर अधिक ध्यान देने के निर्देश बैंक के अधिकारियों को दिये हैं। कलेक्टर सक्सेना शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के सभी शाखा प्रबंधकों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में जिला पंचायत की सीईओ जयति सिंह भी मौजूद थीं।

कलेक्टर सक्सेना ने बैठक के प्रारम्भ में जिला केंद्रीय सहकारी बैंक की वसूली योग्य राशि का ब्यौरा प्राप्त किया। उन्होंने बैंक के बड़े बकायादारों की समितिवार सूची तैयार करने ऋण वसूली में सख्ती बरतें के निर्देश दिये। उन्होंने गबन के मामलों में दस्तावेजों का परीक्षण करने की हिदायत भी दी, ताकि तय किया जा सके कि वास्तव में वसूली किससे की जानी है। साथ ही बड़े बकायादारों के प्रकरणों में ऋण प्रदान करने दिये गये आवेदन, ऋण स्वीकृति आदेश और ऋण रजिस्टर की जाँच कर लेने के भी निर्देश दिये। कहीं ऐसा तो नहीं कि फर्जी प्रकरण बनाकर ऋण स्वीकृत कर दिये गये हों। उन्होंने ऐसे मामलों में दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने के निर्देश भी बैंक अधिकारियों को दिये।

कलेक्टर ने जिला केंद्रीय बैंक की ऋण वसूली के लिये तैयार एक्शन प्लान की जानकारी भी बैंक अधिकारियों से ली। उन्होंने कहा कि बैंक की प्रत्येक शाखा को पुराने ऋण की पचास प्रतिशत और नये ऋण की शत प्रतिशत वसूली का लक्ष्य दिया जाये। श्री सक्सेना ने बैंक अधिकारियों को पिछले तीन से चार साल की आडिट रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश देते हुये कहा कि केंद्रीय सहकारी बैंक के माली हालात सुधारने के लिये इसके कामकाज की नियमित समीक्षा की जायेगी।

बैठक में कलेक्टर ने बैंक डिपॉजिट बढाने के लिये नये बिजनेस पर ध्यान देने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय सहकारी बैंक को घाटे से उबारने कंसल्टेंट की नियुक्ति भी की जा सकती है। बैठक में बताया गया कि बैंक की 371 करोड़ रुपये की राशि की वसूली की जाना है। इसमें 140 करोड़ रुपये गबन की राशि भी शामिल है।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश