इंदौरः नेशनल लोक अदालत में 2816 प्रकरणों का निराकरण, करीब सौ करोड़ के अवार्ड पारित
- जिला न्यायालय के अलावा तहसील न्यायालयों में भी राजीनामें हेतु प्रकरणों की हुई सुनवाई
इंदौर, 11 मई (हि.स.)। इंदौर जिले में शनिवार को नेशनल लोक अदालत सम्पन्न हुई। इस लोक अदालत में 2816 प्रकरणों का निराकरण हुआ। निराकृत प्रकरणों में लगभग 100 करोड़ रुपये के अवार्ड, डिक्री, मुआवजा, वसूली के आदेश पारित किये गये। यह लोक अदालत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश बीपी शर्मा के मार्गदर्शन में आयोजित हुई।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव आसिफ अहमद अब्बासी ने जानकारी देते हुए बताया कि शनिवार को जिला मुख्यालय के साथ ही बाह्यवर्ती न्यायालय डॉ. अंबेडकर नगर, देपालपुर, सांवेर एवं हातोद में प्रकरणों के निराकरण हेतु गठित कुल 72 खण्डपीठों में मोटर दुर्घटना क्लेम के 421 प्रकरण, सिविल के 86 प्रकरण, विद्युत के 155 प्रकरण, चेक अनादरण के 729 प्रकरण, राजीनामा योग्य दाण्डिक के 319 प्रकरण, पारिवारिक विवाद के 152 प्रकरण, श्रम के 10 प्रकरण व अन्य राजीनामा योग्य प्रकरण 877 (जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग के 02 प्रकरण) तथा प्रीलिटिगेशन के 67 प्रकरण का निराकरण किया गया। इस प्रकार नेशनल लोक अदालत में कुल 2816 प्रकरणों का निराकरण होकर कुल लगभग 100 करोड़ के अवार्ड, डिक्री, मुआवजा व वसूली के आदेश पारित किये गये।
क्लेम अधिवक्ता दीपक सोनी, अंशुल राठौर एवं देव गुर्जर ने बताया कि न्यायालय में विचाराधीन क्लेम प्रकरण में धर्मेन्द्र अपने परिचतों के साथ अपनी कार से जा रहा था। जिसे वाहन आयशर के चालक द्वारा रांग साईड आकर सामने से जोरदार टक्कर मार दी थी। जिससे धर्मेन्द्र की मृत्यु हो गई थी। धर्मेन्द्र मृत्यु के पूर्व मध्यप्रदेश पुलिस में आरक्षक के पद पर इन्दौर में नियुक्त थे। शनिवार को आयोजित नेशनल लोक अदालत में मृतक के परिजनों को बीमा कम्पनी रायल सुंदरम के विधि अधिकारी जयेश शर्मा द्वारा न्यायालय में उपस्थित होकर कम्पनी के दायित्व को स्वीकार करते हुए क्षतिपूर्ति राशि 50 लाख रुपये का चैक प्रदान किया गया।
उच्च न्यायालय की इंदौर खण्डपीठ में लोक अदालत में 175 प्रकरणों का निराकरण
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खण्डपीठ में भी शनिवार को नेशनल लोक अदालत सम्पन्न हुई। इस लोक अदालत में 175 प्रकरणों का निराकरण हुआ। निराकृत प्रकरणों में एक करोड़ 73 लाख 74 हजार 737 रुपये के अवार्ड पारित किये गये। यह लोक अदालत राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देशानुसार एवं मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति रवि मलिमठ एवं मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर के प्रशासनिक न्यायाधिपति सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी के आदेशानुसार आयोजित की गई। उक्त नेशनल लोक अदालत में उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर की ओर से लगभग 1074 प्रकरणों को लोक अदालत हेतु गठित 2 खण्डपीठ के समक्ष रखा गया। इसमें से खण्डपीठ द्वारा 175 प्रकरणों का निराकरण किया गया।
इस वर्ष की द्वितीय नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ प्रशासनिक न्यायाधिपति सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी द्वारा अन्य न्यायाधिपतिगण की गरिमामयी उपस्थिति में सरस्वती प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। उक्त खण्डपीठ में सिविल (एम.ए.सी.टी.आदि), रिट एवं किमिनल से संबंधित 1074 प्रकरणों को सुनवाई हेतु रखा गया था। इसमें से लगभग 175 प्रकरण निराकृत होकर, कुल मुआवजा राशि एक करोड़ 73 लाख 74 हजार 737 रुपये के अवार्ड पारित किये गये।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/प्रभात