अनूपपुर: तीन दिवसीय गणना में जिले में मिले छोटे एवं बड़े आकार के कुल 638 गिद्ध
अनूपपुर, 18 फ़रवरी (हि.स.)। विलुप्त हो रहे गिद्धों की प्रजाति के संरक्षण के लिए 16 से 18 फरवरी के मध्य तीन दिनों में विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों के साथ वॉलिंटियर्स की उपस्थिति में गिद्धों की गणना का कार्य कराया गया, जिसमें अनूपपुर जिले वनमंडल में तीन दिनों में छोटे एवं बड़े आकर के 638 भारतीय देशी गिद्ध मिले हैं, जो चट्टानों एवं विभिन्न तरह के बड़े पेड़ों में अपना रहवास, घोसला बनाकर रह रहे हैं। इस दौरान गिद्धों के 117 घोंसले प्राप्त हुए हैं।
अनूपपुर वनमंडल के वन परीक्षित अहिरगवां के तीन वन बीट जुगवरी, कठौतिया पूर्व एवं कठौतिया पश्चिम के साथ वन परिक्षेत्र अनूपपुर के बडहर बीट में भारतीय देशी गिद्ध की प्रजातियां पाई जा रही हैं जिन्हें गणना दौरान सूर्योदय से 9 बजे के मध्य तीनों तक वन विभाग के द्वारा अलग-अलग टीम बनाकर गणना का कार्य किया गया। गणना दौरान 638 गिद्धों में से 500 गिद्ध बड़े तथा 138 छोटे गिद्ध चट्टानों एवं विभिन्न तरह के पेड़ों में बैठे पाए गए।
अनूपपुर वन परिक्षेत्र के खम्हरिया बीट अंतर्गत निंदावन गांव के गोलद्दाटोला निवासी शिवचरण यादव के खेत में प्रसव दौरान चार दिन पूर्व मृत 8 वर्ष की गाय के मृत शरीर के मांस को खाने के लिए 17 एवं 18 फरवरी की सुबह 44 गिद्ध पहुंचकर मृत गाय के मांस को पूरी तरह खाकर समाप्त किया है। यही कारण है कि गिद्धों को सफाई कर्मचारी भी कहा जाता है। अनूपपुर वनमंडल में भारतीय देसी प्रजाति के गिद्ध प्राप्त होते हैं विगत कई वर्षों पूर्व विभिन्न तरह के कारणो के कारण गिद्धों की संख्या कम होने से राजस्व एवं वन क्षेत्र में मृत होते मवेशियों के मांस को पर्याप्त मात्रा में गिद्धों के न होने से ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश शुक्ला/मुकेश