अनूपपुर: नववर्ष पर अमरकंटक में मां नर्मदा के दर्शन कर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

 




अनूपपुर, 1 जनवरी (हि.स.)। वर्ष 2023 की विदाई और नये वर्ष 2024 की शुभकामनाओं के साथ 31 दिसम्बर की अद्र्धरात्रि जिलावासियों ने आतिशबाजी और खुशियां मनाकर नववर्ष का अभिनंदन किया। परिजनों को नववर्ष की बधाई दी और बड़े-बुजुर्गो का आशीष लिया। इसके अलावा मोबाईल के वाट्सएप, ब्लॉग, मेल सहित अन्य संचार माध्यमों से संवाद आदान प्रदान किए गए। वहीं, एक जनवरी की सुबह मानव कल्याण में धार्मिक आस्थाओं में नववर्ष की शुरूआत नर्मदा सहित सोन, तिपान, जोहिला, केवई सहित अन्य नदी घाटों पर स्नान व सूर्य को अघ्र्य देते हुए मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना के साथ की गई।

अन्य वर्षो की भांति इस वर्ष भी पवित्र नगरी अमरकंटक सहित अन्य धार्मिक स्थलों के दर्शन के लिए अधिक तदाद में पहुंचे। हालांकि कोरोना से सुरक्षा में जिले के अनेक पिकनिक स्पॉट पर नववर्ष का जश्न फीका रहा, पिकनिक स्पॉट पर सन्नाटे पसरे थे। यहां तक ठंडक के कारण मुख्य मार्गो पर भी चहल पहल कम बनी थी। लोग ठंड के कारण अपने घरों में ही दुबके रहे और परिजनों के साथ नववर्ष का जश्न मनाया। लेकिन अमरकंटक में नववर्ष के मौके पर लगभग 15 हजार से अधिक सैलानी दर्शन के लिए उमड़े।

वहीं अनूपपुर जिलावासियों ने भी इस जश्न के अभिनंदन में होटलों में साउंड पर थिरक कर नववर्ष के आगमन का जश्न मनाया। अधिकांश लोगों ने नई खुशियों की शुरूआत सुबह से ही आसपास के नदीघाटों पर स्नान कर मंदिरों में शंखनाद कर ईष्टदेवों की पूजा अर्चना से की। जिला मुख्यालय स्थित बूढी मढिया खेरमाई माता दुर्गा मंदिर, रामजानकी मंदिर, साईं मंदिर सहित हनुमान व शिवमंदिर, सामतपुर स्थित मारूति मंदिर, सहित सोन स्थित शिवमंदिरों में पूजा अर्चना के लिए लोगों की आवाजाही लगी रही। जबकि कोतमा में शारदा-काली मंदिर, पंचायती माता दुर्गा मंदिर, शिवमंदिर, बाबा ठाकुरधाम मंदिर, काली मंदिर, हनुमान मंदिर सहित अन्य मंदिरों में पूजा पाठ कर नए साल का स्वागत किया। इसके अलावा जैतहरी, बिजुरी, रामनगर, राजनगर, भालूमाड़ा, सहित बदरा व अन्य स्थानों पर लोगों ने आस्था के साथ नववर्ष का अभिनंदन किया।

व्यापारियों में जगी नई उम्मीद

कंपकंपाती ठंड के बीच अमरकंटक में पर्यटकों की अधिक भीड़ जुटने की व्यवस्था में 1 जनवरी को एक बार फिर से पर्यटकों व श्रद्धालुओं की भीड़ अमरकंट की प्रकृति के मनोहारी दृश्य देखने और नर्मदा दर्शन के लिए उमड़ी। जिसे देखकर स्थानीय व्यापारियों ने राहत की सांसे ली है। व्यापारियों का कहना है कि जैसे जैसे पर्यटकों की भीड़ बढ़ती जाएगी वैसे वैसे उनके व्यापार में गति आती जाएगी, जो पिछले दो साल के दौरान प्रभावित रहा है। वहीं अब नववर्ष के बाद 14 जनवरी को मकर संक्रांत, नर्मदा जयंती और महाशिवरात्रि मेले को लेकर व्यापारियों की उम्मीदें बंधी हैं। फिलहाल पर्यटकों ने सुबह से नर्मदा कुंड में डुबकियां लगाकर उगते सूर्य वं माता नर्मदा की पूजा अर्चना की। सोनमूड़ा, कपिलधारा, दूधधारा, माई की बगिया, कल्याण आश्रम, निर्माणाधीन विश्वप्रसिद्ध जैन मंदिर, जालेश्वर महादेव स्थल पर भी श्रद्धालु व पर्यटक नजर आए।

हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश शुक्ला/मुकेश