जबलपुर महापौर ने कांग्रेस को दिया झटका, थामा भाजपा का दामन

 


जबलपुर, 7 फ़रवरी (हि.स.)। कांग्रेस पार्टी से महापौर पद के लिए जीते हुए जगतबहादुर सिंह अन्नू ने भाजपा का दामन थाम कांग्रेस को एक बड़ा झटका दिया है। बुधवार को दोपहर अन्नू ने भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के समक्ष भाजपा की सदस्यता ली। यह सब इतना गोपनीय रूप से हुआ की जबलपुर के स्थानीय भाजपा नेताओं को भी इसकी खबर नहीं रही।

महापौर अन्नू बिना किसी को बताए सुबह 5 बजे भोपाल रवाना हो गए। उनके साथ कुछ पार्षद भी गए महापौर अन्नू के भोपाल पहुंचते ही जबलपुर में अटकलों का दौर शुरू हो गया। जैसे ही ज्ञात हुआ की महापौर अन्नू भाजपा मुख्यालय में गए हैं तो यह लगभग तय हो गया की जगत बहादुर सिंह जो की जबलपुर के महापौर हैं भाजपा की सदस्यता लेंगे। इस बारे में जब महापौर अन्नू से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा की जबलपुर को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए ट्रिपल इंजन की सरकार की आवश्यकता है और सबसे बड़ी बात जो की विचारधारा की आती है उसके कारण भारतीय जनता पार्टी में जाने का मन हुआ था। पिछले दिनों एक बात मुझे अंदर तक आहत कर गई थी। जब भगवान श्रीराम की प्राणप्रतिष्ठा हो रही थी और कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने उसमें जाने से मना कर दिया था। तब से मन में एक प्रकार से बेचैनी बनी हुई थी और कहीं ना कहीं मन विचलित हो रहा था।

संस्कारधानी आगे बढ़े एवं जबलपुर के नागरिकों से किए गए वादे को हम पूरा कर सकें इसके लिए मैंने यह विकल्प चुना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में विकास को आगे बढाया जायेगा। ठीक लोकसभा के पहले पार्टी छोड़ने और भाजपा से चुनाव लड़ने के सवाल पर अन्नू ने कहा की पार्टी नेतृत्व जो भी दायित्व या कार्य देगा उसको निभाने के लिए हम तत्पर है। मेरी चुनाव सम्बन्धी कोई चर्चा नहीं हुयी।

वही महापौर जगत बहादुर सिंह के भाजपा में जाने को लेकर कांग्रेस के पार्षदों ने विरोध शुरू कर दिया है। एम आई सी सदस्य अमरीश मिश्रा ने अपना इस्तीफा दे दिया है उनका कहना था कि वह महापौर अन्नू के द्वारा लिए गए निर्णय से आहत हैं इसलिए एम आई सी से इस्तीफा दे रहे हैं, वह कांग्रेस में ही रहकर वार्ड की जनता की सेवा बतौर पार्षद करते रहेंगे। वहीं कांग्रेस पार्षद अयोध्या तिवारी ने इसे गद्दारी करार दिया है उनका कहना था कि पार्टी मां होती है और यह सीधे-सीधे गद्दारी के साथ जनता के द्वारा दिए गए मतों का अपमान है। बरहाल जो भी हो हिंदूवादी विचारधारा से प्रभावित जगत बहादुर सिंह पूर्व में ही हिंदुत्व के लिए कार्य करते आ रहे हैं। वह वैष्णो देवी यात्रा हेतु प्रतिवर्ष लोगों को यात्रा कराते हैं तो कहीं ना कहीं हिंदूवादी कार्यक्रमों में पहुंचकर अपनी उपस्थिति दर्ज भी करते हैं।

चर्चा यह भी है की पिछले दिनों एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा था कि वह अयोध्या के निवासी हैं उनके घर में सभी कार्यक्रम आज भी अयोध्या में होते हैं इसलिए प्रभु श्री राम से उनका गहरा नाता है शायद यही विचारधारा ने उनको कांग्रेस छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया, क्योंकि कांग्रेस में स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक श्रीराम प्राण प्रतिष्ठा समारोह का बहिष्कार हुआ था। 45000 वोटो से भाजपा प्रत्याशी जितेंद्र जामदार को हराकर इतनी बड़ी जीत के बाद जगत बहादुर का कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लेना निश्चित तौर पर कांग्रेस को बड़ा झटका है।

हिन्दुस्थान समाचार/विलोक पाठक