होम गार्ड्स को मिला सम्मान : मुख्यमंत्री ने की स्थायी आवास, नई भर्ती और 51 हजार का साहस पुरस्कार की घोषना
भोपाल, 6 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश में आज होम गार्ड्स और नागरिक सुरक्षा संगठन का 79वां स्थापना दिवस राजधानी भोपाल में राज्य स्तरीय समारोह के रूप में पूरे उत्साह और गौरव के साथ मनाया गया। होम गार्ड ग्राउंड में आयोजित इस भव्य आयोजन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए और परेड निरीक्षण वाहन से परेड का निरीक्षण करने के बाद जवानों की अनुशासित टुकड़ियों से सलामी ली। अपने संबोधन की शुरुआत में ही मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि राज्य सरकार होम गार्ड्स की सेवाओं, त्याग और अदम्य साहस का पूरा सम्मान करती है और इसी क्रम में कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ करते हुए उन्होंने कहा कि हर चुनौती में सबसे आगे खड़े रहने वाले इस बल के सम्मान और सशक्तीकरण में कोई कमी नहीं रखी जाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सबसे बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि राज्य के हर होम गार्ड जवान को स्थायी आवास उपलब्ध कराने की दिशा में सरकार ने कदम बढ़ा दिया है। लंबे समय से चली आ रही इस मांग को अब पूरा किया जाएगा ताकि जवानों को स्थायित्व और सुरक्षा का वातावरण मिल सके। इसके साथ ही उन्होंने अदम्य साहसिक कार्यों के लिए राज्य सरकार की ओर से हर वर्ष 10 रेस्क्यू टीमों को 51-51 हजार रुपए के ‘अदम्य साहस पुरस्कार’ देने की घोषणा की, जिससे राहत एवं बचाव कार्यों में उत्कृष्ट योगदान देने वाली टीमों को सम्मानित किया जा सके।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने बताया कि 2014 में एसडीईआरएफ का गठन होने के बाद से होम गार्ड, नागरिक सुरक्षा और एसडीईआरएफ की संयुक्त ताकत ने प्रदेश में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में नई ऊँचाइयाँ हासिल की हैं। आज प्रदेश में 82 हजार से अधिक नागरिक सुरक्षा वॉलंटियर्स सक्रिय हैं जो हर संकट की घड़ी में समाज की रक्षा में तैनात रहते हैं। पिछले वर्ष होम गार्ड्स ने पांच हजार से अधिक लोगों की जान बचाई, जिसे मुख्यमंत्री ने ‘जलदूतों जैसी सेवा भावना’ बताया। उन्होंने आगे यह भी कहा कि न पुलिस से कम न पुलिस से अलग होम गार्ड हर स्थान पर अपनी उपयोगिता और दक्षता का परिचय देते हैं।
मुख्यमंत्री ने यह घोषणा भी की कि आगामी उज्जैन सिंहस्थ को देखते हुए प्रदेश में पांच हजार नए होम गार्ड्स की भर्ती की जाएगी। उन्होंने बताया कि इंदौर में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिसका प्रभाव सिंहस्थ में बड़े पैमाने पर दिखाई देगा। होम गार्ड संगठन के कल्याण के लिए उन्होंने दो महीने की सेवा बाध्यकाल अवधि समाप्त करने की घोषणा भी की, साथ ही अनुकंपा अनुदान राशि बढ़ाने की बात कही ताकि दिवंगत जवानों के परिवारों को आर्थिक सुरक्षा मिल सके।
मुख्यमंत्री ने बैगा, सहरिया और भारिया जनजातीय समुदायों के लिए विशेष बटालियन बनाने की घोषणा करते हुए बताया कि यह कदम आदिवासी क्षेत्रों में सुरक्षा और सामाजिक सहभागिता को मजबूत करेगा। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने एक बार फिर जोर देकर कहा कि होम गार्ड का हर सदस्य अनुशासन, सेवा और समर्पण का जीवंत उदाहरण है। चाहे प्राकृतिक आपदा हो, मानवीय संकट हो या बड़े आयोजन होम गार्ड सबसे पहले और सबसे आगे खड़े दिखाई देते हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. मयंक चतुर्वेदी