मंदसौर: स्वर्ण कलश प्रतिष्ठा महोत्सव के उपलक्ष्य में निकली ऐतिहासिक कलश यात्रा
शंकराचार्य एवं विद्वतजन भी बग्गी पर सवार होकर शोभायात्रा में शामिल हुए
मंदसौर, 20 जनवरी (हि.स.)। धर्मधरा दशपुर नगरी में 20 जनवरी का दिन ऐतिहासिक रूप से अविस्मरणीय बन गया। श्री तलाई वाले बालाजी मंदिर के स्वर्ण कलश आरोहण और 108 कुंडियांशी हनुमंत महायज्ञ के उपलक्ष्य में 6 दिवसीय महोत्सव के प्रथम दिवस श्री तलाई वाले बालाजी मंदिर प्रांगण से इस विहंगम विलक्षण अविस्मरणीय कलश यात्रा का शुभारंभ हुआ। निर्धारित लक्ष्य से कहीं अधिक 3000 से अधिक मातृशक्ति इस विहंगम कलश यात्रा में सम्मिलित हुईं।
नगर और अंचल के इतिहास में इतनी भव्य कलश यात्रा पहली बार ही देखी गई है। भानपुरा पीठ के पूज्य शंकराचार्य जगतगुरु स्वामी श्री ज्ञानानंद जी तीर्थ महाराज, आचार्य श्री रामानुज, आचार्य श्री हरेश भाई जोशी, शास्त्री पंडित दशरथ भाई शर्मा एवं यज्ञ आचार्य पंडित देवेंद्र शर्मा शास्त्री कलश यात्रा के साथ निकाली शोभायात्रा में सम्मिलित हुए।
प्रातः 10.00 बजे के पहले ही मात्र शक्ति का श्रीतलाई वाले बालाजी मंदिर के परिक्षेत्र शिक्षा विभाग प्रांगण में एकत्र होने का क्रम शुरू हो गया था। कलश यात्रा आरंभ होने के पहले ही मंदिर और उसके आसपास का पूरा परिक्षेत्र श्रीबालाजी मय हो गया था। कलश यात्रा में वानर के रूप में युवा कलाकार सम्मिलित हुए। ढोल नगाड़ों बैंड बाजों और डीजे की धुन के साथ शोभायात्रा में गरबा नृत्य, भक्ति नृत्य भी आकर्षण का केंद्र बने हुए थे। उज्जैन से आए कलाकारों के दल ने अपने झांज मंझीरों से कलश यात्रा की शोभा और अधिक बढ़ा दी। पूज्य शंकराचार्य जी आगे बग्गी में आसीन हुए। आचार्य श्री रामानुज जी एवं डॉ देवेंद्र शर्मा शोभायात्रा में सभी श्रद्धालुओं के साथ पैदल चले। आचार्य हरेश भाई जोशी शास्त्री एवं पंडित दशरथ भाई शर्मा भी बग्गी में आसीन होकर शोभायात्रा में शामिल हुए।
’माहेश्वरी धर्मशाला में हुई धर्म सभा’
भव्य कलश यात्रा एवं शोभा यात्रा का समापन रुद्राक्ष माहेश्वरी धर्मशाला के परिसर में धर्म सभा के रूप में हुआ। यहां विशाल पंडाल में भव्य मंच बनाया गया जहां भानपुरा पीठ के पूज्य शंकराचार्य जगतगुरु 1008 श्री श्री ज्ञानानंद जी तीर्थ एवं आचार्य श्री रामानुज जी के प्रवचन हुए। मंच पर श्रीमद् भागवत के अंतरराष्ट्रीय विद्वान पंडित हरेश भाई जोशी शास्त्री अहमदाबाद , पंडित दशरथ भाई शर्मा और यज्ञ आचार्य पंडित देवेंद्र शर्मा शास्त्री भी आसींन थे।
हिन्दुस्थान समाचार/अशोक झलौया