मप्र: हाई कोर्ट ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर पर लगाई रोक
जबलपुर, 18 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा इस साल जुलाई माह में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट को लेकर वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर पर रोक लगाई है।
दरअसल, दिग्विजय सिंह के खिलाफ एक ही मामले पर पांच एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसके खिलाफ हाईकोर्ट में दिग्विजय सिंह ने याचिका दायर की थी। याचिका में तर्क दिया गया था कि एक ही मामले पर पांच एफआईआर जगह नहीं हो सकती। दिग्विजय सिंह द्वारा गुरू गोलवलकर के विचारों को लेकर अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई थी। पोस्ट के संबंध में दिग्विजय सिंह के खिलाफ थानों में बीजेपी ने एफआईआर दर्ज कराई थी।
जज संजय द्विवेदी की कोर्ट में दिग्विजय सिंह के वकील विभोर खण्डेलवाल ने पैरवी करते हुए तर्क दिया था कि शासन उनके पक्षकार के विरुद्ध दुर्भावनापूर्वक कार्रवाई की गई है| एक ही कृत्य के लिए दो या अधिक एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती, खण्डेलवाल ने हाईकोर्ट से दिग्विजय सिंह को अंतरिम राहत दिए जाने की प्रार्थना की| हाईकोर्ट ने केवल एक एफआईआर रोककर बाकी सभी पर फिर स्टे लगाया है।
उल्लेखनीय है कि दिग्विजय सिंह ने इसी साल जुलाई माह में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा,गुरु गोलवलकर जी के दलितों-पिछड़ों और मुसलमानों के लिए व राष्ट्रीय जल जंगल व जमीन पर अधिकार पर क्या विचार थे,दिग्विजय सिंह ने जो तस्वीर पोस्ट की उसमें लिखा सदाशिव राव गोलवलकर ने अपनी पुस्तक 'वी एंड अवर नेशनहुड आईडेंटिफाइड' में स्पष्ट लिखा है,जब भी सत्ता हाथ लगे तो सबसे पहले सरकार की धन संपत्ति, राज्यों की जमीन और जंगल पर अपने दो तीन विश्वसनीय धनी लोगों को सौंप दें| 95% जनता को भिखारी बना दें उसके बाद सात जन्मों तक सत्ता हाथ से नहीं जाएगी| इसी पोस्ट में गुरु गोलवलकर के चित्र के नीचे लिखा था कि,मैं सारी जिंदगी अंग्रेजों की गुलामी करने के लिए तैयार हूं लेकिन जो दौलत पिछड़ों और मुसलमानों को बराबरी का अधिकार देती हो ऐसी आज़ादी मुझे नहीं चाहिए| गोलवलकर गुरुजी 1940| दिग्विजय सिंह ने लिखा था ...कृपया ज्यादा से ज्यादा शेयर करें.
हालांकि न्यायालय ने केवल एक FIR को छोड़कर बाकी सभी पर स्थगन दे दिया है |
हिन्दुस्थान समाचार/विलोक पाठक/मुकेश