जबलपुर : अधिग्रहित जमीन पर विकास न होने को लेकर हाईकोर्ट ने मांगा जेडीए से जवाब

 


जबलपुर , 18 मई (हि.स.)। जबलपुर विकास प्राधिकरण ने हाथीताल में एक जमीन अधिग्रहित की थी लेकिन उसमें अभी तक विकास नहीं कराया, जिसको लेकर हाईकोर्ट में गीता श्रीवास्तव द्वारा एक याचिका लगाई गई है। उस याचिका में आरोप है कि जेडीए ने खसरा नंबर 132 जिसका क्षेत्रफल 4.80 एकड़ है पर अब तक कोई विकास नहीं किया, जबकि यह जमीन 1980 वर्ष में अधिग्रहित की थी। जगह अधिग्रहण के बाद यह जमीन ब्रह्मपुरी प्राइवेट समिति हाथीताल को दे दी थी एवं उसके साथ यह शर्त थी कि 2 वर्ष के अंदर इसमें प्लांट विकसित करना है, परंतु समिति यह नहीं कर पाई जिसको लेकर जेडीए ने सोसाइटी से एग्रीमेंट निरस्त कर दिया।

2004 में हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी जो हाईकोर्ट ने निरस्त कर दी थी। इसके साथ ही जेडीए पर हाईकोर्ट ने 50हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था। इसके बाद से याचिकाकर्ता कई बार हाईकोर्ट में याचिकाये दायर कर चुके हैं परंतु उनको उनकी जमीन वापस नहीं की गई। लिहाजा अब नए तरीके से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है एवं अपील की गई है कि याचिकाकर्ता को उसकी जमीन वापस दिलाई जाए। न्यायमूर्ति आनंद पाठक की एकल पीठ ने प्रारंभिक सुनवाई के बाद जेडीए सहित अन्य को इस मामले में नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

हिन्दुस्थान समाचार/ विलोक पाठक