ग्वालियरः हाईकोर्ट की नेशनल लोक अदालत में 379 प्रकरणों का निराकरण

 


- पीड़ित पक्षकारों को दिलाया 4.19 करोड़ रुपये से अधिक अतिरिक्त क्षतिधन

ग्वालियर, 13 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर खण्डपीठ में शनिवार को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। प्रशासनिक न्यायाधिपति न्यायमूर्ति आनंद पाठक के मार्गदर्शन में आयोजित हुई नेशनल लोक अदालत में कुल 379 प्रकरणों का निराकरण किया गया। साथ ही मोटर दुर्घटना क्लेम अपील प्रकरणों में पीडित पक्षकारों को 4 करोड 19 लाख 9 हजार रुपये से अधिक अतिरिक्त क्षतिधन दिलाया गया।

नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण के लिये न्यायाधिपति मिलिंद रमेश फड़के व एडवोकेट ऋषि कुमार कटारे एवं न्यायाधिपति आशीष श्रोती व एडवोकेट रजनीश शर्मा की कुल 02 खण्डपीठें गठित की गई थीं। इन खण्डपीठों द्वारा आपसी सहमति के आधार पर प्रकरणों का निराकरण किया गया।

उच्च न्यायालय खण्डपीठ-ग्वालियर के प्रिंसिपल रजिस्ट्रार राजीव के. पाल ने बताया कि लोक अदालत का मूल उद्देश्य आपसी वैमनस्यता एवं विवादों का आपसी सहमति व राजीनामा के आधार पर प्रकरणों का निराकरण करना है। इसमें उभयपक्ष के मध्य विद्यमान विवाद बिना किसी की हार-जीत के साथ समाप्त होते हैं। इसी मूल भावना को आधार बनाकर नेशनल लोक अदालत के आयोजन से पहले न्यायमूर्ति आनंद पाठक के मार्गदर्शन में उच्च न्यायालय में विचाराधीन राजीनामा योग्य प्रकरणों मुख्यतः बीमा कंपनी के प्रकरणों को चिन्हित कर सूची तैयार की गई थी। साथ ही बीमा कंपनी के अधिकारी, अधिवक्तागण तथा पक्षकारों के साथ प्री-सिटिंग मीटिंग आयोजित कर राजीनामा के आधार पर प्रकरणों के निराकरण के लिये उभयपक्ष में सहमति बनाई गई। जिसके फलस्वरूप 172 क्लेम प्रकरणों सहित कुल 379 प्रकरणों का उक्त लोक अदालत में निराकरण किया गया है।

उन्होंने बताया कि आपसी सहमति से निराकरण के लिये चिन्हित प्रकरण नेशनल लोक अदालत में विशनदेवी बंसल विरूद्ध संजय बंसल में उभयपक्ष के मध्य राजीनामा के आधार पर प्रकरण के निराकरण के लिये सहमति बनी है। प्रकरण का विवरण इस प्रकार है कि लगभग 90 वर्ष आयु की अपीलांट विशन देवी बंसल रेस्पोन्डेंट संजय बंसल के मालिकाना हक की दुकानों को किरायेदार के रूप में काफी समय से उपयोग कर रही थी। उभयपक्ष के मध्य दुकानों के आधिपत्य के संबंध में विवाद उत्पन्न होने पर अपीलांट द्वारा व्यवहार न्यायालय में शरण ली गई। इसके बाद व्यवहार न्यायालय एवं सत्र न्यायालय द्वारा पारित निर्णय के विरूद्ध वर्ष 2015 में वयोवृद्ध अपीलांट विशन देवी बंसल पत्नी स्व. ओमप्रकाश बंसल द्वारा उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के समक्ष द्वितीय अपील प्रकरण क्रमांक 23/2015 विशनदेवी बंसल विरूद्ध संजय बंसल प्रस्तुत किया गया। यह प्रकरण वर्ष 2015 से विचाराधीन था एवं अपीलांट की वयोवृद्ध आयु दशा को देखते हुये प्रकरण को नेशनल लोक अदालत में निराकृत कराये जाने के लिये चिन्हित किया गया।

दूसरे प्रकरण रामलखन शर्मा विरूद्ध राधारमन व अन्य में उभयपक्ष के मध्य राजीनामा के आधार पर प्रकरण के निराकरण के लिये सहमति बनी। अपीलांट रामलखन शर्मा घटना दिनांक 11 नवम्बर 2018 की शाम को बाजार में खडा था, तभी कैलारस की तरफ से आ रही मोटर सायकल क्रमांक MP06MQ0842 के चालक ने लापरवाही पूर्वक व तेजी से चलाकर अपीलांट व उसके पास खडे अन्य लोगो को टक्कर मार दी। इससे अपीलांट को काफी गंभीर चोटे आयी। इसके संबंध में अपीलांट द्वारा विचारण न्यायालय द्वारा पारित अवॉर्ड राशि के निर्णय से असंतुष्ट होकर माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ-ग्वालियर के समक्ष उक्त अपील प्रकरण प्रस्तुत किया गया। इस प्रकरण को भी नेशनल लोक अदालत में निराकृत कराये जाने हेतु चिन्हित किया गया। एक मजबूत विचार और ध्येय को आधार बनाकर इन दोनो चिन्हित प्रकरणों में उभयपक्ष से चर्चा की जाकर प्रकरण का निराकरण आपसी राजीनामा के आधार पर कराये जाने के लिये प्रोत्साहित किया गया। साथ ही इसके सामाजिक, मानसिक एवं कानूनी लाभों के प्रति आकर्षित किया गया। जिससे उभयपक्ष आपसी द्वेष एवं दंभ से उपर उठकर प्रेम एवं सौहार्द के साथ प्रकरण का निराकरण राजीनामा के माध्यम से करने हेतु सहमत हुये।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर