मप्रः राजधानी भोपाल समेत कई जिलों में हुई झमाझम बारिश, मौसम हुआ सुहाना
भोपाल, 10 अप्रैल (हि.स.)। मध्यप्रदेश में पिछले तीन दिन से मौसम का मिजाज बदला हुआ है। यहां अलग-अलग स्थानों पर बनी मौसम प्रणालियों के असर से रुक-रुक बारिश और कहीं-कही ओलावृष्टि हो रही है। इसी क्रम में बुधवार को भी भोपाल, उज्जैन समेत कई जिलों में तेज आंधी के साथ बारिश हुई। इसस मौसम खुशनुमा हो गया है। भोपाल और शाजापुर में ओलावृष्टि भी हुई है। मौसम विभाग की मानें तो आगामी एक सप्ताह तक मौसम का मिजाज ऐसा ही बना रहेगा। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के दौरान भोपाल समेत 22 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया है।
राजधानी भोपाल की बात करें तो यहां दोपहर तक तेज धूप के बीच बादलों की आवाजाही बनी रही, लेकिन दोपहर बाद अचानक मौसम बदला और तेज हवाओं के साथ बारिश शुरू हो गई। इसके बाद बारिश का यह सिलसिला देर शाम तक जारी रहा। कुछ इलाकों में ओलावृष्टि भी हुई। इसके साथ ही रायसेन, उज्जैन, शाजापुर में बुधवार को दोपहर बाद तेज हवाओं के साथ जमकर बारिश हुई।
भोपाल मौसम विज्ञान केन्द्र से मिली जानकारी के अनुसार, अलग-अलग स्थानों पर मौसम प्रणालियों के सक्रिय होने के कारण बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर से नमी आने का सिलसिला बना हुआ है। इस वजह से प्रदेश के पश्चिमी और पूर्वी क्षेत्र के अधिकतर जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश हो रही है। मंगलवार को देर रात रायसेन में चार, भोपाल में एक एवं दमोह में दो मिलीमीटर वर्षा हुई। वहीं, बुधवार को भी भोपाल, जबलपुर, नर्मदापुरम, शहडोल संभाग के जिलों में कई स्थानों एवं इंदौर, उज्जैन व ग्वालियर संभाग के कुछ जिलों में जमकर पानी बरसा। इसके साथ ही भोपाल और शाजापुर जिले में कुछ स्थानों पर ओले भी गिरे। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, अभी मौसम साफ होने की संभावना नहीं है।
मौसम विज्ञानी प्रकाश ढवले ने बताया कि वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ ईरान के आसपास बना हुआ है। राजस्थान पर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बना हुआ है। मध्य महाराष्ट्र पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात मौजूद है। इसके अतिरिक्त दक्षिणी गुजरात से लेकर तमिलनाडु तक एक द्रोणिका बनी हुई है। इन मौसम प्रणालियों के असर से मिल रही नमी के कारण पूर्वी एवं पश्चिमी मध्य प्रदेश के अधिकतर जिलों में वर्षा हो रही है। मौसम का इस तरह का मिजाज अभी तीन दिन तक बना रह सकता है।
वरिष्ठ मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला ने बताया कि अरब सागर एवं बंगाल की खाड़ी से नमी मिलने के कारण रुक-रुककर वर्षा का सिलसिला बना हुआ है। उधर, तापमान भी 35 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बना रहने से दोपहर के बाद स्थानीय स्तर पर भी गरज-चमक की स्थिति बनने लगी है। 13 अप्रैल को भी एक तीव्र आवृति वाले पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में पहुंचने की संभावना है। इस वजह से अभी मौसम साफ होने की उम्मीद कम है।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/नेहा