स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास विभाग समन्वय से लागू करें योजनाएं : कमिश्नर

 


रीवा, 12 सितंबर (हि.स.)। कमिश्नर बीएस जामोद ने गुरुवार को स्वास्थ्य तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि संभाग के सभी जिलों में स्वास्थ्य सूचकांक बेहतर करने, कुपोषण मिटाने तथा महिलाओं एवं बच्चों की स्वास्थ्य रक्षा के लिए दोनों विभाग समन्वय से योजनाएं लागू करें। हर माह जिला, विकासखण्ड और सेक्टर स्तर पर दोनों विभागों के अधिकारियों तथा कर्मचारियों की बैठकें आयोजित करें। मैदानी स्तर पर समन्वय में कमी के कारण कई योजनाओं में रिपोर्टिंग में विसंगति है। महिलाएं तथा बच्चे दोनों विभागों के लक्ष्य समूह हैं। जब तक मैदानी स्तर पर समन्वय नहीं होगा तब तक योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन नहीं हो सकेगा।

स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा करते हुए कमिश्नर ने कहा कि गर्भवती महिलाओं के पंजीयन की जानकारी एचएमआईएस पोर्टल तथा अनमोल पोर्टल दोनों पर की जा रही है, लेकिन दोनों पोर्टलों की जानकारी में हर जिले में अंतर है। इसी तरह आनुपातिक प्रसव रीवा और सतना जिले में कम है। आगामी 15 दिवस में शत-प्रतिशत जानकारी दर्ज कराएं। अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में इसकी पुन: समीक्षा की जाएगी। स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो जिम्मेदार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा बीएमओ की वेतनवृद्धियाँ रूकेंगी। दस्तक अभियान तथा शिशुओं के सम्पूर्ण टीकाकरण की फीडिंग भी संतोषजनक नहीं है। जानकारी का भलीभांति सत्यापन कराने के बाद ही उसे पोर्टल पर दर्ज कराएं।

उन्होंने कहा कि सभी जिलों में अक्टूबर माह में मेगा रक्तदान शिविर आयोजित करें। इन्हें सफल बनाने के लिए अधिकारियों, कर्मचारियों, स्वयंसेवी संस्थाओं तथा सामाजिक संगठनों का सहयोग लें। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सभी छात्रावासों में हर माह विद्यार्थियों के स्वास्थ्य जाँच के लिए शिविर लगाएं। बैठक में कमिश्नर ने यूविन पोर्टल से टीकाकरण की मॉनीटरिंग, अंधत्व निवारण कार्यक्रम, मलेरिया तथा डेंगू नियंत्रण, संचारी रोगों से बचाव, वर्षा जनित रोगों के नियंत्रण, राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम तथा परिवार कल्याण कार्यक्रम की समीक्षा की।

बैठक में क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य डॉ केएल नामदेव ने स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं की जानकारी दी। डॉ नामदेव ने कहा कि एचएमआईएस पोर्टल में गर्भवती 81921 महिलाओं का पंजीयन है। यह आनुपातिक लक्ष्य का 81 प्रतिशत है। स्वास्थ्य सूचकांकों को बेहतर करने के लिए योजनाओं की सघन मानीटरिंग की जाएगी।

महिलाओं और शिशुओं की स्वास्थ्य रक्षा के लिए मैदानी स्तर तक मॉनीटरिंग करें

कमिश्नर बीएस जामोद ने महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि महिलाओं और शिशुओं की स्वास्थ्य रक्षा तथा इनका पोषण स्तर बढ़ाने के लिए मैदानी स्तर तक मॉनीटरिंग करें। जिला अधिकारी, परियोजना अधिकारी तथा सुपरवाइजर हर महीने निर्धारित संख्या में आंगनवाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण करें। निरीक्षण के दौरान विभागीय गतिविधियों की दर्ज जानकारी के सत्यापन के साथ हितग्राहियों से संवाद करें। गर्भवती महिलाओं और कुपोषित बच्चों के घर जाकर उनके परिवारों से भेंट करके स्वास्थ्य रक्षा एवं स्वच्छता के प्रति जागरूक करें। आंगनवाड़ी केन्द्र के संचालन और पोषण आहार वितरण की पोषण ट्रैकर एप से निगरानी की जाती है। परियोजना अधिकारी प्रतिदिन दोपहर एक बजे अपनी लॉगिन से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा दर्ज जानकारी की निगरानी करें। जिस आंगनवाड़ी केन्द्र से जानकारी दर्ज नहीं हुई है उसे दर्ज कराएं।

कमिश्नर ने कहा कि आंगनवाड़ी केन्द्र में बच्चों को नाश्ते तथा गरम भोजन के वितरण एवं गर्भवती महिलाओं के टीएचआर वितरण को पोर्टल पर दर्ज कराएं। वास्तविक वितरण और पोर्टल में दर्ज जानकारी में बहुत अंतर है। जिला समन्वयक तथा ब्लाक समन्वयक पोषण ट्रैकर पोर्टल में दर्ज जानकारी की प्रतिदिन मॉनीटरिंग करके रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

उन्होंने कहा कि कुपोषित बच्चों की आंगनवाड़ी केन्द्रवार सूची तैयार कर लें। प्रत्येक कुपोषित तथा अति कुपोषित बच्चे को अतिरिक्त भोजन देने की व्यवस्था कराएं। बच्चे को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता अथवा अन्य मैदानी कर्मचारी की उपस्थिति में भोजन लिया जाए। गांव की जागरूक महिला भी इसमें सहयोग कर सकती हैं। कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती कराने के लिए दो माह की सूची तैयार कर लें। अधिकारी पोषण पुनर्वास केन्द्रों का भी हर माह भ्रमण अवश्य करें। सीधी और सिंगरौली में टीएचआर वितरण तथा कुपोषित बच्चों की फीडिंग में स्थिति संतोषजनक नहीं है।

बैठक में संयुक्त संचालक महिला एवं बाल विकास ऊषा सिंह सोलंकी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के साथ जिला स्तर पर बैठकें करके दोनों विभाग समन्वय के साथ महिलाओं और बच्चों की स्वास्थ्य रक्षा के लिए प्रयास कर रहे हैं। मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर पर नियंत्रण के लिए समय पर जाँच, उपचार और महिलाओं को जागरूक करने के प्रयास किए जा रहे हैं। बैठक में गर्भवती महिलाओं तथा शिशुओं के टीकाकरण, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं तथा पर्यवेक्षक के प्रशिक्षण, लाड़ली लक्ष्मी योजना, लाड़ली बहना योजना तथा सीएम हेल्पलाइन प्रकरणों के निराकरण की समीक्षा की गई।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर