मप्रः मंत्री काश्यप ने रतलाम के स्कूल को मिले पुरस्कार का प्रमाण-पत्र मुख्यमंत्री को सौंपा

 


- रतलाम के सीएम राइज विनोवा स्कूल को मिला है द वर्ल्डस वेस्ट स्कूल प्राइजेस पुरस्कार

भोपाल, 23 सितंबर (हि.स.)। एमएसएमई मंत्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप ने मंगलवार को वल्‍लभ भवन मंत्रालय में कैबिनेट बैठक के दौरान मुख्‍यमंत्री डॉ. मोहन यादव को लंदन की टी फार ऐजुकेशन संस्‍था द्वारा रतलाम के विनोबा सी एम राइस स्‍कूल को प्रदत्‍त ‘’द वर्ल्‍डस बेस्‍ट स्‍कूल प्राइजेस’’ पुरस्‍कार का प्रमाण पत्र सौंपा। संस्‍था द्वारा यह प्रतिष्‍ठित पुरस्‍कार अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर प्रतिवर्ष सर्वश्रेष्‍ठ स्‍कूलों को दिया जाता है।

मुख्‍यमंत्री डॉ. यादव ने इस बड़ी उपलब्धि को प्रदेश का गौरव बढ़ाने वाला बताया और रतलाम के शिक्षकों, विद्यार्थियों एवं पालकों को बधाई दी और उनके प्रयासों की सरहाना की। मुख्‍यमंत्री डॉ. यादव ने अपेक्षा की है कि प्रदेश के अन्‍य स्‍‍कूल भी रतलाम के स्‍‍कूल का अनुसरण कर नई उपलब्धियों के कीर्तिमान रचेंगे।

मंत्री काश्‍यप ने बताया कि यह दूसरा अवसर है जब रतलाम को यह गौरव प्राप्‍त हुआ है। वर्ष 2023 में भी विनोबा सी एम राईज स्‍कूल ने नवाचार श्रेणी का यह पुरस्‍कार मिला था। गत 13 जून को विनोबा स्कूल का चयन प्रथम 10 स्‍कूलों में किया गया था। विश्व भर के 100 देशों से हजारों आवेदन इन प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए प्राप्त होते है। यह पुरस्कार पांच कैटेगरी कम्युनिटी कोलैबोरेशन, एनवायरमेंटल एक्शन, इनोवेशन, ओवरकमिंग एडवर्सिटी फॉर सर्पोटिंग हेल्दी लाइव्स के लिए दिए जाते हैं। वर्ल्डस बेस्ट स्कूल प्राइस 2024 की इनोवेशन कैटेगरी में रतलाम के सी एम राइज विनोबा स्कूल को ग्रेंज स्कूल यू.के. तथा स्टारफिश स्कूल थाईलैंड के साथ प्रथम तीन में चयनित किया गया है। पैरा विनोबा स्कूल ने अपनी बेस्ट प्रैक्टिसेज के माध्यम से अपनी चुनौतियों का सामना करते हुए विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में विगत दो वर्षों में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है।

उन्होंने बताया कि टीचर्स प्रोफेशनल डेवलपमेंट के अंतर्गत “साइकिल ऑफ़ ग्रोथ“ के माध्यम से शिक्षक को “बदलाव के वाहक“ के रूप में लाया गया। सरकारी सिस्टम में शिक्षकों के बारे में बनाई गई नकारात्मक धारणा को तोड़ने में ये विद्यालय सफल रहा। अपने स्कूल लीडर्स के मार्गदर्शन में जॉयफुल लर्निंग द्वारा विद्यार्थियों और पालकों को संस्था से जोड़ा गया। विद्यार्थियों की उपस्थिति और दक्षता में वृद्धि हुई। पढ़ाई, खेलकूद और विद्यार्थियों के ओवरऑल डेवलपमेंट में अग्रणी है। कक्षा 1 से 12 तक अंग्रेजी और हिंदी दोनों माध्यम में संचालित होने वाले विनोबा स्कूल के 90 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थी किसी न किसी स्तर पर गतिविधियों से वर्ष भर जुड़े रहते हैं। मंत्री काश्यप ने विनोबा स्कूल के नवाचारों को अनुकरणीय बताया।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर