पाप कर्मों की निर्जरा के बिना आत्मा का कल्याण नहीं होता है: विहसंत सागर

 


ग्वालियर, 4 दिसम्बर (हि.स.)। संयम तपस्या पर विश्वास से ही आत्म कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है। मनुष्य जीवन में कर्म आत्मा को निहार कर परख कर छोडने का संदेश देते हैं। पाप कर्मों की निर्जरा के बिना आत्मा का कल्याण नहीं होता है। कर्मों की निर्जरा कर जीवन को पवित्र बनाना चाहिए।

यह विचार मेडिटेशन गुरु उपाध्यायश्री विहसंत सागर महाराज ने सोमवार को थाटीपुर स्थित दिगंबर जैन गुलाबचंद की बगीची जैन मंदिर में भव्य मंगल प्रवेश के दौरान रॉयल फर्नीचर सभागार में धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। मंच पर मुनिश्री विश्वसौम्या सागर महाराज भी मौजूद थे।

उपाध्यायश्री ने कहा कि जिस व्यक्ति के मन में समाज के प्रति पीड़ा और प्यार है। यही हमारी भारतीय संस्कृति है। हमारी संस्कृति संस्कार सभ्यता इसके बल पर धर्म अध्यात्म का रास्ता मजबूत होता है। आत्मा को सुख मिलना चाहिए संत भगवान नहीं इंसान है। इंसान भी समाज के मध्य से ही आया है। मनोवृति नैतिकता प्रमाणिकता युक्त होनी चाहिए। संत कितने महान हंै, जो स्वाद आहार का त्याग कर समाज कल्याण के लिए तपस्या करते हैं। संत कभी भी यश और प्रतिष्ठा के लिए तपस्या नहीं करते हैं, वे आत्म कल्याण के लिए पुण्य परमार्थ कर्म करते हैं। धर्मसभा का शुभारंभ संजीव जैन, विनीता जैन और अजय छाबड़ा ने किया। वही उपाध्यायश्री ससंघ के चरणों में श्रीफल मंदिर समिति के अध्यक्ष जयकुमार जैन, उपाध्यक्ष धर्मचन्द्र जैन, सचिव नरेंद्र जैन ब्रजसेन जैन, मनोज जैन ने अर्पित किए।

फूलबाग पंचकल्याण के लिए बनेगा अयोध्या नगरी: जैन समाज के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि घाटीगांव के नवीन दिगंबर पार्श्वनाथ जैन मंदिर के मानस्तंभ की 24 प्रतिमा एवं अन्य मंदिरों की प्रतिमाओं का ग्वालियर शहर के फूलबाग मैदान में 13 से 17 दिसंबर तक मेडिटेशन गुरु उपाध्याय श्री विहसंत सागर महाराज व मुनिश्री विश्वसाम्य सागर महाराज के सानिध्य में श्री मज्जिनेन्द्र आदि वीर पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव व विश्व शांति महायज्ञ व गजरथ महोत्सव का आयोजन होगा। पंचकल्याणक की तैयारियों के लिए फूलबाग मैदान में अयोध्या नगरी ड्रोम पंडाल का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। पंचकल्याण समिति के अध्यक्ष मनोज जैन एवं महामंत्री पवन जैन ने बताया कि अयोध्या नगरी में पाषाण प्रतिमाओं के विधिविधान मंत्रो की आराधना के साथ गर्व कल्याणक से जन्म, ज्ञान, तप से लेकर मोक्ष कल्याणक की संस्कार विधि क्रियाएं संपन्न होगी।

हिन्दुस्थान समाचार/शरद/मुकेश