ग्वालियर: बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता 'श्री गणपति जी' शनिवार को विराजेंगे
ग्वालियर, 06 सितम्बर (हि.स.)। बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता 'श्री गणपति जीÓ शनिवार 7 सितंबर से शहर के बाजारों और घरों में रिद्धी-सिद्धी के साथ विराजमान होने जा रहे हैं। भगवान गणेश के विराजमान होने से पहले संपूर्ण शहर उनके आगमन के लिए तैयार हो गया है। शहर में जगह-जगह पण्डाल सज गए हैं और आकर्षक विद्युत सजावट की जा रही है। हलवाईयों को लड्डूओं के ऑर्डर दिए जा चुके हैं। गणेश चतुर्थी के दिन से ही रियल स्टेट, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रोनिक्स बाजारों में बूम शुरू हो जाएगा। इसके लिए दुकानदारों ने भी पूरी तैयारी कर ली है।
ज्योतिषाचार्य डॉ. सतीश सोनी ने बताया कि चतुर्थी तिथि 6 सितंबर को दोपहर 03:01 पर प्रारंभ हुई है जिसका समापन 7 सितंबर को शाम को 17:37 पर होगा। चतुर्थी तिथि के समय चित्रा और स्वाति नक्षत्र का सहयोग ब्रह्म योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का सहयोग बनेगा। इससे यह चतुर्थी विशेष समृद्धि कारक होगी। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि ऐसा माना जाता है कि भगवान श्री गणेश जी का जन्म दोपहर के समय हुआ था इसलिए मध्यान्ह काल के समय गणेश जी के पूजन के लिए ज्यादा उपयुक्त माना जाता है। दोपहर के समय भक्त लोग पूरे विधि विधान से गणेश जी की स्थापना कर 21 मोदकों से पूजन करते हैं तथा 21 हरित दुर्वा के अंकुर गणेश जी के दश नामो के साथ चढ़ाते हैं। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि गणेश स्थापना और पूजन का समय मध्यान्ह काल में प्रात: 11 से दोपहर 01:30 बजे तक है।
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन गणेशजी का मध्याहन में जन्म हुआ था। इसलिए गणेश जी की मूर्ति की स्थापना भी मध्याहनव्यापिनी तिथि में ही किया जाता है। मध्याहनव्यापिनी मतलब दोपहर के समय में गणेशजी की मूर्ति की स्थापना करें।
सज गए गणेश बाजार: गणेश उत्सव के लिए शहर के बाजार गणेश प्रतिमा की बिक्री को लेकर सजकर तैयार हो गए हैं। शहर के इन बाजारों में मिट्टी, इकोफ्रेंडली और पीओपी के गणेश जी की बिक्री होना शुरू हो गई है। इसके साथ ही गणपति जी को पहनाई जाने वाली माला, फूल, पत्ते और पुष्प आदि की बिक्री भी शुरू हो गई है।
हिन्दुस्थान समाचार / शरद शर्मा