ग्वालियर: जमकर बरसे मेघ, 30.7 मिमी हुई बारिश

 






ग्वालियर, 09 जनवरी (हि.स.)।पिछले कुछ दिनों से ग्वालियर के गगन में घने कोहरे के साथ घुमड़ रहे मेघ मंगलवार को भोर होने से पहले घनघोर गर्जना के साथ जमकर बरसे। प्रकृति के इस अनुपम उपहार से किसान गद्गद् हैं क्योंकि इस मावठे की बारिश से फसलों का उत्पादन बढऩे की संभावना जताई जा रही है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि अगले 24 घंटे के दौरान भी ग्वालियर-चंबल संभाग में कहीं-कहीं हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।

हिमालय में एक के पीछे एक आ रहे पश्चिम विक्षोभ की वजह से ग्वालियर-चंबल संभाग में दिसम्बर के अंतिम दिन से ही घने कोहरे के साथ बादल भी छाए हुए हैं। इसी क्रम में आठ जनवरी को आए पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से मंगलवार को तड़के लगभग साढ़े तीन बजे से मेघ गर्जना सुनाई देने लगी। इसके कुछ समय बाद ही बारिश शुरू हो गई जो रुक-रुककर सुबह लगभग दस बजे तक जारी रही। इस दौरान कभी मध्यम तो कभी तेज बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार आज शहर में 30.7 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है।

स्थानीय मौसम विज्ञानी हुकुम सिंह ने बताया कि वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ हिमालय में मौजूद है। इसके अलावा उत्तरी पंजाब और दक्षिण-पूर्व अरब सागर में अलग-अलग चक्रवाती परिसंचरण बने हुए हैं। इन मौसम प्रणालियों के प्रभाव से अरब सागर से हवाओं के साथ व्यापक नमी आ रही है। इसी कारण आज ग्वालियर-चंबल संभाग सहित मध्य प्रदेश के उत्तरी भाग में कुछ स्थानों पर कहीं मध्यम तो कहीं तेज बारिश हो गई। इन मौसम प्रणालियों का प्रभाव अगले 24 घंटे तक बना रहने की संभावना है। इस दौरान भी ग्वालियर-चंबल संभाग में कहीं-कहीं हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।

दिसम्बर के अंतिम दिन से ही ग्वालियर घने कोहरे की चपेट में है। हालांकि पिछले दो दिन से दोपहर में हल्की धूप निकल रही थी लेकिन मंगलवार को हुई बारिश के साथ दिनभर घने बादल छाए रहने से सूरज के दर्शन नहीं हुए। इस वजह से शहरवासी ठंड से ठिठुरते रहे। स्थानीय मौसम विज्ञान केन्द्र के अनुसार पिछले दिन की तुलना में आज अधिकतम तापमान 6.0 डिग्री सेल्सियस लुढ़क कर 14.2 डिग्री सेल्सियस पर ही ठिठक गया जो औसत से 7.9 डिग्री सेल्सियस कम है जबकि न्यूनतम तापमान 2.6 डिग्री सेल्सियस वृद्धि के साथ 10.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो औसत से 3.4 डिग्री सेल्सियस अधिक है। आज सुबह हवा में नमी 98 और शाम को भी 98 प्रतिशत दर्ज की गई। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि बुधवार को न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट हो सकती है।

फसलों को होगा फायदा: कृषि विज्ञान केन्द्र ग्वालियर के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. राजसिंह कुशवाह का कहना है कि कई वर्षों बाद पहली बार आज जोरदार मावठी बारिश हुई है। इससे पहले उन्होंने अपने जीवन में ऐसी जोरदार मावठ नहीं देखी है। यह बारिश सभी फसलों के लिए अमृत वर्षा के समान है। उन्होंने बताया कि विलंब से बोई गई सरसों, चना, मटर की फसल यदि कहीं फूल पर है तो उसमें इस बारिश से थोड़ा नुकसान हो सकता है जबकि सरसों, चना, मटर की जिस फसल में फूल डूब चुका और फलन पर आ गई है उसके लिए यह बारिश लाभदायक है। गेहूं की फसल के लिए तो यह बारिश और भी ज्यादा फायदेमंद है। खास बात यह है कि बारिश उचित समय पर हुई है। इस समय फसलों को विशेषकर गेहूं की फसल को पानी की आवश्यकता थी। इससे लाखों कीमत का पानी, बिजली, डीजल, मानव श्रम आदि की बचत हुई है। फसलों के ऊपर जो मिट्टी जम गई थी वह धुल जाने से प्रकाश संस्लेषण बढ़ेगा। जिससे पौधों में नई शाखाएं फूटेंंगी और उत्पादन में वृद्धि होगी।

हिन्दुस्थान समाचार/शरद