प्रकृति संरक्षण के लिये ग्रीन स्किलिंग को बनाना होगा जीवन का अभिन्न अंग : मंत्री टेटवाल
- “ग्रीन स्किलिंग: सतत् भविष्य के लिए ज्ञान साझा करना” कार्यशाला संपन्न
भोपाल, 23 जुलाई (हि.स.)। कौशल विकास एवं रोजगार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम टेटवाल ने मंगलवार को ग्रीन स्किलिंग सतत् भविष्य के लिये ज्ञान साझा करना विषय पर प्रदेश स्तरीय कार्यशाला का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य ग्रीन स्किलिंग में उपलब्ध संभावनाओं को तलाशना तथा विषय विशेषज्ञों के सहयोग से सतत भविष्य के लिए हरित कौशल और प्रौद्योगिकियों के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक करना है। प्रकृति संरक्षण के लिये ग्रीन स्किलिंग को जीवन का अभिन्न अंग बनाना होगा।
मंत्री टेटवाल ने कहा कि देश के विकास में आईटीआई का महत्वपूर्ण योगदान है। यहाँ से प्रशिक्षित युवा विभिन्न कौशल में निपुण होकर न केवल अपनी बल्कि पूरे देश की प्रगति में योगदान दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कौशल विकास संचालनालय ने व्यावसायिक शिक्षा के क्षेत्र में ग्रीन स्किल्स प्रशिक्षण के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की है। प्रदेश की शासकीय आईटीआई देवास, धार और छिंदवाड़ा को ग्रीन आईटीआई के रूप में विकसित किया है। इस पहल के तहत ग्रीन स्किल्स ट्रेड जैसे सोलर तकनीशियन (इलेक्ट्रिकल), स्मॉल हाइड्रो पावर प्लांट तकनीशियन, और मैकेनिक इलेक्ट्रिकल व्हीकल जैसे नए और अत्याधुनिक कोर्स शामिल किए गए हैं। इन प्रयासों से हमारी स्किल क्षमता का विस्तार हुआ है, जिससे युवाओं के लिये रोजगार तथा स्वरोजगार के बेहतर अवसर सृजित होंगे।
प्रदेश की सभी शासकीय आईटीआई में भी नवीन ट्रेड्स की शुरुआत की गई है, जिससे विद्यार्थियों को ग्रीन स्किल्स के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने का मौका मिलेगा। यह कदम सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है की हम न केवल वर्तमान की आवश्यकताओं को पूरा करेंगे, बल्कि भविष्य की चुनौतियों के लिए भी स्किल्ड मेनपॉवर तैयार करेंगे।
कौशल विकास संचालक हर्षिका सिंह ने बताया कि ग्रीन स्कीलिंग आईटीआई में ग्रीन जॉब सृजित करने, आईटीआई परिसर को सौर परिसर के रूप में विकसित करना, कम्पोस्टिंग के लिये गीले एवं सूखे कचरे का प्रबंधन और परिसर की सजावट और कुशल उपयोग के लिए वेस्ट पदार्थों का उपयोग करना, आईटीआई परिसर में ग्रीन लैंडस्केपिंग करना, वर्षा जल संचयन (रैनवाटर हार्वेस्टिंग) करना, जीरो वेस्ट और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देना आदि के लिये कार्ययोजना निर्मित की है। आईटीआई में ग्रीन स्कीलिंग से संबंधित कोर्स के संचालन के लिये उद्योगों के साथ ड्यूल सिस्टम ऑफ ट्रेनिंग (डीएसटी) के एमओयू निष्पादित किए गये हैं।
कार्यशाला में ग्रीन स्किलिंग से संबंधित विभिन्न सत्रों में विषय- विशेषज्ञों द्वारा प्रस्तुतिकरण दिया गया। स्वाहा रिसोर्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड इंदौर के समीर शर्मा, द्वारा स्वाहा रिसोर्स मैनेजमेंट की सस्टेनबल और प्रतिभा अधिग्रहण में विशेषज्ञता पर एवं जानकी इमानी हैदराबाद द्वारा एसडीजी 2030 लक्ष्यों के तहत सस्टेनबल वस्त्रों के लिए विशेषज्ञों का कौशल उन्नयन पर प्रस्तुतिकरण किया गया। ओम्बक लाइफ चेन्नई की श्रुति प्रकाश ने फर्नीचर तथा गृह सजावट के लिए ग्रीन मटेरियल पर, मुख्य महाप्रबंधक, मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के सौरभ श्रीवास्तव द्वारा गैर पारंपरिक उर्जा के प्रति प्रेरक कौशल और गैर पारंपरिक ऊर्जा के पर्यावरणीय लाभ पर प्रस्तुतिकरण दिया गया।
उद्योगों के प्रतिनिधियों में पीएसडीसीसीआई मध्यप्रदेश के अध्यक्ष संजीव अग्रवाल द्वारा स्किलिंग पर, साइनटेक टेक्नोलॉजीज़ प्राइवेट लिमिटेड के अम्बरीश केला द्वारा हरित कौशल प्रौद्योगिकी पर एवं इकोफेव सर्विस प्राइवेट लिमिटेड, इंदौर के संजय शर्मा द्वारा स्थायी व्यापारिक उपायों और प्रतिस्पर्धा वेतन के साथ अपने भविष्य को कैसे आकार दें, आदि विषय पर प्रस्तुतिकरण दिया गया।
प्रदेश की सभी शासकीय आईटीआई के प्रिंसीपल, ट्रेनर सहित सौर ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन, जल विद्युत, ग्रीन अप्रैल इत्यादि से संबंधित उद्योगों के प्रतिनिधि, विषय विशेषज्ञ और सतत स्किलिंग में काम कर रहे उद्यमी उपस्थित रहे। कार्यशाला में सचिव कौशल विकास रघुराज राजेन्द्रन एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड सोमेश मिश्रा उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर / उम्मेद सिंह रावत