जबलपुरः कॉफी विद एक्सपर्ट कार्यक्रम में फूड प्रोसेसिंग सेक्टर पर हुई चर्चा
जबलपुर, 10 सितंबर (हि.स.)। निवेशकों को निवेश परियोजनाओं की स्थापना एवं क्रियान्वयन में सहायता उपलब्ध कराने कलेक्टर कार्यालय में स्थापित निवेश प्रोत्साहन केंद्र में नवाचार के तौर पर शुरू किये गये काफी विद एक्सपर्ट की श्रृंखला के दूसरे कार्यक्रम में मंगलवार को फूड प्रोसेसिंग सेक्टर पर आधारित कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में एक जिला एक उत्पाद के तहत जिले के लिये चयनित हरा मटर पर विशेष रूप से चर्चा की गई।
निवेश प्रोत्साहन केंद्र में आयोजित कॉफी विद एक्सपर्ट के आज के कार्यक्रम में कलेक्टर दीपक सक्सेना भी विशेष तौर पर मौजूद थे। उन्होंने अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि जिले में निवेश की बड़ी परियोजनायें स्थापित करने के इच्छुक निवेशकों की सहायता के लिये स्थापित किये गये निवेश प्रोत्साहन केंद्र में नव निवेशको को भी मार्गदर्शन दिया जायेगा। इसके लिये विशेषज्ञों की उपलब्धता यहाँ सुनिश्चित की गई है तथा मार्गदर्शन और सहायता के लिये अधिकारियों को तैनात किया गया है। उन्होंने स्वयं की इकाई स्थापित करने के इच्छुक युवाओं से भी निवेश प्रोत्साहन केंद्र का लाभ लेने का आग्रह किया और काफी विथ एक्सपर्ट कार्यक्रम में प्रत्येक सप्ताह अलग अलग सेक्टर में होने वाली चर्चा में भाग लेकर नवीन उद्योग स्थापित करने हेतु प्रेरित किया।
कार्यक्रम में फूड प्रोसेसिंग सेक्टर पर आधारित प्रेजेंटेशन जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक विनीत कुमार रजक ने दिया। फेडरेशन ऑफ मध्यप्रदेश चेंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष हिमांशु खरे, उपसंचालक कृषि डा एस के निगम, उपसंचालक उद्यानिकी डॉ नेहा पटेल, एजीएम नाबार्ड अपूर्व गुप्ता, लीड बैंक मैनेजर दिवाकर ठाकुर, जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय से मोनी थॉमस, जीएसटी अधिकारी राजेन्द्र कुशराम, खाद्य सुरक्षा अधिकारी पंकज श्रीवास्तव, प्रो यू एस शिवहरे, सफल उद्यमी के रूप में गिरीश गजभिए, अशोक पर्यानी, मुकेश जैन ने चर्चा में भाग लिया।
चर्चा के दौरान विषय विशेषज्ञों द्वारा बताया गया कि फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में जबलपुर में निवेश हेतु अनुकूल परिस्थितियां उपलब्ध हैं। यहाँ बहुतायत में हरा मटर, राइस, दाल, सब्जियों इत्यादि का उत्पादन होता है। विशेषकर जबलपुर के हरे मटर की स्वादिष्ट होने से देश के विभिन्न राज्यों में मांग है। यहां से फ्रोजन हरा मटर एक्सपोर्ट भी होता है। इसकी प्रोसेसिंग की बहुत संभावना है।
कार्यक्रम में फूड प्रोसेसिंग इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहित करने शासन द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं एमएसएमई प्रोत्साहन योजना, पीएमएफएमई योजना एवं खाद्य प्रसंस्करण योजना की जानकारी विस्तार पूर्वक दी गई। इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद युवाओं की जिज्ञासाओं का भी विषय विशेषज्ञों द्वारा समाधान किया गया।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर