बांधवगढ़ के रिसोर्ट में पर्यटक खा रहे गरीबों का सरकारी नमक

 


उमरिया, 13 दिसंबर (हि.स.)। मध्‍य प्रदेश के उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व क्षेत्र में स्थित रिसॉर्टों में रीवा और शहडोल की खाद्य सुरक्षा टीम द्वारा लगातार की जा रही छापेमारी में फिर हुआ बड़ा खुलासा। इस छापे ने जहां उमरिया जिले में पदस्थ फूड एंड ड्रग अधिकारी की कलई खोल दी तो वहीं बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व क्षेत्र में बने रिसॉर्टों में पर्यटकों के साथ भोजन में की जा रही धोखा धडी का भी खुलासा हो गया है।

खाद्य सुरक्षा विभाग की रीवा और शहडोल की उड़नदस्ता टीम द्वारा बांधवगढ़ स्थित रिसोर्ट में खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की जाँच के लिए चलाए जा रहे विशेष अभियान में किस तरह की गंभीर अनियमितताएं पाई गईं। जांच के दौरान ओलिव होटल एवं रिसोर्ट में किचन की जाँच के दौरान चाईनीज खाद्य पदार्थों को बनाने में अखाद्य कॉर्न फ़्लोर का उपयोग होना पाया गया, वह भी जिसका उपयोग कपड़ों को कलफ़ करने में किया जाता है, ऐसी अखाद्य कॉर्न फ्लोर के इस्तेमाल से मानव स्वास्थ्य के लिए गंभीर ख़तरा होने की संभावना है। मौक़े से समस्त कॉर्न फ़्लोर के नमूने ज़ब्त किए गए।

जाँच के दौरान किचन के फ्रिज में कॉकरोच चलते हुए पाए गए, जिस पर संचालक के विरुद्ध खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई की जा रही है। वहीं टीम द्वारा एक अन्य रिसोर्ट धरोहर कोठी की भी जाँच की गई, जिसमें छत्तीसगढ सरकार द्वारा गरीबों को वितरित किए जाने वाला निःशुल्क नमक अमृत, रेस्टोरेंट में उपयोग करते पाया गया, जिसके 32 पैकेट मौक़े से ज़ब्त किए गए, इतना ही नहीं संचालक के पास एफ एस एस ए आई का लाइसेंस भी नहीं पाया गए। संचालक द्वारा एफ़ एस एस ए आई और रजिस्ट्रेशन बनवाया गया था जो कि छोटे खाद्य कारोबार कर्ता के लिए होता है।

कार्रवाई के दौरान मैनेजर अमित शुक्ला द्वारा दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कर उनको काट दिया गया एव कार्यवाही में असहयोग किया गया। संचालक जयवर्धन कुरोथे एव मैनेजर अमित शुक्ला के विरुद्ध खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई भी की जा रही है।

गौरतलब है कि इसी तरह यदि हर रिसॉर्ट और जिले के बड़े मिष्ठान भंडारों में छापेमारी की जाय तो इससे भी भारी अनियमितताएं सामने आएंगी जो इंसानों के स्वास्थ के लिए हानिकारक होंगी।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / सुरेन्‍द्र त्रिपाठी